नई दिल्ली। योगी सरकार ने सहारनपुर हिंसा की जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में सहारनपुर में हुई सांप्रदायिक और जातीय हिंसा के लिए प्रशासन की लापहरवाही के अलावा भीम सेना और एक बीजेपी सांसद को जिम्मेदार ठहराया गया है।
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गृह मंत्रालय को भेजी गई छह पन्नों की इस रिपोर्ट के मुताबिक, भीम आर्मी ने सहारनपुर में जातीय हिंसा को हवा दी। वहीं प्रशासन की नाकामी ने भी इस हिंसा को भड़कने में मदद किया। सहारनपुर के डीएम और एसएसपी के बीच तालमेल नहीं था, जिससे हिंसा को काबू नहीं किया जा सका।
इस रिपोर्ट में लिखा है, ‘सहारनपुर हिंसा में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर और बीएसपी के पूर्व विधायक रविंदर उर्फ मोलू ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिंसक प्रदर्शन किए।
चंद्रशेखर की अगुआई में भीम आर्मी ने राजपूत और दलितों के बीच जानबूझकर हिंसा भड़काने का काम किया। यही नहीं जब हिंसा जारी थी, तो आसपास के इलाके के कुछ असामाजिक तत्वों ने, जो अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, सहारनपुर की घटना से राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिक की।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सहारनपुर की हिंसा एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी. यहां विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने कई मौकों पर हिंसा भड़काने का काम किया है। इस रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से लिखा गया है कि कैसे और कब-कब हिंसा भड़काने की कोशिश की गई।
यही नहीं बीजेपी के सांसद राघव लखनपाल की भूमिका को भी रिपोर्ट में आपत्तिजनक माना गया है और उन्हें भी गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदारी ठहराया गया है।
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