सामानों की गुणवत्ता पर भारत की सख्ती से चीन को हुआ भारी नुकसान

सामानों की गुणवत्ता पर भारत की सख्ती से चीन को हुआ भारी नुकसान

सामानों के आयात को लेकर भारत नियमों में सख्ती करने जा रहा है जिससे सबसे बड़ा नुकसान चीन को होगा। दरअसल भारत उपभोक्ता और पूंजीगत माल के आयात को लेकर गुणवत्ता नियंत्रण नियमों पर सख्ती करने की तैयारी में है। अधिकारियों का कहना है कि इसकी वजह से चीन से आने वाले सस्ते सामानों पर रोक लग सकती है।सामानों की गुणवत्ता पर भारत की सख्ती से चीन को हुआ भारी नुकसानPM मोदी हर साल की तरह इस बार भी जवानों संग मनाएंगे दिवाली

इसकी वजह से चीन और भारत के बीच पिछले दिनों लगभग दो महीने चली तनातनी के बाद एक बार फिर संबंधों में कड़वाहट आ सकती है। नए नियमों से खिलौने, बिजली के सामान, मशीनरी, खाद्य प्रसंस्करण, निर्माण और रसायन जैसे क्षेत्र प्रभावित होंगे, जिनमें कि चीन का दबदबा है। 

वहीं इससे भी बड़ा झटका उन कंपनियों को लगेगा जो भारत के अरबों डॉलर के बिजली ट्रांसमिशन और दूरसंचार व्यवसाय में प्रवेश करने की योजना में हैं। वहीं दिवाली के मौसम से पहले नए नियमों के चलते भारत के उन खिलौना विक्रेताओं पर कारोबार पर असर पड़ेगा जो खिलौना कार से लेकर म्यूजिकल फोन और रोबोट चीन से मंगा रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के सभी क्षेत्रों के लिए करीब 23 हजार मानक हैं, जिनमें से कई पूरी तरह लागू नहीं किए जा रहे हैं। अब सरकारी विभागों से कहा गया है कि वे लेबोरेटरी टेस्ट और मौके पर जांच करके ताकि सामानों की गुणवत्ता और नियमों को सुनिश्चित करें। 

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग प्रमुख रमेश अभिषेक ने बताया कि हमने इस काम की शुरुआत युद्ध स्तर पर की है। देश में हम जितने भी सामानों का इस्तेमाल कर रहे हैं सभी के लिए गुणवत्ता नियंत्रण का आदेश दिया गया है। नए नियम विदेशी और घरेलू सभी विनिर्माताओं पर लागू होंगे। 

चीन के कब्जे वाले सामान निशाने पर

व्यापार नीति से संबंधित कुछ लोगों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि नए नियमों से ऐसे सामानों को लक्षित किया जा रहा है जिन पर चीन का दो तिहाई कब्जा है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण खिलौने और स्टील से बने सामान हैं जिनकी खराब गुणवत्ता को लेकर काफी शिकायतें हैं। 

भारतीय इस्पात सचिव अरुण शर्मा ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि चीन जिन अर्द्धनिर्मित और निर्मित सामानों को भेज रहा है वे बीआईएस गुणवत्ता के नहीं हैं। 

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