नई दिल्ली. यूपी के 66 हजार सहायक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्त किए गए करीब 66 हजार शिक्षकों के मामले में कोर्ट कोई दखल नहीं देगा।
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कोर्ट ने यह भी कहा कि वो अपने अंतरिम आदेश में कोई बदलाव नहीं करेगा। बता दें, मामले में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती होनी थी, लेकिन अभी सिर्फ 66 हजार ही नियुक्त किए गए हैं। ऐसे में अभी 6 हजार शिक्षकों की और भर्ती होगी। इसमें भी टीईटी को ही मानक रखा जाएगा। बता दें, इससे पहले यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील दिनश दिवेदी और राकेश मिश्रा ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि टीईटी को शिक्षक योग्यता का एकमात्र मानक नहीं माना जा सकता है।
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सरकार के नए नियम नियम से हुआ था विवाद – यूपी सरकार ने नया नियम बनाया था कि टीईटी को ही एकमात्र आधार बनाकर शिक्षकों की भर्ती नहीं होगी। – शैक्षणिक योग्यता को भी आधार बनाया जाएगा। – सरकार के इस नए नियम को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। – सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सरकार को इस तरह के कोई नियम बनाने का अधिकार नहीं है। क्या कहते हैं छात्र – छात्रों का कहना है कि जब सरकार ने 75 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती निकाली थी तो, सिर्फ टीईटी पास योग्यता रखी गई थी।