क्रिकेट को भारत में धर्म से जोड़ कर देखा जाता है। इस खेल को खेलने वाले क्रिकेटर्स भगवान के स्वरूप में जाने जाते हैं। हालांकि कुछ समय से क्रिकेट से ज्यादा देश के अंदर अन्य खेलों के प्रति लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट की लोकप्रियता कम भी हो सकती है और इसकी जगह एक खास खेल ले सकता है। ये खेल इन दिनों खासा चर्चा में भी है और युवाओं को अपनी ओर लुभा भी रहा है। तो चलिए जानते हैं क्रिकेट से ज्यादा आखिर कौन सा खेल भारत में लोकप्रिय हो सकता है और ऐसा होने की संभावना आखिर क्यों है।
क्रिकेट की जगह ले सकता है ये खेल
ओलंंपिक 2020 के खेल 8 अगस्त को समाप्त हो चुके हैं। हालांकि इस बार भारत ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया है। भारत ने ओलंपिक में इस बार 7 मेडल अपने नाम किए हैं। इनमें से दो सिल्वर, चार ब्राॅन्ज और एक गोल्ड मेडल है। बता दें कि गोल्ड मेडल नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में जीता था। नीरज भारतीय आर्मी में भी कार्यरत हैं। जब से नीरज भारत में गोल्ड जीत कर लौटे हैं तब से जेवलिन थ्रो की अहमियत देश में बढ़ गई है। अब स्पोर्ट्स की दुकानों पर भी जेवलिन की मांग बढ़ गई है। वहीं दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में इस खेल को बढ़ावा देने की बात भी चल रही है।
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हर साल 7 अगस्त को होगा इस खेल का आयोजन
नीरज के गोल्ड जीतने के बाद से ही इस खेल की लोकप्रियता देश में बढ़ी है। भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन ने इस खेल को बढ़ावा देने पर जोर देना शुरु कर दिया है। एथलेटिक्स फेडरेशन ने इस खेल को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। एथलेटिक्स फेडरेशन ने कहा है कि हर साल 7 अगस्त के दिन जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि नीरज ने ट्रैक और फील्ड में भारत के लिए ओलंपिक में ये पहला स्वर्ण पदक जीता था। बता दें कि भारत इस खेल को बढ़ावा देने के लिए फिनलैंड से साझेदारी की बात करेगा। मालूम हो कि फिनलैंड में भाला फेंक खेल को अलग दर्जे की वरीयता हासिल है।
ऋषभ वर्मा