हवाई सफर करने वालों को अब नहीं होगी बोर्डिंग पास की टेंशन, चेहरा करेगा ये काम

हवाई यात्रा के दौरान बोर्डिंग पास लेने के लिए जल्द ही लंबी लाइनों से छुटकारा मिल जाएगा। बेंगलुरु एयरपोर्ट ने यात्रियों की इस सहूलियत की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआइएएल) पर अब आपका चेहरा ही आपका बोर्डिंग पास होगा। बीआइएएल 2019 तक पेपरलेस बॉयोमीट्रिक सेल्फ बोर्डिंग टेक्नोलॉजी की शुरुआत करने जा रही है। इस तकनीक से यात्रियों का चेहरा देखकर एयरपोर्ट पर एंट्री मिल सकेगी। इस सुविधा को शुरू करने वाला बेंगलुरू एयरपोर्ट देश का पहला एयरपोर्ट होगा।

चेहरे से होगी पहचान
फेस रिकॉग्नाइजेशन तकनीक बॉयोमीट्रिक सॉफ्टवेयर पर काम करेगी। इसमें चेहरे के बॉयोमीट्रिक डिटेल के जरिए यात्रियों की पहचान होगी और वे एयरपोर्ट पर आराम से जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें बार-बार बोर्डिंग पास, पासपोर्ट या अन्य पहचान प्रमाण पत्र नहीं दिखाने पड़ेंगे

बीआईएएल का ट्वीट 

बीआईएएल ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘अब आपका चेहरा ही आपका बोर्डिंग पास होगा। बेंगलुरु को भारत का पहला पेपरलेस एयरपोर्ट बनाने के लिए बीआईएएल ने बोर्डिंग टेक्नॉलजी के लिए विजन-बॉक्स से अग्रीमेंट साइन किया है। इस समझौते पर हस्ताक्षर पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा की उपस्थिति में किए गए।’ बीआईएएल के एमडी और सीईओ हरि मरार ने कहा कि इस सुविधा से यात्री बिना लाइन में लगे हवाई यात्रा कर सकेंगे। वहीं बीआईएएल की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है कि बोर्डिंग के लिए रजिस्ट्रेशन को पेपरलेस बनाकर हवाई यात्रा को आसान करने के लिए यह सुविधा शुरू की गई है। बायोमेट्रिक टेक्नॉलजी से पैसेंजर्स के चेहरे से उनकी पहचान होगी और वे एयरपोर्ट पर जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें बार-बार बोर्डिंग पास, पासपोर्ट या अन्य आइडेंटिटी डॉक्युमेंट्स नहीं दिखाने पड़ेंगे।

देश का पहला पेपरलेस एयरपोर्ट
बीआइएएल ने पेपरलेस बॉयोमीट्रिक सेल्फ बोर्डिंग टेक्नोलॉजी लांच करने के लिए लिस्बन की विजन-बॉक्स कंपनी के साथ एक करार करने जा रही है। ये तकनीक 2019 के शुरुआती महीनों में शुरू हो सकती है। बेंगलुरु  एयरपोर्ट पर इसका फायदा सबसे पहले जेट एयरवेज, एयर एशिया और स्पाइसजेट के यात्रियों को मिलेगा।

रेलवे पहले ही हो चुका है पेपरलेस

भारतीय रेलवे पहला सरकारी उपक्रम बना जिसने अपना कामकाज पेपरलेस किया। अक्टूबर 2011 में आइआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) ने सुविधा देते हुए कहा कि यात्रियों को अपने साथ काउंटर टिकट रखना जरूरी नहीं होगा। लोग मोबाइल पर एसएमएस या ई-टिकट के जरिए यात्रा कर सकते हैं।

एशिया में चीन बना पहला देश
एशियाई देशों में एयरपोर्ट पर फेस रिकॉग्नाइजेशन तकनीक इस्तेमाल करने वाला पहला देश चीन है। वहीं जर्मनी इस तकनीक का इस्तेमाल ट्रेन स्टेशन पर आतंकियों की पहचान के लिए कर रहा है।

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