
#बड़ी खबर: पकड़ा गया योगी सरकार का सबसे बड़ा घोटाला, गायब हुए 800 करोड़ रूपये नहीं मिला हिसाब
1947 की आजादी में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रमुख योगदान है।
1857 से शुरू हुआ आजादी का बिगुल 1942 में जाकर के पूरा हुआ था।
9 अगस्त को इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन काकोरी कांड हुआ था।
जयप्रकाश नारायण, लोहिया ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था। क्योंकि सभी बड़े नेताओं को अंग्रेजों ने नजरबंद किया था।
जनता ने गांधी द्वारा दिए गए करो या मरो के नारे को बिलकुल अपना लिया था।
भारत के आजाद होने के साथ ही ब्रिटेन का पूरी दुनिया से औपनिवेशवाद खत्म हो गया था।
1942 में देश का हर आदमी नेता बन गया था।
भारत के लिए इतने सालों में अवसर काफी बढ़ गए हैं।
मिलकर काम हो तो गांधी का सपना पूरा होगा।
हम कई समस्याओं के खिलाफ काफी अच्छे से काम कर सकते हैं।
हम ईमानदारी का संकल्प करके देश को आगे ले जा सकते हैं।
दल से बड़ा देश, राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति।
गांव छोड़कर लोग शहर की तरफ रुख कर रहे हैं।
हम मिलकर काम करेंगे तो सफलता मिलेगी।
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना भ्रष्टाचार की वजह से पीछे छूट गया है।
छोटी-छोटी बातों पर लोग हिंसक हो रहे हैं। ट्रैफिक जाम पर लोग लड़ लेते हैं।
जीएसटी किसी एक के लिए नहींं बल्कि पूरे देश के लिए कामयाबी की बात है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वो शुक्रगुजार हैं कि कांग्रेस द्वारा आयोजित इस आंदोलन में भाग लिया था, जिसकी नींव महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल ने रखी थी।
करो या मरो के नारे से पूरे देश को उत्तेजित कर दिया था।
नेहरू ने अपना सबसे लंबा वक्त जेल में इस आंदोलन के दौरान बिताया।
कई लोग भूमिगत हो गए थे। सत्याग्रहियों को डराने के लिए महिलाओं को भी अंग्रेज सरकार ने नहीं बख्शा था।
आंदोलन के दौरान कई कांग्रेसी जेल में मर गए थे। महिलाओ ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था।
बिना नाम लिए किया RSS पर हमला, कहा ऐसे संगठनों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा।
ये ऐसे संगठन थे जो इस आंदोलन के शुरू से खिलाफ थे।
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि 75 साल पहले 1942 में भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराना बड़ी जिम्मेदारी थी। लेकिन अब विषय काफी अलग हैं। आज हम शपथ लेते हैं कि भारत को 2022 तक गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, जातिवाद से मुक्ति दिलाएं।
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