गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ऐसा कानून लेकर आएगी जिसके तहत डॉक्टरों को जेनेरिक दवाइयां लिखना अनिवार्य होगा। इस कदम से स्वास्थ्य सुविधाओं को सस्ता बनाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज और दवाएं लगातार महंगे होते जा रहे हैं इसलिए यह जरूरी है कि डॉक्टर सस्ती दवाएं लिखें। अप्रैल में सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आशय के संकेत दिए थे, रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार उसी घोषणा के अनुरूप यह कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साल के आखिर तक राज्य में करीब एक हजार जेनेरिक मेडिकल स्टोर और खोले जाएंगे। जबकि 250 ऐसे स्टोर पहले से सस्ते दामों पर दवाइयों की बिक्री कर रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) आधार पर अनुसूचित जनजाति बहुल तापी, दाहोद, पंचमहल, बनासकांठा, भरूच, नर्मदा और अमरेली जिलों में निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना भी बना रही है।