टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष (सीएबी) ने टेस्ट मैच में लगातार घट रहे दर्शकों को लेकर चिंता जताते हुए भारत में भी डे-नाइट टेस्ट मैच के आयोजन की बात की है। गांगुली के मुताबिक, टेस्ट मैच के दौरान लोग स्टेडियम में आकर मैच देखने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसलिए क्रिकेट संघों को अपने यहां टेस्ट मैच के आयोजन में भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।जब रोहित की सलाह पर विराट ने नहीं दिया कोई जवाब, तो अनुष्का आईं फ्रंटफुट पर….
इस नुकसान की भरपाई को पूरा करने के लिए गांगुली ने सलाह दी है कि भारत में भी डे-नाइट टेस्ट करवाने चाहिए। गांगुली ने कहा कि हाल ही में श्रीलंका और टीम इंडिया के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में राज्य क्रिकेट संघों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि मेरे अपने ही क्रिकेट संघ (सीएबी) को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में मैच के आयोजन से टिकटों से मात्र 42 लाख रुपए की ही कमाई हुई। वही नागपुर टेस्ट में 49 लाख और दिल्ली टेस्ट में सबसे ज्यादा 1 करोड़ रुपए टिकटों की बिक्री से आए।
इस रकम की तुलना अगर वन-डे या फिर टी20 मैच के आयोजन से की जाए तो 4 से 6 करोड़ रुपए का अंतर देखा जा सकता है। जबकि ये दोनों प्रारूप मात्र एक दिन में ही खत्म हो जाते हैं, जबकि टेस्ट मैच पांच दिन तक खेला जाता है।
सूत्रों की माने तो गांगुली की इस राय पर बीसीसीआई के कई अधिकारी भी सहमत हैं। गांगुली जब बीसीसीआई के टेक्निकल कमेटी के अध्यक्ष थे, तब पहली बार भारतीय घरेलू क्रिकेट में पिंक बॉल से मैच खेला गया था। बता दें कि उनके अध्यक्ष रहते हुए पिछले साल दुलीप ट्रॉफी में पिंक बॉल से मैच खेले गए थे।
गांगुली चाहते हैं कि दर्शकों को अगर टेस्ट में भी स्टेडियम तक लाना है तो भारत में भी डे-नाइट टेस्ट मैच का आयोजन किया जाना चाहिए। बता दें कि टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टीम इंडिया अपना पहला डे-नाइट मैच खेल सकती है। ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने बीसीसीआई से डे-नाइट मैच खेलने के लिए अनुरोध भी किया है।