2030 तक ई-कॉमर्स का तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा भारत

2030 तक भारत में 50 करोड़ से ज्यादा लोग ऑनलाइन खरीदारी कर रहे होंगे। फिलहाल, भारत का ई-कॉमर्स बाजार करीब 1,130 करोड़ डॉलर का है, जो करीब 21% सालाना की दर से बढ़ रहा है। इसके बढ़ने का सबसे बड़ा कारक 13.5 रुपये प्रति जीबी की दर से किफायती इंटरनेट है।

2030 तक चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार बन जाएगा और डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 8,000 करोड़ डॉलर हो जाएगा। वहीं, इसी साल तक भारत का ई-कॉमर्स बाजार बढ़कर करीब 3,250 करोड़ डॉलर होने की उम्मीद है।

एक अनुमान के मुताबिक, 2030 तक भारत में 50 करोड़ से ज्यादा लोग ऑनलाइन खरीदारी कर रहे होंगे। फिलहाल, भारत का ई-कॉमर्स बाजार करीब 1,130 करोड़ डॉलर का है, जो करीब 21% सालाना की दर से बढ़ रहा है। इसके बढ़ने का सबसे बड़ा कारक 13.5 रुपये प्रति जीबी की दर से किफायती इंटरनेट है। मोबाइल से इंटरनेट तक पहुंच में 2019 की तुलना में 2023-24 में 21 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2025 तक 87% घरों में इंटरनेट कनेक्शन होगा। इंटरनेट उपभोक्ताओं के साथ ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या में वृद्धि का अनुमान है। 2019 से 2026 के बीच ग्रामीण भारत में 22 फीसदी की वार्षिक दर से सक्रिय इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 88 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी।

यूपीआई सबसे अहम
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था व ई-कॉमर्स बाजार में वृद्धि के कारणों में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सबसे अहम है। 2022 में इसके जरिये 1.5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का लेन-देन किया गया। 2026 तक जब भारत की 81 फीसदी आबादी के पास स्मार्टफोन होगा, तो यह आबादी भी यूपीआई जैसे माध्यमों का उपयोग कर रही होगी।

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