उत्तराखंड में जारी भारी बारिश के मद्देनजर चारधाम यात्रा रोक दी गई है. पिछले 36 घंटे से भी ज्यादा समय से देहरादून में बादल जमकर कहर बरपा रहे हैं. नदियां और नाले उफान पर हैं, तो वहीं सड़कों ने भी तालाब का रूप ले लिया है. मौसम विभाग ने यहां पहले ही भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था.महागठबंधन: तेजस्वी पर RJD अड़ी, नीतीश ने आज बुलाई कैबिनेट की बैठक, हो सकता बड़ा फैसला…
अब तक तीन की मौत
देहरादून में पिछले काफी समय से शांत पड़ी नदियों ने उफान मारना शुरू कर दिया है. पहाड़ों की रानी मसूरी में जहां भूस्खलन की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं देहरादून के सिल्ला शेर गावं में चार घर मलबे के नीचे पूरी तरह दब गए.
तेज बहाव में बहे घर
शहर के बीचोंबीच बह रही रिस्पना नदी का हाल ये है कि इसका तेज बहाव घर का पूरा फर्श ही अपने साथ बहा कर ले जा रहा है. ये वही नदी है जिसको साफ करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए एक बच्ची के कहने पर कदम उठाया था, पर नदी साफ होते-होते घरों को भी साफ करने पर आमादा हो जाएगी ऐसा किसी ने भी नहीं सोचा था.
उफान पर हैं नदियां
गढ़वाल और क्या कुमाऊं हर तरफ मानो बारिश कहर बरपाने के लिए तैयार है. देहरादून की सड़कें जलमग्न हैं, वहीं पहाड़ के सभी जिले की नदियां मानों किनारे तोड़ कर रिहायशी इलाकों में अपना ठिकाना तलाश रही हैं.
भूस्खलन होने की आशंका
मौसम विभाग की मानें तो दो दिन का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके बाद भी बारिश में कमी आएगी ये कहना अभी मुश्किल है. लिहाजा सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जा चुकी है क्योंकि चारधाम में बारिश के अलावा भारी भूस्खलन हो सकता है.
परेशान हैं स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासी भी मौसम विभाग की इन एडवाइजरी को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं. लोगों ने अपने बच्चों को घर से बाहर निकलने के लिए मना किया है. पहाड़ के रहने वाले कंडारी कहते हैं कि इस बार बारिश बेहद खतरनाक रूप लिए हुए है लिहाजा अपनी सुरक्षा खुद अपने हाथों में ही है.