जयपुर से करीब एक घंटे की दूरी पर मौजूद है बिशनगढ़ किला, जिसका करीब 230 साल का इतिहास है। इस आठ मंजिला किले के डिजाइन में कहीं एकरूपता नजर नहीं आती। राव बिशनसिंह ने अपने राज्य की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यह मजबूत किला बनवाया था। बाद में यह किला राव राजेंद्र सिंह के हिस्से में आया था जो अब लग्जरी होटल में बदला जा चुका है। आज अलीला फोर्ट के नाम से मशहूर यह किला जयपुर घराने की वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है, जिस पर मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य का प्रभाव भी नजर आता है। बिशनगढ़ को मॉडर्न अलीला फोर्ट का रूप देने वालों में से एक अतुल कपूर बताते हैं, जब हम पहली बार यहां आए तो अंदर लाखों की तादाद में चमगादड़ थे। हम कंबल ओढ़कर और टॉर्च लेकर भीतर जाते और देखते कि किस एरिया में क्या कर सकते हैं। विस्फोट नहीं कर सकते थे। वहां तक पहुंचने की सड़क ही नहीं थी। चट्टानों पर चढ़-चढ़ कर जाते। हाथ से पत्थर तोड़ कर सड़क बनाई गई। इसमें सात महीने लगे। शुरू में खच्चर पर सामान लेकर जाते थे। हमें विरासत का भी ध्यान रखना था और आधुनिक सुविधाएं भी देनी थीं। नया स्ट्रक्चर बनाना तो आसान है, लेकिन किसी हेरिटेज को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना बहुत चुनौतीपूर्ण है। इसमें हमें करीब सात-आठ साल लग गए। मेहरानगढ़ किले में हो रही है ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ की शूटिंग, यहां से दिखता है पाकिस्तान यह भी पढ़ें ग्वालियर के किले में बसी है मध्यप्रदेश की अनोखी विरासत, जानें खास बातें यह भी पढ़ें बिशनगढ़ किले में आंतरिक साज-सज्जा करने वाली इंटीरियर डिजाइनर रितु खंडेलवाल कहती हैं कि यह बिल्डिंग काफी टेढ़ी-मेढ़ी है। कोई लाइन हमें नहीं मिली जो सीधे नीचे जा रही हो। सबसे ज्यादा मुश्किल वर्टिकल सर्कुलेशन की आई। यहां हर लिफ्ट अलग फ्लोर से शुरू हो रही है। 59 कमरों में 22 तरह के ले-आउट हैं। हर कमरे की अलग ड्राइंग बनी। हर कमरा अलग से नापा गया। अतुल कपूर बताते हैं, हमने दीवारों को वैसे ही रखते हुए कोशिश की है कि फोर्ट का लुक बना रहे और साथ में साथ में लक्जरी भी आ जाए। फोर्ट ऊंचाई पर है तो ग्रामीण राजस्थान का व्यू दिखाने के लिए खिड़कियां, जो आमतौर पर फोर्ट में नहीं होतीं, क्रिएट की। ढाई से तीन मीटर चौड़ी दीवारें हैं इसकी, उनमें से पाइपें और तारें निकालनी थीं। इसके लिए अलग से बुर्ज बनाना पड़ा। चोर दरवाजे को हमने हर दीवार पर ठक-ठक कर ढूंढ़ा। कैसे पहुंचे हरियाणा का नाहर सिंह महल जो कभी था पहलवानी का अखाड़ा, आज बन गया रेस्टोरेंट यह भी पढ़ें दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस किले की दिल्ली से दूरी करीब 180 किलोमीटर है, जबकि जयपुर से इसकी दूरी सिर्फ 55 किलोमीटर है। 59 लग्जरी सुइट वाले अलीला फोर्ट में इनडोर और आउटडोर रेस्तरां अमरसर और नजारा के नास से हैं।

होटल में बदल चुके इस किले की हर एक मंजिल है एक-दूसरे से बिल्कुल अलग

जयपुर से करीब एक घंटे की दूरी पर मौजूद है बिशनगढ़ किला, जिसका करीब 230 साल का इतिहास है। इस आठ मंजिला किले के डिजाइन में कहीं एकरूपता नजर नहीं आती। राव बिशनसिंह ने अपने राज्य की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यह मजबूत किला बनवाया था। बाद में यह किला राव राजेंद्र सिंह के हिस्से में आया था जो अब लग्जरी होटल में बदला जा चुका है। आज अलीला फोर्ट के नाम से मशहूर यह किला जयपुर घराने की वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है, जिस पर मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य का प्रभाव भी नजर आता है।जयपुर से करीब एक घंटे की दूरी पर मौजूद है बिशनगढ़ किला, जिसका करीब 230 साल का इतिहास है। इस आठ मंजिला किले के डिजाइन में कहीं एकरूपता नजर नहीं आती। राव बिशनसिंह ने अपने राज्य की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यह मजबूत किला बनवाया था। बाद में यह किला राव राजेंद्र सिंह के हिस्से में आया था जो अब लग्जरी होटल में बदला जा चुका है। आज अलीला फोर्ट के नाम से मशहूर यह किला जयपुर घराने की वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है, जिस पर मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य का प्रभाव भी नजर आता है।     बिशनगढ़ को मॉडर्न अलीला फोर्ट का रूप देने वालों में से एक अतुल कपूर बताते हैं, जब हम पहली बार यहां आए तो अंदर लाखों की तादाद में चमगादड़ थे। हम कंबल ओढ़कर और टॉर्च लेकर भीतर जाते और देखते कि किस एरिया में क्या कर सकते हैं। विस्फोट नहीं कर सकते थे। वहां तक पहुंचने की सड़क ही नहीं थी। चट्टानों पर चढ़-चढ़ कर जाते। हाथ से पत्थर तोड़ कर सड़क बनाई गई। इसमें सात महीने लगे। शुरू में खच्चर पर सामान लेकर जाते थे। हमें विरासत का भी ध्यान रखना था और आधुनिक सुविधाएं भी देनी थीं। नया स्ट्रक्चर बनाना तो आसान है, लेकिन किसी हेरिटेज को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना बहुत चुनौतीपूर्ण है। इसमें हमें करीब सात-आठ साल लग गए।   मेहरानगढ़ किले में हो रही है ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ की शूटिंग, यहां से दिखता है पाकिस्तान यह भी पढ़ें    ग्वालियर के किले में बसी है मध्यप्रदेश की अनोखी विरासत, जानें खास बातें यह भी पढ़ें बिशनगढ़ किले में आंतरिक साज-सज्जा करने वाली इंटीरियर डिजाइनर रितु खंडेलवाल कहती हैं कि यह बिल्डिंग काफी टेढ़ी-मेढ़ी है। कोई लाइन हमें नहीं मिली जो सीधे नीचे जा रही हो। सबसे ज्यादा मुश्किल वर्टिकल सर्कुलेशन की आई। यहां हर लिफ्ट अलग फ्लोर से शुरू हो रही है। 59 कमरों में 22 तरह के ले-आउट हैं। हर कमरे की अलग ड्राइंग बनी। हर कमरा अलग से नापा गया। अतुल कपूर बताते हैं, हमने दीवारों को वैसे ही रखते हुए कोशिश की है कि फोर्ट का लुक बना रहे और साथ में साथ में लक्जरी भी आ जाए। फोर्ट ऊंचाई पर है तो ग्रामीण राजस्थान का व्यू दिखाने के लिए खिड़कियां, जो आमतौर पर फोर्ट में नहीं होतीं, क्रिएट की। ढाई से तीन मीटर चौड़ी दीवारें हैं इसकी, उनमें से पाइपें और तारें निकालनी थीं। इसके लिए अलग से बुर्ज बनाना पड़ा। चोर दरवाजे को हमने हर दीवार पर ठक-ठक कर ढूंढ़ा।   कैसे पहुंचे   हरियाणा का नाहर सिंह महल जो कभी था पहलवानी का अखाड़ा, आज बन गया रेस्टोरेंट यह भी पढ़ें दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस किले की दिल्ली से दूरी करीब 180 किलोमीटर है, जबकि जयपुर से इसकी दूरी सिर्फ 55 किलोमीटर है। 59 लग्जरी सुइट वाले अलीला फोर्ट में इनडोर और आउटडोर रेस्तरां अमरसर और नजारा के नास से हैं।

बिशनगढ़ को मॉडर्न अलीला फोर्ट का रूप देने वालों में से एक अतुल कपूर बताते हैं, जब हम पहली बार यहां आए तो अंदर लाखों की तादाद में चमगादड़ थे। हम कंबल ओढ़कर और टॉर्च लेकर भीतर जाते और देखते कि किस एरिया में क्या कर सकते हैं। विस्फोट नहीं कर सकते थे। वहां तक पहुंचने की सड़क ही नहीं थी। चट्टानों पर चढ़-चढ़ कर जाते। हाथ से पत्थर तोड़ कर सड़क बनाई गई। इसमें सात महीने लगे। शुरू में खच्चर पर सामान लेकर जाते थे। हमें विरासत का भी ध्यान रखना था और आधुनिक सुविधाएं भी देनी थीं। नया स्ट्रक्चर बनाना तो आसान है, लेकिन किसी हेरिटेज को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना बहुत चुनौतीपूर्ण है। इसमें हमें करीब सात-आठ साल लग गए।

बिशनगढ़ किले में आंतरिक साज-सज्जा करने वाली इंटीरियर डिजाइनर रितु खंडेलवाल कहती हैं कि यह बिल्डिंग काफी टेढ़ी-मेढ़ी है। कोई लाइन हमें नहीं मिली जो सीधे नीचे जा रही हो। सबसे ज्यादा मुश्किल वर्टिकल सर्कुलेशन की आई। यहां हर लिफ्ट अलग फ्लोर से शुरू हो रही है। 59 कमरों में 22 तरह के ले-आउट हैं। हर कमरे की अलग ड्राइंग बनी। हर कमरा अलग से नापा गया। अतुल कपूर बताते हैं, हमने दीवारों को वैसे ही रखते हुए कोशिश की है कि फोर्ट का लुक बना रहे और साथ में साथ में लक्जरी भी आ जाए। फोर्ट ऊंचाई पर है तो ग्रामीण राजस्थान का व्यू दिखाने के लिए खिड़कियां, जो आमतौर पर फोर्ट में नहीं होतीं, क्रिएट की। ढाई से तीन मीटर चौड़ी दीवारें हैं इसकी, उनमें से पाइपें और तारें निकालनी थीं। इसके लिए अलग से बुर्ज बनाना पड़ा। चोर दरवाजे को हमने हर दीवार पर ठक-ठक कर ढूंढ़ा। 

कैसे पहुंचे

दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस किले की दिल्ली से दूरी करीब 180 किलोमीटर है, जबकि जयपुर से इसकी दूरी सिर्फ 55 किलोमीटर है। 59 लग्जरी सुइट वाले अलीला फोर्ट में इनडोर और आउटडोर रेस्तरां अमरसर और नजारा के नास से हैं।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com