देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को संपन्न हो गया और इसके अगले ही दिन बिहार की सियासत में कुछ बड़े और कड़े फैसले होने की अटकलें भी तेज हो गई हैं. मंगलवार यानी 18 जुलाई की शाम छह बजे बिहार कैबिनेट की बैठक होनी है. इस बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम और राजद प्रमुख लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का क्या रुख होगा, इस पर सियासी पंडितों की नजर लगी हुई है.जांच में हुआ बड़ा खुलासा: KGMU प्रशासन की गलती से ट्रामा में लगी थी आग…
सीएम नीतीश लेंगे फैसला
जेडीयू सूत्रों की मानें तो सीएम नीतीश 18 जुलाई को बड़ा फैसला ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के कारण नीतीश ने अपना फैसला टाल दिया था, लेकिन उन्होंने आरजेडी को स्पष्ट कर दिया था कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. जबकि राजद की ओर से साफ किया गया था कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है.
कशमकश के बीच कांग्रेस की कोशिशें जारी
ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को शिकस्त देने के लिए बनाए गए महागठबंधन की दीवार पर तकरार की दरार आने की बात लगातार कही जा रही है. जबकि महागठबंधन को बचाने और जेडीयू-आरजेडी के बीच रिश्ते को पटरी पर लाने के लिए कांग्रेस की कोशिशें जारी हैं.
तेजस्वी बोले- सरकार में सब ठीक
भ्रष्टाचार के मामले में तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई केस दर्ज होने के बाद से ही उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. एक ओर जहां सुशासन और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का हवाला देकर सीएम नीतीश पर तेजस्वी को बर्खास्त करने के दबाव की बात कही जा रही है, वहीं खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी ने इस्तीफे की बात खारिज करते हुए कहा कि राजनीतिक संकट सिर्फ मीडिया में है, बिहार सरकार और महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.
बीजेपी की ओर से समर्थन का संकेत
वहीं एलजेपी नेता चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी जेल जाने पर ही इस्तीफा देंगे क्योंकि उनके परिवार की यही परंपरा है. बीजेपी पहले ही सीएम नीतीश कुमार को समर्थन का संकेत दे चुकी है. इसी बीच जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार को गठबंधन से नाता तोड़ बीजेपी के साथ जाना चाहिए.