पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के प्रयास में विपक्ष द्वारा अवरोध पैदा किये जाने के बाद सरकार ने ओबीसी की विभिन्न वंचित जातियों में पैठ बनाने का दूसरा रास्ता खोज लिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने ओबीसी की केंद्रीय सूची के वर्गीकरण के लिए आयोग बनाने को मंजूरी दे दी. यह एक तरह से यह कोटा के अंदर कोटा होगा. जबकि सरकार ओबीसी में क्रीमी लेयर की आय सीमा को छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है.
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बता दें कि कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि एक आयोग बनाया जाएगा है जो ओबीसी के वर्गीकरण पर विचार करेगा. अध्यक्ष की नियुक्ति के 12 हफ्ते के भीतर यह अपनी रिपोर्ट भी देगा. इसे तीन बिंदुओं पर फैसला करना है जिनमे केंद्रीय सूची में शामिल जातियों को क्या उनकी संख्या के अनुरूप सही अनुपात में आरक्षण का लाभ मिल रहा है. इसका वर्गीकरण कैसा हो आयोग इसके मापदंडों पर भी विचार करेगा.पिछड़ा वर्ग आयोग ने तीन वर्गों में वर्गीकरण सुझाया था. इनमे पिछड़ा, दूसरा ज्यादा पिछड़ा है और तीसरा जो अतिपिछड़ा वर्ग शामिल है.
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उल्लेखनीय है किआंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, झारखंड सहित दस राज्यों में पहले ही ऐसी व्यवस्था है. अब केंद्रीय सूची में यह होगा. यह फैसला भले ही सामाजिक समानता के मुद्दे से जुड़़ा है लेकिन इसका राजनीतिक संदर्भ बहुत बड़ा है. जेटली ने देश में आरक्षण प्रणाली पर पुनर्विचार से इन्कार करते हुए कहा कि इस संबंध में सरकार के पास न तो कोई प्रस्ताव है और न ही भविष्य में ऐसा प्रस्ताव होगा.
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