कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज सीएस कर्णन पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जस्टिस कर्णन ने देश के न्यायिक ढांचे पर सवाल उठाकर उसे देश ही नहीं दुनिया भर में मजाक का पात्र बना दिया है। कोर्ट ने कहा कि उनके इसी व्यवहार की वजह से न्यायलय की अवमानना हुई है, जिसके बाद उन्हें छह महीने की सजा सुनाई गई है। कर्णन के खिलाफ बैठी पीठ ने कहा कि उनके व्यवहार ने न्यायाधीशों और न्यायपालिका की छवि पूरी तरह खराब कर दिया है।
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चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि पूर्व जज के दुर्रव्यवहार के बाद ही उनके खिलाफ ये कदम उठाया गया है और कोर्ट को अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने कोर्ट के सामने ही उसकी अवमानना की और इसलिए हमें तस्ल्ली है कि उन्हें सजा दी गई।
सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने कहा कि इस तरह के हालातों के बाद जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर फिर से गौर किया जाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी ओर संबोधित किए गए पत्रों की सामग्री में उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ परिवादात्मक सामग्री शामिल थी।
इसमें प्रशासन के तीनों विधायिका, कार्यकारी और न्यायपालिका सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारियों को संबोधित किया गया। कोर्ट ने कहा कि उनकी ये हरकतें देश की मीडिया ही नहीं विदेशी मीडिया की खबरों में भी छाई रहीं।