पटना.बक्सर के डीएम मुकेश पांडेय की खुदकुशी के मामले को लेकर गुरुवार को ससुर राकेश कुमार सिंह बेटे उत्कर्ष के साथ मीडिया के सामने आए। आपबीती बयां करते हुए वे भावुक हो गए। दामाद मुकेश की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाया। पूछा- तीन साल बाद आद्या पूछेगी कि नानू मेरे पापा कहां है, तो क्या कहूंगा? तुम्हारा पिता एक कायर आईएएस अफसर थे। देश की सेवा छोड़ दो, तुम्हारी भी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सके।कहा- दिमागी संतुलन नहीं था ठीक…
उन्होंने मुकेश पांडेय के लैपटॉप में मिले मानसिक डिसऑर्डर से जुड़े तथ्यों की खोज का खुलासा करते हुए कहा कि इस हकीकत के अलावा जिंदगी के आखिरी क्षणों की हरकत या सुसाइड नोट से लगता है कि उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं था। उन्होंने एसएमएस, वीडियो क्लिप व व्हाट्सएप के अलावा 11 पेज का हस्तलिखित सुसाइड नोट लिखा। लंबे समय तक इतने सुसाइड नोट कोई सामान्य आदमी कैसे लिख सकता है? क्या ये हरकतें अटपटी नहीं लगतीं। मुकेश का पत्नी आयुषी के साथ विवाद की खबरों को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि परिवार में कोई समस्या नहीं थी। सबूत के तौर पर अतीत से वर्तमान तक की तस्वीर व वीडियो को सामने रखा। बोले- इस हादसे के बाद जिंदगी से टूट गया हूं। सर्वस्व खो दिया।
10 अगस्त को देहरादून जाने की बात कह कर निकले थे
राजधानी में डाकबंगला चौराहे के पास स्थित मारुति शोरूम वाउज के मालिक राकेश कुमार सिंह ने कहा कि 10 अगस्त को दामाद मुकेश का मैसेज मिला था। उन्होंने देहरादून में एक कार्यक्रम में जाने की बात कही थी। फिर शाम 5:47 बजे उनका एसएमएस मिला, जिसमें सुसाइड करने की बात लिखी थी। इसके बाद उनका परिवार विमान से रात 9 बजे दिल्ली पहुंचा। वहां रेल पुलिस से शव मिलने की जानकारी मिली।
11 पेज का सुसाइड नोट : मूल्यहीन हो गया है यह जीवन
मैं आज घरवालों को मामा की बीमारी व देहरादून में स्वच्छ भारत मिशन के सेमिनार में भाग लेने जाने की बात कह कर निकला आैर सुबह की फ्लाइट से दिल्ली आया। होटल लीला पैलेस में कमरा नंबर 742 में ठहरा। यह कमरा सातवें तल्ले पर है आैर अगर मैं चाहूं तो आराम से यहां सुसाइड कर सकता हूं। पर होटल में कोई खिड़की नहीं है। इस कारण मैं पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी के मॉल में जा रहा हूं। सवाल उठता है कि मैं यह कर क्यों रहा हूं? युवा हूं। आईएएस अफसर हूं। विवाहित व अच्छा परिवार है। ताजा पोस्टिंग बक्सर के डीएम के रूप में हुई है। फिर क्यों मैं यह कदम उठा रहा हूं। इसका एक ही कारण है कि मेरे लिए मानव जीवन मूल्यहीन हो गया है। जब आप अपने आप का मूल्यांकन करेंगे तो आप पाएंगे कि वैश्विक जीवन में आपका स्थान कुछ नहीं है।
सास-ससुर सबसे अच्छे
मेरे सास-ससुर सचमुच सबसे अच्छे हैं। आयुषी…मेरा प्यार मेरी जिंदगी। मुझे पता है कि मेरी मौत के बाद सबसे ज्यादा दुख तुम्हें होगा। इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं। इसके लिए कभी पछतावा मत करना। अब मेरा समय आ गया है आैर मैं जा रहा हूं। मैं तुम्हारे सच्चे प्रेम को मिस करुंगा। अपना ख्याल रखना। आद्या तुम्हारे लिए दुखी हूं मेरी बेटी। तुम्हारे साथ जो अच्छा समय बिताया है, उसकी यादें लेकर जा रहा हूं। नाना-नानी व मामा तुम्हें मेरी कमी महसूस नहीं होने देंगे।