सहारनपुर में सिर्फ कागज पर चल रहे 17 मदरसे, मान्यता हुई रद्द

सहारनपुर में सिर्फ कागज पर चल रहे 17 मदरसे, मान्यता हुई रद्द

योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों को अनिवार्य रूप से ऑनलाइन होने का आदेश दिए जाने के बाद फर्जी मदरसों की कलई खुलने लगी है. अगस्त में ये आदेश जारी करने के साथ यूपी सरकार की ओर से मदरसा बोर्ड पोर्टल लॉन्च किया गया. इस पोर्टल पर यूपी के सभी मदरसों को रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया गया. सरकार की ओर से इस पोर्टल को शुरू करने का मकसद वेतन भुगतान, स्कॉलरशिप समेत तमाम दिक्कतों का निपटारा तत्काल ऑनलाइन ही करना है. सरकार का मानना है कि इससे मदरसों में पूरी तरह पारदर्शिता आएगी.सहारनपुर में सिर्फ कागज पर चल रहे 17 मदरसे, मान्यता हुई रद्दअभी-अभी: आवारा सांड ने पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की ली जान

मदरसों को ऑनलाइन करने की सरकारी कवायद का एक सकारात्मक पहलू ये रहा है कि महज कागज पर चल रहे फर्जी मदरसों की सच्चाई सामने आने लगी है. अकेले सहारनपुर के 90 मदरसों में से 17 मदरसे फर्जी पाए गए. कहीं कोई वजूद नहीं होने के बावजूद इन 17 फर्जी मदरसों की कागज पर मौजूदगी दिखाकर सरकारी खजाने को जमकर चूना लगाया जा रहा था.    

बीते कई साल से सरकारी सहायता के नाम पर करोड़ों रुपए डकार रहे इन मदरसों से जैसे ही सरकार ने सारी जानकारी मांगते हुए ऑनलाइन पोर्टल पर आने के लिए कहा, वैसे ही इनका फर्जीवाड़ा सामने आ गया.

सहारनपुर के जिलाधिकारी पी के पांडेय ने अपनी जांच में पाया कि जिले में फर्जी मदरसों के नाम पर फर्जी छात्र, फर्जी शिक्षक, फर्जी स्कॉलरशिप और फर्जी बिल्डिंग दिखाकर करोड़ों रुपए की बंदरबांट की जा रही थी. प्रशासन ने कागज पर चल रहे इन मदरसों को नोटिस भेजे हैं. साथ ही इनके पीछे जो कर्ताधर्ता और सोसाइटी हैं, उन्हें चिह्नित कर जवाब तलब करने की तैयारी हो रही है.      

छात्रों को देने के नाम पर ये फर्जी मदरसे स्कॉलरशिप के तौर पर लगातार सरकारी खजाने को चोट पहुंचाते रहे हैं. इस पैसे की रिकवरी के लिए प्रशासन ने नोटिस भी जारी किए हैं. साथ ही फर्जी मदरसों का संचालन दिखाने वालीं समितियों को भी ब्लैक लिस्टेड किया गया है.   

अभी 62 मदरसों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है. इस रिपोर्ट के आने के बाद फर्जी मदरसों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है.  

ये है सहारनपुर के वे 17 मदरसे, जिनके कागज पर नाम और पते तो दिखाए गए लेकिन जांच की गई तो  बिल्डिंग, छात्र, शिक्षक सभी अदृश्य मिले.  

1.   अल नजीब शिफाउल उलूम, ग्राम जगहैता नजीब, तहसील नकुड़

2.   मदरसा जामिया आईसा इस्लाहुल बनात, गांव खैरपर, कुंडाकला, गंगोह

3.मदरसा ब्राइट होम, ग्राम सांगाठेड़ा, गंगोह

4.मदरसा दारुल उलूम, सौलतिया गंगोह

5. मदरसा फैज-ए- आम, गांव शेरपुर, तहसील रामपुर मनिहारान

6. मदरसा फैज-ए-आम, आजाद कॉलोनी, सहारनपुर

7. मदरसा चिरागुल उलूम असदिया, आजाद कॉलोनी, सहारनपुर

8.मदरसा जामिया उम्मे ताबिबंदा, मोहल्ला बंजारन जाटवान 

9.मदरसाइस्लामिक महमूदिया, अरबी फारसी सिराज कॉलोनी, खाताखेड़ी

10. मदरसा सर दीदार अरबी फ़ारसी विकास कॉलोनी खाताखेड़ी

11. मदरसा मुजफ्फर इस्लामिक एकेडमी

12. मदरसा जामिया इस्लामिक एकेडमी, गांव भाटोल, देवबंद

13. मदरसा मुजफ्फर इस्लामिक एकेडमी, बलियाखेडी

14. मदरसा जामिया मैराजुल उलूम, शेखपुरा कदीम

15. मदरसा शहीद ए आजम, सुनहैटी खडखडी

16. मदरसा जामिया मारिफ़ुल कुरान, मिर्जापुर

17. मदरसा इलाही वक्फ़, मोहिद्दीनपुर  

सहारनपुर के जिलाधिकारी पी के पांडेय के मुताबिक मदरसों के पतों का सत्यापन कराया गया तो इन 17 मदरसों का वहां कोई वजूद नहीं मिला. इन मदरसों को निरस्त करने की कार्रवाई की गई है. बाकी मदरसों का सत्यापन अभी चल रहा है. जो भी फर्जी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.  

यूपी सरकार के अल्पसंख्यक विभाग को फर्जी मदरसों की जिलेवार सूचियां पहुंचने लगी हैं. राज्य प्रशासन कार्रवाई से पहले अच्छी तरह जांच कर लेना चाहता है. यूपी के अल्पसंख्यक विभाग के राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख के मुताबिक फर्जी मदरसों की संख्या हजारों में हो सकती है.

राज्य अल्पसंख्यक विभाग के मुताबिक फर्जीवाड़ा सिर्फ राज्य सरकार से सहायता प्राप्त मदरसों में ही नहीं बल्कि केंद्र की सहायता से चलने वाले मदरसों में भी हो सकता है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने कुल 19213 मदरसों को मान्यता दी थी लेकिन सिर्फ 16500 मदरसे ही सरकारी पोर्टल पर सामनेआए. उत्तर प्रदेश में 8521 ऐसे मदरसे थे जो केंद्र सरकार की योजनाओं सेसंचालित होते थे, इनमें से भी 8310 मदरसे ही पोर्टल पर सामने आए. राज्य अल्पसंख्यक विभाग के मुताबिक सरकार की कोशिश उन मदरसों को मजबूत करने की है जो तमाम गाइडलाइंस का पालन करते हुए अच्छे ढंग से चल रहे हैं. 

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