उन्होंने उड़ीक फिल्म में इससे पहले काम किया था, जो शहीद भगत सिंह की जिंदगी पर आधारित थी। बोली कि फिल्म करने के बाद उन्हें लंबा इंतजार अपने अगले किरदार को पाने में लगा। ऐसे में उन्हें अपने दोस्तों से ये सहारा मिला कि वह ऑनलाइन अपना टेलेंट लोगों तक दिखाती रहें। खुशी ने कहा कि अगर आपकी जान पहचान इंडस्ट्री में ज्यादा न हो तो पहले आपको कई वर्ष केवल अपनी पहचान बनाने में लग जाते हैैं, मेरे लिए अपना सफर आसान नहीं था। मगर धीरे-धीरे ये राह आसान होने लगती है। बस, आपको संघर्ष करते रहना चाहिए, बेशक इसके लिए आपको सोशल साइट्स का ही सहारा लेना पड़े।

सोशल साइट्स की बदौलत मिली फिल्मों में एंट्री, आज बना दी पहचान

यूं ती उड़ीक फिल्म से मेरा डेब्यू हुआ था। मगर फिल्म इंडस्ट्री में इतनी जल्दी आपको पहचान नहीं मिलती। ऐसे में मैंने अपना टैलेंट यूट्यूब पर दिखाना शुरू किया। यहां मेरी एक्टिंग स्क्ल्सि को काफी प्रोत्साहन मिला, जिसकी वजह से मुझे एक दिन कॉल आया और कहा गया कि आपको ऑडीशन के लिए आना है। मेरा ऑडीशन कामयाब रहा और यूं मेरी फिर से एंट्री हुई फिल्म इंडस्ट्री में।उन्होंने उड़ीक फिल्म में इससे पहले काम किया था, जो शहीद भगत सिंह की जिंदगी पर आधारित थी। बोली कि फिल्म करने के बाद उन्हें लंबा इंतजार अपने अगले किरदार को पाने में लगा। ऐसे में उन्हें अपने दोस्तों से ये सहारा मिला कि वह ऑनलाइन अपना टेलेंट लोगों तक दिखाती रहें।  खुशी ने कहा कि अगर आपकी जान पहचान इंडस्ट्री में ज्यादा न हो तो पहले आपको कई वर्ष केवल अपनी पहचान बनाने में लग जाते हैैं, मेरे लिए अपना सफर आसान नहीं था। मगर धीरे-धीरे ये राह आसान होने लगती है। बस, आपको संघर्ष करते रहना चाहिए, बेशक इसके लिए आपको सोशल साइट्स का ही सहारा लेना पड़े।

जालंधर की एक्ट्रेस खुशी मल्होत्रा कुछ इन शब्दों में अपने संघर्ष के दिनों को याद करती हैं। वह प्रेस क्लब-27 में अपनी आगामी फिल्म की प्रोमोशन के लिए पहुंची। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में इन दिनों काफी प्रतियोगिता है, मगर सोशल साइट्स आपकी राह आसान बनाता है। ये ऐसा प्लेटफॉर्म है जो कभी आपको लोगों से दूर नहीं होने देता। मेरे अनुसार युवा कलाकारों के लिए ये बेस्ट मीडियम है। खुशी के अनुसार अभी पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में काफी बदलाव आया है।

उन्होंने उड़ीक फिल्म में इससे पहले काम किया था, जो शहीद भगत सिंह की जिंदगी पर आधारित थी। बोली कि फिल्म करने के बाद उन्हें लंबा इंतजार अपने अगले किरदार को पाने में लगा। ऐसे में उन्हें अपने दोस्तों से ये सहारा मिला कि वह ऑनलाइन अपना टेलेंट लोगों तक दिखाती रहें।

खुशी ने कहा कि अगर आपकी जान पहचान इंडस्ट्री में ज्यादा न हो तो पहले आपको कई वर्ष केवल अपनी पहचान बनाने में लग जाते हैैं, मेरे लिए अपना सफर आसान नहीं था। मगर धीरे-धीरे ये राह आसान होने लगती है। बस, आपको संघर्ष करते रहना चाहिए, बेशक इसके लिए आपको सोशल साइट्स का ही सहारा लेना पड़े।

 
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