स्टॉकहोम: कॉमनवेल्थ समिट में दुनिया के करोड़ो लोगों को सम्बोधित करने के लिए विदेश यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अपने पहले पड़ाव स्वीडन पहुंचे थे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया, वहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों की स्वीडन के समाज को बनाने में भूमिका की तारीफ भी की, इस दौरान उनके साथ स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफ़ेन भी मौजूद थे, लोफ़ेन ने भी भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ की, इसके बाद मंगलवार देर रात पीएम मोदी लंदन के लिए रवाना हो गए. इससे पहले स्टॉकहोम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाईं, उन्होंने मुद्राधन योजना से लेकर आयुष्यमान भारत तक की कई योजनाओं के बारे में बताया. इससे पहले लवेन ने नमस्कार के साथ अपना भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा कि वह संक्षेप में अपनी बात रखेंगे, क्योंकि लोग यहां पीएम मोदी को सुनने आए हैं. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि "स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से स्वीडन के राजा और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवेन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं." मोदी ने कहा कि लवेन उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और बाद में होटल तक छोड़ने भी गए. पीएम ने कहा कि भाषा अलग हो सकती है, स्थितियां-परिस्थितियां अलग हो सकती हैं, लेकिन एक बात है जो हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है, और वो बात है भारतीय होने का गर्व. अफ्रीका हो या पैसिफिक के छोटे देश, या फिर आसियान या यूरोप या एशिया, सभी आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहे हैं.

स्वीडन में स्वागत के बाद पीएम मोदी लंदन रवाना

 कॉमनवेल्थ समिट में दुनिया के करोड़ो लोगों को सम्बोधित करने के लिए विदेश यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अपने पहले पड़ाव स्वीडन पहुंचे थे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया, वहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों की स्वीडन के समाज को बनाने में भूमिका की तारीफ भी की, इस दौरान उनके साथ स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफ़ेन भी मौजूद थे, लोफ़ेन ने भी भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ की, इसके बाद मंगलवार देर रात पीएम मोदी लंदन के लिए रवाना हो गए.स्टॉकहोम: कॉमनवेल्थ समिट में दुनिया के करोड़ो लोगों को सम्बोधित करने के लिए विदेश यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अपने पहले पड़ाव स्वीडन पहुंचे थे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया, वहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों की स्वीडन के समाज को बनाने में भूमिका की तारीफ भी की, इस दौरान उनके साथ स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफ़ेन भी मौजूद थे, लोफ़ेन ने भी भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ की, इसके बाद मंगलवार देर रात पीएम मोदी लंदन के लिए रवाना हो गए.  इससे पहले स्टॉकहोम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाईं, उन्होंने मुद्राधन योजना से लेकर आयुष्यमान भारत तक की कई योजनाओं के बारे में बताया. इससे पहले लवेन ने नमस्कार के साथ अपना भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा कि वह संक्षेप में अपनी बात रखेंगे, क्योंकि लोग यहां पीएम मोदी को सुनने आए हैं.  वहीं पीएम मोदी ने कहा कि "स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से स्वीडन के राजा और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवेन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं." मोदी ने कहा कि लवेन उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और बाद में होटल तक छोड़ने भी गए. पीएम ने कहा कि भाषा अलग हो सकती है, स्थितियां-परिस्थितियां अलग हो सकती हैं, लेकिन एक बात है जो हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है, और वो बात है भारतीय होने का गर्व. अफ्रीका हो या पैसिफिक के छोटे देश, या फिर आसियान या यूरोप या एशिया, सभी आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहे हैं.

इससे पहले स्टॉकहोम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाईं, उन्होंने मुद्राधन योजना से लेकर आयुष्यमान भारत तक की कई योजनाओं के बारे में बताया. इससे पहले लवेन ने नमस्कार के साथ अपना भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा कि वह संक्षेप में अपनी बात रखेंगे, क्योंकि लोग यहां पीएम मोदी को सुनने आए हैं.

वहीं पीएम मोदी ने कहा कि “स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से स्वीडन के राजा और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवेन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं.” मोदी ने कहा कि लवेन उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और बाद में होटल तक छोड़ने भी गए. पीएम ने कहा कि भाषा अलग हो सकती है, स्थितियां-परिस्थितियां अलग हो सकती हैं, लेकिन एक बात है जो हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है, और वो बात है भारतीय होने का गर्व. अफ्रीका हो या पैसिफिक के छोटे देश, या फिर आसियान या यूरोप या एशिया, सभी आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहे हैं. 

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