राजद्रोह के मामले में आरोप पत्र दायर करते समय भी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के हाजिर नहीं रहने पर अदालत ने नाराजगी जताई है। वहीं, सरकारी वकील ने हार्दिक पर अदालत की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि हार्दिक के पास जनसभाओं के लिए वक्त है, लेकिन अदालत में उपस्थित होने के लिए समय नहीं है। अदालत ने हार्दिक को 30 अगस्त को हाजिर होने की अंतिम मोहलत दी है। इस बीच, हार्दिक ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरू कर देंगे। हार्दिक ने कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। हार्दिक ने कहा है कि अदालत से उनकी जमानत खारिज किए जाने पर वे खुद साबरमती जेल पहुंचकर समर्पण कर देंगे तथा पुलिस के गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने पर जेल में रहते हुए उपवास करते रहेंगे। हार्दिक पटेल बोले, अहमदाबाद में मैदान नहीं मिला तो वाहनों पर बैठकर करेंगे उपवास यह भी पढ़ें अहमदाबाद व सूरत के राजद्रोह मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल जमानत पर है। गुरुवार को अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया जाना था, लेकिन हार्दिक के वकील ने तीसरी बार हाजिरी माफी की अर्जी लगाई इस पर अदालत ने नाराजगी जताई तथा बार-बार हाजिरी माफी नहीं देने की बात कही। सरकारी वकील एचएम ध्रूव व सुधीर ब्रम्हभट्ट ने अदालत को बताया कि हार्दिक लगातार जनसभाएं कर रहा है उसके पास राज्यभर में सभाएं करने के लिए वक्त है, लेकिन अदालत में उपस्थित होने के लिए समय नहीं है। उन्होंने हार्दिक के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी करने की भी मांग की। सरकारी वकीलों का आरोप था कि हार्दिक अदालत की उपेक्षा कररहा है। उधर, अदालत ने हार्दिक के वकील की हाजिरी माफी की अर्जी आखिरी बार मान्य करते हुए 30 अगस्त को उसके हाजिर होने का आदेश किया। साथ ही, अदालत ने कहा कि इन मामलों में हाईकोर्ट में की गई याचिका का क्या स्टेटस है, उस संबंध में भी स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए। अहमदाबाद में दो माह के लिए धारा 144 लागू, हार्दिक पटेल ने गुजरात सरकार पर साधा निशाना यह भी पढ़ें इस बीच, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरू कर देंगे। हार्दिक ने साफ कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। उधर, हार्दिक के उपवास आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने सभी जवान व अधिकारियों का 2 दिन का अवकाश रद कर दिया है। पाटीदार समाज को आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी के लिए शनिवार से आमरण उपवास की घोषणा करने वाले हार्दिक पटेल को पुलिस व प्रशासन से अहमदाबाद व गांधीनगर में कहीं भी उपवास करने की इजाजत नहीं मिली। हार्दिक अब सरखेज गांधीनगर हाइवे पर स्थित अपने आवास पर ही उपवास करने वाले हैं। शनिवार को दोपहर तीन बजे हार्दिक उपवास शुरू करेंगे। इससे पहले पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पुलिस महकमे में सभी जवान व अधिकारियों के दो दिन के अवकाश रद कर दिए हैं। पुलिस ने राज्य में शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियातन यह कदम उठााए हैं।

हार्दिक पटेल बोले, पुलिस ने गिरफ्तार किया तो जेल में करेंगे उपवास

राजद्रोह के मामले में आरोप पत्र दायर करते समय भी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के हाजिर नहीं रहने पर अदालत ने नाराजगी जताई है। वहीं, सरकारी वकील ने हार्दिक पर अदालत की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि हार्दिक के पास जनसभाओं के लिए वक्त है, लेकिन अदालत में उपस्थित होने के लिए समय नहीं है। अदालत ने हार्दिक को 30 अगस्त को हाजिर होने की अंतिम मोहलत दी है।राजद्रोह के मामले में आरोप पत्र दायर करते समय भी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के हाजिर नहीं रहने पर अदालत ने नाराजगी जताई है। वहीं, सरकारी वकील ने हार्दिक पर अदालत की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि हार्दिक के पास जनसभाओं के लिए वक्त है, लेकिन अदालत में उपस्थित होने के लिए समय नहीं है। अदालत ने हार्दिक को 30 अगस्त को हाजिर होने की अंतिम मोहलत दी है।   इस बीच, हार्दिक ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरू कर देंगे। हार्दिक ने कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। हार्दिक ने कहा है कि अदालत से उनकी जमानत खारिज किए जाने पर वे खुद साबरमती जेल पहुंचकर समर्पण कर देंगे तथा पुलिस के गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने पर जेल में रहते हुए उपवास करते रहेंगे।       हार्दिक पटेल बोले, अहमदाबाद में मैदान नहीं मिला तो वाहनों पर बैठकर करेंगे उपवास यह भी पढ़ें अहमदाबाद व सूरत के राजद्रोह मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल जमानत पर है। गुरुवार को अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया जाना था, लेकिन हार्दिक के वकील ने तीसरी बार हाजिरी माफी की अर्जी लगाई इस पर अदालत ने नाराजगी जताई तथा बार-बार हाजिरी माफी नहीं देने की बात कही। सरकारी वकील एचएम ध्रूव व सुधीर ब्रम्हभट्ट ने अदालत को बताया कि हार्दिक लगातार जनसभाएं कर रहा है उसके पास राज्यभर में सभाएं करने के लिए वक्त है, लेकिन अदालत में उपस्थित होने के लिए समय नहीं है।  उन्होंने हार्दिक के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी करने की भी मांग की। सरकारी वकीलों का आरोप था कि हार्दिक अदालत की उपेक्षा कररहा है। उधर, अदालत ने हार्दिक के वकील की हाजिरी माफी की अर्जी आखिरी बार मान्य करते हुए 30 अगस्त को उसके हाजिर होने का आदेश किया। साथ ही, अदालत ने कहा कि इन मामलों में हाईकोर्ट में की गई याचिका का क्या स्टेटस है, उस संबंध में भी स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए।   अहमदाबाद में दो माह के लिए धारा 144 लागू, हार्दिक पटेल ने गुजरात सरकार पर साधा निशाना यह भी पढ़ें इस बीच, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरू कर देंगे। हार्दिक ने साफ कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। उधर, हार्दिक के उपवास आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने सभी जवान व अधिकारियों का 2 दिन का अवकाश रद कर दिया है।  पाटीदार समाज को आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी के लिए शनिवार से आमरण उपवास की घोषणा करने वाले हार्दिक पटेल को पुलिस व प्रशासन से अहमदाबाद व गांधीनगर में कहीं भी उपवास करने की इजाजत नहीं मिली। हार्दिक अब सरखेज गांधीनगर हाइवे पर स्थित अपने आवास पर ही उपवास करने वाले हैं। शनिवार को दोपहर तीन बजे हार्दिक उपवास शुरू करेंगे। इससे पहले पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पुलिस महकमे में सभी जवान व अधिकारियों के दो दिन के अवकाश रद कर दिए हैं। पुलिस ने राज्य में शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियातन यह कदम उठााए हैं।

इस बीच, हार्दिक ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरू कर देंगे। हार्दिक ने कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। हार्दिक ने कहा है कि अदालत से उनकी जमानत खारिज किए जाने पर वे खुद साबरमती जेल पहुंचकर समर्पण कर देंगे तथा पुलिस के गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने पर जेल में रहते हुए उपवास करते रहेंगे।  

अहमदाबाद व सूरत के राजद्रोह मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल जमानत पर है। गुरुवार को अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया जाना था, लेकिन हार्दिक के वकील ने तीसरी बार हाजिरी माफी की अर्जी लगाई इस पर अदालत ने नाराजगी जताई तथा बार-बार हाजिरी माफी नहीं देने की बात कही। सरकारी वकील एचएम ध्रूव व सुधीर ब्रम्हभट्ट ने अदालत को बताया कि हार्दिक लगातार जनसभाएं कर रहा है उसके पास राज्यभर में सभाएं करने के लिए वक्त है, लेकिन अदालत में उपस्थित होने के लिए समय नहीं है।

उन्होंने हार्दिक के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी करने की भी मांग की। सरकारी वकीलों का आरोप था कि हार्दिक अदालत की उपेक्षा कररहा है। उधर, अदालत ने हार्दिक के वकील की हाजिरी माफी की अर्जी आखिरी बार मान्य करते हुए 30 अगस्त को उसके हाजिर होने का आदेश किया। साथ ही, अदालत ने कहा कि इन मामलों में हाईकोर्ट में की गई याचिका का क्या स्टेटस है, उस संबंध में भी स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए।

इस बीच, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरू कर देंगे। हार्दिक ने साफ कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। उधर, हार्दिक के उपवास आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने सभी जवान व अधिकारियों का 2 दिन का अवकाश रद कर दिया है।

पाटीदार समाज को आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी के लिए शनिवार से आमरण उपवास की घोषणा करने वाले हार्दिक पटेल को पुलिस व प्रशासन से अहमदाबाद व गांधीनगर में कहीं भी उपवास करने की इजाजत नहीं मिली। हार्दिक अब सरखेज गांधीनगर हाइवे पर स्थित अपने आवास पर ही उपवास करने वाले हैं। शनिवार को दोपहर तीन बजे हार्दिक उपवास शुरू करेंगे। इससे पहले पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पुलिस महकमे में सभी जवान व अधिकारियों के दो दिन के अवकाश रद कर दिए हैं। पुलिस ने राज्य में शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियातन यह कदम उठााए हैं।

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