पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के आमरण उपवास से पहले गुजरात सरकार ने आरक्षण से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए उच्च शिक्षा व स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। यह लाभ सालाना तीन लाख रुपये कमाने वाले परिवारों को ही मिल सकेगी। मुख्यमंत्री आवास पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इसकी घोषणा की। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि गुजरात गैर आरक्षित शैक्षणिक व आदिर्थिक निगम के गठन की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 58 जातियां ऐसी हैं, जो गैरआरक्षित वर्ग से आती हैं। इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को दसवीं व 12वीं में 60 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने पर उच्च शिक्षा के लिए 4 फीसद ब्याज दर पर आर्थिक सहायता दी जाएगी। युवाओं को स्वरोजगार के लिए साढ़े सात व दस लाख रुपये तक की सहायता 5 फीसद ब्याज दर पर तथा महिलाओं को 4 फीसद ब्याज पर लोन दिया जाएगा। सरकार यूपीएससी व जीपीएससी व रेलवे भर्ती व बैंक की स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वालों को एक साल में 20 हजार रुपये की सहायता की घोषण की है। गुजरात में भाजपा के तीन विधायकों ने जताई नाराजगी यह भी पढ़ें गुरुवार शाम को सीएम आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें उपमुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा, प्रदीप सिंह जाडेजा व मुख्य सचिव डॉ एनके सिंह व आयोग के अध्यक्ष बी एच घोडासरा आदि शामिल थे। इसमें बताया गया कि गुजरात में 58 जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, जिनमें एक करोड़ लोग आते हैं। नौकरी, शिक्षा में इनको कोई लाभ नहीं मिल रहा इसलिए अन्य वर्ग के अधिकारों की रक्षा करते हुए चालू शैक्षणिक सत्र से ही छात्र छात्राओं को आर्थिक सहायता की घोषणा। नितिन पटेल ने बताया कि सामाजिक समरसता, देश की संवैधानिक व्यवस्था का पालन करते हुए हरेक वर्ग व समुदाय की प्रगति के लिए राज्य सरकार की ओर से दो तीन साल से अनेक योजनाएं लाए। संविधान में आरक्षण का प्रावधान को रखते हुए अारक्षण से वंचित अन्य वर्ग को लाभ देने के लिए महिला पुरुष व युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए इस आयोग का गठन किया गया है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल 25 अगस्त से आमरण उपवास की घोषणा कर चुके हैं। शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस आयुक्त एके सिंह तथा महानगर पालिका आयुक्त विजय नेहरा से मुलाकात कर उपवास के लिए मैदान की मांग की। हार्दिक का कहना है कि दो माह पहले निकोल इलाके के जिस मैदान की उन्होंने मांग की थी, उसे फ्री पार्किंग में तब्दील कर दिया गया है इसलिए पाटीदारों को किसी अन्य स्थल पर उपवास की मंजूरी दे। हार्दिक ने कहा 25 अगस्त को एक लाख लोग उपवास में शामिल होंगे, उन्हें उपवास की मंजूरी नहीं मिली व किसी तरह की अव्यवस्था शहर में होती है तोउसकी जिम्मेदारी प्रशासन व पुलिस की होगी। हार्दिक पटेल बोले, अहमदाबाद में मैदान नहीं मिला तो वाहनों पर बैठकर करेंगे उपवास यह भी पढ़ें शुक्रवार को हार्दिक पटेल जब पुलिस आयुक्त से मिलने जा रहे थे, तब यातायात पुलिस ने उनकी कार के शीशों पर काली स्क्रीन लगे होने के कारण 600 रुपये का जुर्माना लगाया। हार्दिक ने यातायात नियमों के भंग के बदले 600 रुपये भरे इसके बाद पुलिस ने शीशों पर लगी काली स्क्रीन को हटा भी दिया। जानें, किसने-क्या कहा आरक्षण से वंचित वर्ग के लिए गुजरात सरकार की घोषणा लॉलीपोप से अधिक कुछ नहीं है। राज्य सरकार अब इस वर्ग के लिए ऐसी घोषणाएं कर रही है तो अब तक क्या कर रही थी। आगामी 25 अगस्त को होने वाला आमरण उपवास होकर रहेगा, किसी में रोकने की ताकत नहीं है। हार्दिक पटेल, संयोजक पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति। --- सरकार की घोषणा चुनावलक्षी है, राज्य में सभी वर्ग के लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। सरकार अलग अलग समुदाय के लोगों को लॉलीपोप देकर बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रही है। -हिमांशु पटेल, प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस।

हार्दिक के उपवास से पहले आरक्षण से वंचित वर्ग के लिए गुजरात सरकार ने की ये घोषणा

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के आमरण उपवास से पहले गुजरात सरकार ने आरक्षण से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए उच्च शिक्षा व स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। यह लाभ सालाना तीन लाख रुपये कमाने वाले परिवारों को ही मिल सकेगी। मुख्यमंत्री आवास पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इसकी घोषणा की। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के आमरण उपवास से पहले गुजरात सरकार ने आरक्षण से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए उच्च शिक्षा व स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। यह लाभ सालाना तीन लाख रुपये कमाने वाले परिवारों को ही मिल सकेगी। मुख्यमंत्री आवास पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इसकी घोषणा की।    उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि गुजरात गैर आरक्षित शैक्षणिक व आदिर्थिक निगम के गठन की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 58 जातियां ऐसी हैं, जो गैरआरक्षित वर्ग से आती हैं। इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को दसवीं व 12वीं में 60 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने पर उच्च शिक्षा के लिए 4 फीसद ब्याज दर पर आर्थिक सहायता दी जाएगी। युवाओं को स्वरोजगार के लिए साढ़े सात व दस लाख रुपये तक की सहायता 5 फीसद ब्याज दर पर तथा महिलाओं को 4 फीसद ब्याज पर लोन दिया जाएगा। सरकार यूपीएससी व जीपीएससी व रेलवे भर्ती व बैंक की स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वालों को एक साल में 20 हजार रुपये की सहायता की घोषण की है।   गुजरात में भाजपा के तीन विधायकों ने जताई नाराजगी यह भी पढ़ें गुरुवार शाम को सीएम आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें उपमुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा, प्रदीप सिंह जाडेजा व मुख्य सचिव डॉ एनके सिंह व आयोग के अध्यक्ष बी एच घोडासरा आदि शामिल थे। इसमें बताया गया कि गुजरात में 58 जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, जिनमें एक करोड़ लोग आते हैं। नौकरी, शिक्षा में इनको कोई लाभ नहीं मिल रहा इसलिए अन्य वर्ग के अधिकारों की रक्षा करते हुए चालू शैक्षणिक सत्र से ही छात्र छात्राओं को आर्थिक सहायता की घोषणा। नितिन पटेल ने बताया कि सामाजिक समरसता, देश की संवैधानिक व्यवस्था का पालन करते हुए हरेक वर्ग व समुदाय की प्रगति के लिए राज्य सरकार की ओर से दो तीन साल से अनेक योजनाएं लाए। संविधान में आरक्षण का प्रावधान को रखते हुए अारक्षण से वंचित अन्य वर्ग को लाभ देने के लिए महिला पुरुष व युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए इस आयोग का गठन किया गया है।  पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल 25 अगस्त से आमरण उपवास की घोषणा कर चुके हैं। शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस आयुक्त एके सिंह तथा महानगर पालिका आयुक्त विजय नेहरा से मुलाकात कर उपवास के लिए मैदान की मांग की। हार्दिक का कहना है कि दो माह पहले निकोल इलाके के जिस मैदान की उन्होंने मांग की थी, उसे फ्री पार्किंग में तब्दील कर दिया गया है इसलिए पाटीदारों को किसी अन्य स्थल पर उपवास की मंजूरी दे। हार्दिक ने कहा 25 अगस्त को एक लाख लोग उपवास में शामिल होंगे, उन्हें उपवास की मंजूरी नहीं मिली व किसी तरह की अव्यवस्था शहर में होती है तोउसकी जिम्मेदारी प्रशासन व पुलिस की होगी।   हार्दिक पटेल बोले, अहमदाबाद में मैदान नहीं मिला तो वाहनों पर बैठकर करेंगे उपवास यह भी पढ़ें शुक्रवार को हार्दिक पटेल जब पुलिस आयुक्त से मिलने जा रहे थे, तब यातायात पुलिस ने उनकी कार के शीशों पर काली स्क्रीन लगे होने के कारण 600 रुपये का जुर्माना लगाया। हार्दिक ने यातायात नियमों के भंग के बदले 600 रुपये भरे इसके बाद पुलिस ने शीशों पर लगी काली स्क्रीन को हटा भी दिया।    जानें, किसने-क्या कहा आरक्षण से वंचित वर्ग के लिए गुजरात सरकार की घोषणा लॉलीपोप से अधिक कुछ नहीं है। राज्य सरकार अब इस वर्ग के लिए ऐसी घोषणाएं कर रही है तो अब तक क्या कर रही थी। आगामी 25 अगस्त को होने वाला आमरण उपवास होकर रहेगा, किसी में रोकने की ताकत नहीं है।  हार्दिक पटेल, संयोजक पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति। --- सरकार की घोषणा चुनावलक्षी है, राज्य में सभी वर्ग के लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। सरकार अलग अलग समुदाय के लोगों को लॉलीपोप देकर बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रही है।  -हिमांशु पटेल, प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस।

उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि गुजरात गैर आरक्षित शैक्षणिक व आदिर्थिक निगम के गठन की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 58 जातियां ऐसी हैं, जो गैरआरक्षित वर्ग से आती हैं। इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को दसवीं व 12वीं में 60 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने पर उच्च शिक्षा के लिए 4 फीसद ब्याज दर पर आर्थिक सहायता दी जाएगी। युवाओं को स्वरोजगार के लिए साढ़े सात व दस लाख रुपये तक की सहायता 5 फीसद ब्याज दर पर तथा महिलाओं को 4 फीसद ब्याज पर लोन दिया जाएगा। सरकार यूपीएससी व जीपीएससी व रेलवे भर्ती व बैंक की स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वालों को एक साल में 20 हजार रुपये की सहायता की घोषण की है।

गुरुवार शाम को सीएम आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें उपमुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा, प्रदीप सिंह जाडेजा व मुख्य सचिव डॉ एनके सिंह व आयोग के अध्यक्ष बी एच घोडासरा आदि शामिल थे। इसमें बताया गया कि गुजरात में 58 जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, जिनमें एक करोड़ लोग आते हैं। नौकरी, शिक्षा में इनको कोई लाभ नहीं मिल रहा इसलिए अन्य वर्ग के अधिकारों की रक्षा करते हुए चालू शैक्षणिक सत्र से ही छात्र छात्राओं को आर्थिक सहायता की घोषणा। नितिन पटेल ने बताया कि सामाजिक समरसता, देश की संवैधानिक व्यवस्था का पालन करते हुए हरेक वर्ग व समुदाय की प्रगति के लिए राज्य सरकार की ओर से दो तीन साल से अनेक योजनाएं लाए। संविधान में आरक्षण का प्रावधान को रखते हुए अारक्षण से वंचित अन्य वर्ग को लाभ देने के लिए महिला पुरुष व युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए इस आयोग का गठन किया गया है।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल 25 अगस्त से आमरण उपवास की घोषणा कर चुके हैं। शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस आयुक्त एके सिंह तथा महानगर पालिका आयुक्त विजय नेहरा से मुलाकात कर उपवास के लिए मैदान की मांग की। हार्दिक का कहना है कि दो माह पहले निकोल इलाके के जिस मैदान की उन्होंने मांग की थी, उसे फ्री पार्किंग में तब्दील कर दिया गया है इसलिए पाटीदारों को किसी अन्य स्थल पर उपवास की मंजूरी दे। हार्दिक ने कहा 25 अगस्त को एक लाख लोग उपवास में शामिल होंगे, उन्हें उपवास की मंजूरी नहीं मिली व किसी तरह की अव्यवस्था शहर में होती है तोउसकी जिम्मेदारी प्रशासन व पुलिस की होगी।

शुक्रवार को हार्दिक पटेल जब पुलिस आयुक्त से मिलने जा रहे थे, तब यातायात पुलिस ने उनकी कार के शीशों पर काली स्क्रीन लगे होने के कारण 600 रुपये का जुर्माना लगाया। हार्दिक ने यातायात नियमों के भंग के बदले 600 रुपये भरे इसके बाद पुलिस ने शीशों पर लगी काली स्क्रीन को हटा भी दिया।  

जानें, किसने-क्या कहा
आरक्षण से वंचित वर्ग के लिए गुजरात सरकार की घोषणा लॉलीपोप से अधिक कुछ नहीं है। राज्य सरकार अब इस वर्ग के लिए ऐसी घोषणाएं कर रही है तो अब तक क्या कर रही थी। आगामी 25 अगस्त को होने वाला आमरण उपवास होकर रहेगा, किसी में रोकने की ताकत नहीं है। 

हार्दिक पटेल, संयोजक पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति।

सरकार की घोषणा चुनावलक्षी है, राज्य में सभी वर्ग के लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। सरकार अलग अलग समुदाय के लोगों को लॉलीपोप देकर बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रही है। 
-हिमांशु पटेल, प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस। 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com