प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में विकास की क्रांति के कितने ही ढोल पीटे जाएं, लेकिन न्यूयॉर्क से प्रकाशित होने वाली चर्चित पत्रिका फोर्ब्स ने भारत को एशिया का सबसे भ्रष्ट देश बताया है।
फोर्ब्स का दावा है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नाम की संस्था ने डेढ़ वर्ष के लगातार सर्वेक्षण के बाद जो नतीजे हासिल किये हैं, उससे पता चलता है कि सार्वजनिक सेवाओं में घूसखोरी के मामले में भारत एशिया में सबसे ऊपर है। संस्था ने 16 देशों में 20,000 से ज्यादा लोगों से बातचीत के बाद कहा कि यहां हर चौथे व्यक्ति को सेवाएं हासिल करने के लिए घूस देनी पड़ती है।
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मार्च 2017 में प्रकाशित यह सर्वे अब बहस में आया है और आप नेता कुणार विश्वास ने इसे लेकर जो टिप्पणी की है उसे प्रधानमंत्री पर कटाक्ष माना जा रहा है। विश्वास ने लिखा कि, पहले ही कहा था कि नंबर वन बना दूंगा।
फोर्ब्स की इस सूची में भारत का पड़ोसी पाकिस्तान चौथे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर वियतनाम और तीसरे पर थाईलैंड है। पत्रिका ने कहा है कि भारत में छह में से पांच सार्वजनिक सेवाओं में काम के लिए घूस देनी पड़ती है, जिनमें स्कूल, अस्पताल और पुलिस के अलावा उपयोगिता सेवाएं शामिल है।
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पत्रिका ने जिन देशों के सर्वे का दावा किया है, उनमें सबसे ऊंची दर भारत की है। स्कूलों में 58 प्रतिशत और स्वास्थ्य सेवाओं में 59 प्रतिशत घूसखोरी की बात कही गई है। हालांकि यह सवाल भी उठ रहा है कि मार्च में प्रकाशित फोर्ब्स के इस सर्वे की चर्चा ट्विटर पर अब क्यों हो रही है।