कारगिल युद्ध में एक जवान की जान 5 रुपये के सिक्के ने बचाई। यकीं नहीं होता न, लेकिन ये सच है। पढ़िए पूरी स्टोरी…
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कारगिल युद्ध में टाइगर हिल ऑपरेशन के दौरान जांबाजी दिखाने वाले ग्रेनेडियर (अब सूबेदार) योगेंद्र सिंह यादव को परमवीर चक्र से नवाजा गया था। चंडीगढ़ पहुंचे योगेंद्र ने स्कूली छात्रों और युवाओं के साथ ऑपरेशन के अनुभव सांझे किए। उन्होंने बताया कि वे टाइगर हिल फतेह करने वाले 18 ग्रेनेडियर की घातक पलटून का हिस्सा थे। जब उनकी टीम टाइगर हिल पर चढ़ रही थी, तभी दुश्मनों ने ऊपर से हमला बोल दिया।
उनके कमांडर और कई साथी जवान इस हमले में शहीद हो गए। वह भी बुरी तरह घायल हुए। तभी उनकी पलटून ने यह योजना बनाई कि चूंकि दुश्मन दिखाई नहीं दे रहा है इसलिए फायरिंग बंद कर बचे हुए जवान अपनी-अपनी पोजिशन संभाल लें। जब घंटों इंडियन पलटून की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई, तो टाइगर हिल पर बैठी पाक सेना ने समझा कि भारतीय फौज के सभी जवान या तो मारे जा चुके हैं या फिर उनका असलहा खत्म हो गया है। ये सोचकर पाक सेना के जवान पलटून की ओर बढ़ने लगे।