उत्तर प्रदेश सरकार ने नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दे दी है। जो निवेशक अपने उद्योग पिछड़े क्षेत्रों में लगाएंगे या ज्यादा रोजगार देंगे, उन्हें सरकार ज्यादा रियायतें देगी। सरकार ने ऐलान किया है कि अब उद्यमियों का रेड टेपिज्म (लालफीताशाही) से नहीं बल्कि रेड कारपेट वेलकम (भव्य स्वागत) होगा।2G स्पैक्ट्रम केस में आज अहम दिन, आरोपियों को देना है लिखित जवाब…
इन्वेस्टर्स मीट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 पर मुहर लग गई। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि अब अक्टूबर या नवंबर में मेगा इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जाएगा। इसमें पीएम मोदी को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब जल्द फार्मा नीति, टेक्सटाइल नीति व आईटी नीति को भी मंजूरी मिलेगी।
चिकनकारी को बढ़ावा
सरकार ने लखनऊ के चिकनकारी, कन्नौज के इत्र, कानपुर के चमड़े का काम, बनारस की साड़ियां, भदोही की कालीन, आगरा के जूते व पेठे, अलीगढ़ के ताले, मुरादाबाद का पीतल, रामपुर के चाकू,फिरोजाबाद मेंकांच का व मेरठ मेंखेलकूद के सामान और बुंदेलखंड के मिट्टी के बर्तन जैसे व्यवसायोंको बढ़ावा देने का फैसला किया है।
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लखनऊ में प्रगति मैदान की तरह बनेगा प्रदर्शनी स्थललखनऊ में प्रगति मैदान की तरह स्थाई प्रदर्शनी स्थल बनेगा। सरकार अब औद्योगिक क्षेत्र में भू उपयोग परिवर्तन नहीं करेगी। निवेशकों के लिए लखनऊ-कानपुर, कानपुर-इलाहाबाद व आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के दोनों ओर निवेश क्षेत्र विकसित किए गए हैं।