हाईकोर्ट ने मोदी के इस कदम को सराह,कहा- सबसे अच्छा फैसला

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार काले धन के इस्‍तेमाल, जाली करेंसी और भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगाने के लिए 500 और 1000 के नोटों को बंद कर चुकी है।

 
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार काले धन के इस्‍तेमाल, जाली करेंसी और भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगाने के लिए 500 और 1000 के नोटों को बंद कर चुकी है।
 
लोगों के पास अपने पुराने नोट बदलने के लिए 31 दिसंबर 2016 तक का वक्‍त है। यानी करीब पचास दिनों का टाइम है। इसके बाद भी लोग 31 मार्च 2017 तक अपने पुराने नोट रिजर्व बैंक में घोषणापत्र के साथ बदलवा सकते हैं। पूरे देश की जनता इस फैसले को लेकर मोदी सरकार के साथ खड़ी नजर आ रही है। 
 
अदालतों में मुंह की खा रहे विपक्षी
वहीं कुछ लोगों को सरकार का ये फैसला रास नहीं आ रहा है। ऐसे लोग अब अदालतों के चक्‍कर काटने लगे हैं। लेकिन, अदालतों से भी उन्‍हें मुंह की खानी पड़ रही है। मद्रास हाईकोर्ट ने भी मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की है। 
 
मद्रास हाईकोर्ट में लगी याचिका
दरअसल, 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी। ये याचिका इंडियन नेशनल लीग के राज्य महासचिव एम सीनी अहमद की ओर से लगाई गई थी। जिसमें हाईकोर्ट से अपील की गई थी वो मोदी सरकार के नोट बैन के फैसले पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगाए। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दलील थी कि मोदी सरकार ने अचानक ही 500 और 1000 के नोटों पर अमान्‍य करार दिया है। जिससे बैंकों के लेनदेन में काफी दिक्‍कत हो रही है। 
 
क्या कहता है याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता एम सीनी अहमद का कहना था कि सबसे ज्‍यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है जो अशिक्षित हैं। क्‍योंकि ऐसे लोगों के पास ना तो बैंक अकाउंट हैं और ना ही उन्‍हें समझ आ रहा है कि अब वो क्‍या करें। 
जो भी थोड़ी-बहुत जमापूंजी है उसको लेकर अशिक्षित और गरीब लोग परेशान हैं। अहमद ने कहा कि वो केंद्र सरकार की ओर से काले धन के खिलाफ चलाए गए अभियान की सराहना करते हैं उसका समर्थन करते हैं। लेकिन, सरकार को ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके फैसले से आम जनता को कोई दिक्‍कत ना हो। 
 
हाईकोर्ट से की ये अपील
अहमद ने हाईकोर्ट से अपील की कि वो केंद्र सरकार को आदेश दें कि अभी अस्‍थायी तौर पर सभी रेलवे स्‍टेशनों और बस स्‍टैंडों पर बड़े और पुराने नोट बदलने की सुविधा मुहैया कराई जाए। याचिकाकर्ता का कहना था कि लोगों को कम से कम इतना वक्‍त जरुर मिलना चाहिए कि वो अपने नोट बैंक में ही बदल सकें। अचानक से अफरा-तफरी का माहौल ना हो।
 
हाईकोर्ट ने क्या कहा
मद्रास हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की पूरी दलील सुनने के बाद कहा कि केंद्र सरकार की योजना काबिले तारीफ है। कोर्ट ने मोदी सरकार के इस फैसले की सराहना की और कहा कि सरकार का ये फैसला जनहित में है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगाने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया। इससे पहले सरकार भी ये साफ कर चुकी है कि वो आम जनता की परेशानियों को देखते हुए हर बेहतर कदम उठा रही है। वीकेंड पर बैंक भी खोले जा रहे हैं। इसके साथ ही सरकार से सभी लोगों से अपील की है कि वो अपने पैसों को लेकर कतई परेशान ना हों। उनके पास नोट बदलने के लिए पर्याप्‍त वक्‍त है। बैंकों में पुराने नोटों को जमा करने और नए नोट देने की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है।
 
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