सूबे में इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित हुई राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) की काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। एक ओर जहां 1.64 लाख सीटों के मुकाबले सिर्फ 24,600 ही अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल हुए और सीटें भरना मुश्किल हो रही है। दूसरी ओर काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।अभी- अभी: समाजवादी पार्टी को लगे दो बड़े झटके, दो एमएलसी ने दिया इस्तीफा
अभ्यर्थियों का कहना है कि काउंसिलिंग में रजिस्ट्रेशन के समय 20 हजार रुपये यह कहकर जमा करवाए गए कि अगर अभ्यर्थी सीट छोड़ता है तो प्रत्येक राउंड की काउंसिलिंग के दो हजार रुपये काटकर उसे बाकी रकम वापस मिल जाएगी। अभ्यर्थियों का आरोप है कि रिफंड के लिए दिए गए मात्र 24 घंटे में ज्यादातर समय वेबसाइट ही नहीं खुली और अब उनकी रकम वापस करने से इन्कार किया जा रहा है।
एसईई काउंसिलिंग का आयोजन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) द्वारा किया गया है। शुक्रवार को प्रदेश भर से अभ्यर्थी काउंसिलिंग में जमा करवाए गए 20 हजार रुपये वापस न होने की शिकायत लेकर पहुंचे तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। राजधानी में रहने वाली अभ्यर्थी अंशिका श्रीवास्तव ने बताया कि उसने चौथे राउंड की बीटेक कोर्स की काउंसिलिंग के बाद 24 जुलाई की शाम से लेकर 25 जुलाई तक कई बार ऑनलाइन फीस रिफंड के लिए आवेदन करने की कोशिश की लेकिन, सर्वर डाउन होने के कारण वह सबमिट नहीं हो पा रहा था।
यही कहना अलीगढ़ से आए मनस्वी भारद्वाज, फैजाबाद से आए निखिल श्रीवास्तव, गोरखपुर से आए अभिषेक द्विवेदी व अनिल कुमार सहित कई अभ्यर्थियों का है। नियमानुसार तो उन्हें प्रति काउंसिलिंग दो हजार रुपये फीस काटकर बाकी रकम वापस हो जानी चाहिए थी लेकिन, अब उनकी पूरी रकम डूब गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आखिर काउंसिलिंग में फीस जमा करने के लिए मौका ही मौका देते हैं, लेकिन जब रिफंड की बात आई तो सिर्फ 24 घंटे दिए और उसमें भी वेबसाइट बंद रही।
फ्लोटिंग में भी कोई लाभ नहीं वह सीटें मिल रही
एसईई काउंसिलिंग में शामिल हुए इलाहाबाद के अभ्यर्थी ओम प्रकाश विश्वकर्मा ने बताया कि उसने एमबीए में आवेदन किया था और सेकेंड राउंड में उसे जो निजी कॉलेज अलॉट हुआ, फ्लोटिंग करने के बाद आगे के दो राउंड में भी यही कॉलेज मिला। बीटेक की छात्रा अंशिका श्रीवास्तव को भी जो कॉलेज मिला था, उससे अच्छा कॉलेज आगे के राउंड में मिलने की आस थी लेकिन, वह नहीं मिला। तीसरी और चौथी काउंसिलिंग में उसे कानपुर का एक निजी कॉलेज एलॉट हुआ। ऐसे में फ्लोटिंग प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
अभ्यर्थी बोले, शोपीस बने हेल्पलाइन नंबर, ईमेल भी बेकार
एसईई काउंसिलिंग में फीस रिफंड न हो पाने से नाराज अभ्यर्थियों ने बताया कि जो टोल फ्री नंबर 1800-180-0161 पर शिकायत दर्ज करने के लिए बताया गया, वह मिलता नहीं। वहीं लैंडलाइन नंबर भी नहीं मिलते। अभ्यर्थियों ने बताया कि फोन नंबर 0522-2771079 उठा भी तो कोई बोलता नहीं। ईमेल भी भेजा जा चुका है, लेकिन ईमेल का कोई जवाब ही नहीं मिला।
अभिभावक बोले, उनके साथ भी किया गया दुव्र्यवहार
शालिनी रस्तोगी ने बताया कि वह अपने बेटे वैभव की फीस के रिफंड के मामले में मिलने पहुंची तो एसईई समन्वयक कार्यालय में उनसे पूछा गया कि आप क्या करती है? कहीं जॉब करती हैं क्या, इस पर उन्होंने कहा कि वह गृहणी हैं तो कर्मचारी हाथ जोड़कर बोले कि आपसे बात करना बेकार है। कर्मचारियों से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। एकेटीयू पहुंचे अभ्यर्थी व कई अभिभावकों ने बताया कि यहां अधिकारियों से किसलिए मिलना है यह लिखकर दो, इसके बाद उनकी इच्छा पर निर्भर होगा कि वह मिलेंगे कि नहीं।
कोआर्डिनेटर बोले, कहीं नहीं हुई गड़बड़ी, अभ्यर्थी लापरवाह
एसईई कोआर्डिनेटर प्रो. कुलदीप सहाय कहते हैं कि कोई वेबसाइट बंद नहीं थी, अभ्यर्थी झूठ बोल रहे हैं। मुझे लगता है कि यह कहीं डायरेक्ट एडमिशन ले चुके हैं और अब बहाना बनाकर यहां से फीस वापस लेना चाहते हैं लेकिन, अब वह वापस नहीं हो पाएगी। कहीं किसी के साथ कोई बुरा व्यवहार नहीं किया गया है।