क्या माफी मांगेंगे केजरीवाल आइएएस एसोसिएशन के एक सदस्य ने साफ कहा है कि माफी मांगे जाने का मुद्दा अभी जिंदा है। यदि सुलह की बात होती है तो केजरीवाल और सिसोदिया को 19 फरवरी की घटना के लिए माफी मांगनी ही होगी। अन्यथा हम लोगों के विरोध प्रदर्शन कोई मतलब नहीं रह जाएगा। बता दें कि रविवार को आइएएस एसोसिएशन द्वारा दिल्ली सरकार में काम करते हुए हो रही परेशानी पर अपनी व्यथा रखे जाने के बाद केजरीवाल ने अधिकारियों को अपने परिवार का सदस्य बताया था तथा उन्हें सुरक्षा देने की बात कही थी। इसके बाद आइएएस एसोसिएशन ने भी कुछ नरमी दिखाई। एसोसिएशन ने सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल से बात करने के लिए हामी भरी। देश की राजधानी दिल्ली में मचे राजनीतिक और प्रशासनिक घमासान के बीच सबकी निगाहें अब सीएम अरविंद केजरीवाल के इस रुख पर लगी हैं कि वे पिछले एक सप्ताह से चल रहे विवाद खत्म करने के लिए दिल्ली के आइएएस अधिकारियों को बुलाते हैं या नहीं। इस कड़ी में मंगलवार को आइएएस अधिकारियों ने कहा कि वे औपचारिक बातचीत के लिए अरविंद केजरीवाल के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये संभावित बैठक दिल्ली सचिवालय में बुलाई जा सकती है और इसमें फरवरी महीने में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई बदसलूकी से बने हालात के बाद कोई परिणाम निकलेगा। आइएएस अधिकारियों की ओर से यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बैठक बुलाने की गुजारिश की है, ताकि दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच गतिरोध को खत्म किया जा सके। मनीष सिसोदिया की पहल के बाद अब आइएएस अधिकारी दिल्ली के सीएम के साथ बैठक की बाट जोह रहे हैं, जिसमें उम्मीद है कि वे उनकी सुरक्ष को जरूरी कदम उठाने के बारे में बात करेंगे।

सबसे बड़ा सवालः क्या Sorry बोलेंगे केजरीवाल, सरकार और नौकरशाही के बीच सुलह नहीं आसान

उपराज्यपाल के दफ्तर में अरविंद केजरीवाल सरकार का धरना मंगलवार को 9वें दिन में प्रवेश कर गया। वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार और नौकरीशाही नरम तो नजर आ रही है, लेकिन दोनों ही अपने रुख पर कायम नजर आ रहे हैं। बावजूद इसके माना जा रहा है कि सुलह की राह आसान नहीं है। यहां मुख्य मुद्दा सरकार और नौकरशाही के बीच विश्वास समाप्त हो जाने का है। बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल सरकार के प्रति अधिकारियों में विश्वास कैसे पैदा होगा।क्या माफी मांगेंगे केजरीवाल  आइएएस एसोसिएशन के एक सदस्य ने साफ कहा है कि माफी मांगे जाने का मुद्दा अभी जिंदा है। यदि सुलह की बात होती है तो केजरीवाल और सिसोदिया को 19 फरवरी की घटना के लिए माफी मांगनी ही होगी। अन्यथा हम लोगों के विरोध प्रदर्शन कोई मतलब नहीं रह जाएगा।  बता दें कि रविवार को आइएएस एसोसिएशन द्वारा दिल्ली सरकार में काम करते हुए हो रही परेशानी पर अपनी व्यथा रखे जाने के बाद केजरीवाल ने अधिकारियों को अपने परिवार का सदस्य बताया था तथा उन्हें सुरक्षा देने की बात कही थी। इसके बाद आइएएस एसोसिएशन ने भी कुछ नरमी दिखाई। एसोसिएशन ने सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल से बात करने के लिए हामी भरी।  देश की राजधानी दिल्ली में मचे राजनीतिक और प्रशासनिक घमासान के बीच सबकी निगाहें अब सीएम अरविंद केजरीवाल के इस रुख पर लगी हैं कि वे पिछले एक सप्ताह से चल रहे विवाद खत्म करने के लिए दिल्ली के आइएएस अधिकारियों को बुलाते हैं या नहीं। इस कड़ी में मंगलवार को आइएएस अधिकारियों ने कहा कि वे औपचारिक बातचीत के लिए अरविंद केजरीवाल के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये संभावित बैठक दिल्ली सचिवालय में बुलाई जा सकती है और इसमें फरवरी महीने में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई बदसलूकी से बने हालात के बाद कोई परिणाम निकलेगा।  आइएएस अधिकारियों की ओर से यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बैठक बुलाने की गुजारिश की है, ताकि दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच गतिरोध को खत्म किया जा सके।  मनीष सिसोदिया की पहल के बाद अब आइएएस अधिकारी दिल्ली के सीएम के साथ बैठक की बाट जोह रहे हैं, जिसमें उम्मीद है कि वे उनकी सुरक्ष को जरूरी कदम उठाने के बारे में बात करेंगे।

बता दें कि दिल्ली में सरकार और नौकरशाही के बीच लगभग चार माह से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल की अपील के बाद भले ही अधिकारियों ने अपने रुख में कुछ नरमी दिखाई हो, मगर  वहीं उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सुलह के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखकर एक नया मुद्दा छेड़ दिया है। जिसमें मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा है कि कानून व्यवस्था और सेवाएं विभाग उपराज्यपाल के पास हैं। इसलिए बैठक में उपराज्यपाल भी मौजूद रहें और अधिकारियों की सुरक्षा की गारंटी लें। जबकि यहां समझने वाली बात यह है कि अधिकारी पुलिस सुरक्षा नहीं मांग रहे हैं।

धरने पर अब केवल केजरीवाल और गोपाल राय

राजनिवास के प्रतीक्षालय में अनशन कर रहे मंत्री सत्येंद्र जैन रविवार देर रात एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हो गए। वहीं सिसोदिया भी सोमवार को अस्पताल में भर्ती हो गए। अब केजरीवाल और मंत्री गोपाल राय धरने पर हैं। केजरीवाल अब विवाद को सुलझाने की जल्दी में दिख रहे हैं।

क्या माफी मांगेंगे केजरीवाल

आइएएस एसोसिएशन के एक सदस्य ने साफ कहा है कि माफी मांगे जाने का मुद्दा अभी जिंदा है। यदि सुलह की बात होती है तो केजरीवाल और सिसोदिया को 19 फरवरी की घटना के लिए माफी मांगनी ही होगी। अन्यथा हम लोगों के विरोध प्रदर्शन कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

बता दें कि रविवार को आइएएस एसोसिएशन द्वारा दिल्ली सरकार में काम करते हुए हो रही परेशानी पर अपनी व्यथा रखे जाने के बाद केजरीवाल ने अधिकारियों को अपने परिवार का सदस्य बताया था तथा उन्हें सुरक्षा देने की बात कही थी। इसके बाद आइएएस एसोसिएशन ने भी कुछ नरमी दिखाई। एसोसिएशन ने सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल से बात करने के लिए हामी भरी।

देश की राजधानी दिल्ली में मचे राजनीतिक और प्रशासनिक घमासान के बीच सबकी निगाहें अब सीएम अरविंद केजरीवाल के इस रुख पर लगी हैं कि वे पिछले एक सप्ताह से चल रहे विवाद खत्म करने के लिए दिल्ली के आइएएस अधिकारियों को बुलाते हैं या नहीं। इस कड़ी में मंगलवार को आइएएस अधिकारियों ने कहा कि वे औपचारिक बातचीत के लिए अरविंद केजरीवाल के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये संभावित बैठक दिल्ली सचिवालय में बुलाई जा सकती है और इसमें फरवरी महीने में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई बदसलूकी से बने हालात के बाद कोई परिणाम निकलेगा।

आइएएस अधिकारियों की ओर से यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बैठक बुलाने की गुजारिश की है, ताकि दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच गतिरोध को खत्म किया जा सके।

मनीष सिसोदिया की पहल के बाद अब आइएएस अधिकारी दिल्ली के सीएम के साथ बैठक की बाट जोह रहे हैं, जिसमें उम्मीद है कि वे उनकी सुरक्ष को जरूरी कदम उठाने के बारे में बात करेंगे।

 
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com