विरोध के लिए लोग कई तरह के तरीके अपनाते हैं, लेकिन जो तरीका गुजरात के दलितों के एनजीओ ने अपनाया वह अनूठा होने से चर्चा का विषय बन गया है.गुजरात के दलितों ने 125 किलो का साबुन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को विरोधस्वरूप भेजा है. बता दें कि यूपी के कुशीनगर जिले में योगी आदित्यनाथ जब दलितों से मिलने उनके घर गये थे, तो उससे पहले अधिकारियों ने दलितों को नहाने के लिए साबुन और शैम्पू दिया था.
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बता दें कि इससे नाराज गुजरात के दलितों ने योगी के प्रति अपना विरोध जताने के लिए गुरुवार को उन्हें 125 किलो वजन का साबुन भेजा है.गुजरात में दलितो के लिये काम करने वाली एनजीओ ‘नवसर्जन’ ने योगी सरकार को संदेश देने के लिए यह विशेष साबुन भेजा है. इसे बनाने के लिए गुजरात के गांवों में रहने वाले दलितों के घर-घर से 10 रुपये जुटाकर उससे एक बड़ा साबुन बनाया गया है. भारत की कुल आबादी में से दलितों की आबादी 16.5 प्रतिशत होने के संकेत के रूप में 16.5 फुट की चौड़ाई और लंबाई का यह साबुन बनाया गया है.साबुन पर गौतम बुद्ध की तस्वीर बनाई गई है.
गौरतलब है कि यूपी के मुख्यमंत्री कुशीनगर के मैनपुर कोट दीनापट्टी गांव के मुसहर टोले में जाने वाले थे, उससे पहले अधिकारियों ने दलितों को नहाने के लिए साबुन और शैम्पू दिया था. हालाँकि सीएम उस कार्यक्रम नहीं जा पाए और मुसहरों के हाथ में शैंपू-साबुन धरे के धरे रह गए .दलितों के साथ कुशीनगर के प्रशासन के इस व्यवहार को पूरे देश ने टीवी पर देखा था और अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.
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