ओलंपिक 8 अगस्त को खत्म हो गए हैं और अब अगले ओलंपिक का यानि कि 2024 का इंतजार भी होने लगा है। इस बार भारत ने ओलंपिक में 7 मेडल जीते हैं जिनमें से दो सिल्वर हैं और एक गोल्ड मेडल है। बता दें कि जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा देश के लिए गोल्ड मेडल जीत कर लाए हैं। नीरज ओलंपिक में किसी एथलेटिक्स गेम में गोल्ड लाने वाले भारत की ओर से पहले व्यक्ति बन गए हैं। हालांकि इनके पहले भी जेवलिन में एक खिलाड़ी ने दो बार गोल्ड मेडल हासिल किया है। हो सकता है नीरज के आने से उनका नाम हम सभी भूल गए हों तो आज उनके बारे में बात करते हैं।
नीरज से पहले इन्होंने दो बार जीता है गोल्ड
इस बार टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने वाले नीरज का नाम तो हर किसी की जुबान पर छाया हुआ है। हालांकि उनसे पहले भी जेवलिन थ्रो में एक खिलाड़ी ने दो बार गोल्ड मेडल जीत कर देश को गौरवान्वित किया है और उनका नाम देवेंद्र झाझड़िया है। देवेंद्र अब 40 साल के हो चुके हैं। उनका जीवन दो गोल्ड जीतने के बाद भी काफी मुश्किल भरा रहा है। देवेंद्र झाझड़िया एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में दो बार देश के लिए गोल्ड मेडल जीता है।
ओलंपिक में दो बार जीत चुके हैं गोल्ड
उन्होंने पहला गोल्ड मेडल 2004 में अपने नाम कर देश का नाम रोशन किया था। उन्होंने पैराओलंपिक में देश की ओर से हिस्सा लिया था। वहीं दूसरा गोल्ड मेडल उन्होंने साल 2016 में आयोजित हुए रियो ओलंंपिक में जीता था। उन्हें देश लौटने पर पद्मश्री से भी नवाजा गया था। खास बात ये है कि वे पद्मश्री अवार्ड पाने वाले पहले पैरा–एथलीट हैं। उन्हें साल 2004 में अर्जुन अवार्ड भी मिला था।
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सिर्फ दाहिना हाथ ही है देवेंद्र की ताकत
बता दें कि देवेंद्र का एक हाथ नहीं है और वे सिर्फ दाहिने हाथ से ही कोई भी काम करते हैं। उन्होंने एक बार इंटरव्यू में बाताय था, ‘ जब मैं देखता हूं कि किसी के पास दोनों हाथ–पैर नहीं है तो सोचता हूं कि मेरे पास दाहिना हाथ तो कम से कम है। मैं हार कैसे मान सकता हूं।’
ऋषभ वर्मा