क्रिकेट जगत में न जाने कितनी सारी अनसुनी स्ट्रगल की कहानियां हैं। इनमें से कुछ के बारे में तो शायद ही हम जानते हों। वहीं कई सारे बड़े क्रिकेटर्स की कहानी से हम सभी रूबरू हैं। आज हम एक ऐसे क्रिकेटर के बारे में बात करने जा रहे हैं जो बेहद गरीबी से उभर कर बेहतरीन क्रिकेटर बना। उनकी मां ने अपने गहने बेच कर उनके लिए हजारों का प्रोफेशनल बैट खरीदी।
वहीं जब बेटा एक शानदार खिलाड़ी बन कर मां का नाम रौशन किया तो मां का ये स्ट्रगल रंग ले आया।
मां ने गहने गिरवी रख बनाया क्रिकेटर
आज हम साकिबुल गनी के बारे में बात करेंगे। वे एक नए और बड़े स्टार बन कर उभरे हैं। उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया है और उनके यहां तक पहुंचने की कहानी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। गनी एक गरीब परिवार से आते हैं। क्रिकेट के प्रोफेशनल और अच्छे बैट 30-35 हजार रुपये तक मिलते हैं। इतनी रकम किसी गरीब परिवार के लिए बहुत बड़ी है। ऐसे में गनी की मां ने अपने गहनों से ज्यादा कीमती अपने लड़के के सपनों को चुना। उन्होंने अपने सभी जेवर गिरवी रख कर लड़के के लिए महंगा और प्रोफेशनल बैट खरीदा। बता दें कि गनी ने मां के आशिर्वाद और इस बैट के साथ अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया है। वे फर्स्ट क्लास क्रिकेट के डेब्यू मैच में तिहरा शतक लगाने वाले देश–दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए हैं।
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22 साल की उम्र में किए हैं ये कारनामें
गनी की उम्र इस वक्त महज 22 साल है। वे बिहार के रहने वाले हैं। गनी ने रणजी ट्राॅफी के लिए भी मैच खेले। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में 405 गेंदों पर 341 रन तक बना डाले थे। उन्होंने ये कारनामा मिजोरम के खिलाफ खेले गए मैच में किया था। मिजोरम के खिलाफ उन्होंने 56 चौके और 2 छक्के जड़े। इससे पहले साकिबुल गनी जूनियर क्रिकेट लीग का भी हिस्सा रह चुके हैं। खेल के दौरान गनी को जब भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा, मां ने अपना कोई न कोई जेवर गिरवी रख कर बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाया है।
ऋषभ वर्मा
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