बहराइच के महसी के जरवल निवासी एक युवक का निकाह बौंडी में तय हुआ था। बुधवार को तय कार्यक्रम के तहत बारात बौंडी पहुंची तो चारों तरफ बाढ़ थी। ऐसे में पांच बाराती व दूल्हे को ट्रैक्टर से जनवासे ले जाकर निकाह की परंपरा निभाई गई। छत पर निकाह हुआ। लालटेन की रोशनी में शमां और सलमान एक-दूसरे के हुए। भोजन और नाश्ते के बाद बारात विदा की गई।स्कूल हास्टल में बच्चों से घिनौनी हरकत, लोगों ने की तोडफ़ोड़ और हंगाम !
जरवलरोड थाना अंतर्गत जरवल कस्बा निवासी सलमान का निकाह महसी के बौंडी निवासी शमां पुत्री याकूब के साथ तय हुआ था। बुधवार का दिन निकाह के लिए तय हुआ था। तय कार्यक्रम के तहत बुधवार देर शाम को सलमान बारात लेकर कार से बौंडी पहुंचे। लेकिन बारातियों से भरी कार सिर्फ बेलहा-बेहरौली तटबंध तक ही जा सकी। उस पार चारो तरफ सैलाब था।
सिर्फ बौंडी जाने वाली सड़क हल्की-हल्की दिख रही थी। सूचना याकूब को भेजी गई। ऐसे में कुछ लोगों ने बाढ़ थमने के बाद निकाह करने की बात कही। लेकिन सलमान निकाह करने पर अड़ गया। कहा कि बाढ़ रास्ता नहीं रोक पाएगी।
घर के चारों तरफ भरा था पानी
ऐसे में याकूब की ओर से दूल्हे व कुछ बारातियों को जनवासे तक ले जाने के लिए ट्रैक्टर का इंतजाम किया गया। किसी तरह देर रात दूल्हा जनवासे पहुंचा। लेकिन यहां भी चारो तरफ पानी था। परिवार के लोग छत पर थे। छत पर ही मौलवी को बुलवाकर निकाह की रस्म अदा करवाई गई। बाढ़ की लहरों के बीच छत पर लालटेन की रोशनी में शमां और सलमान एक-दूसरे के हुए।
इसके बाद सभी ने चाय, नाश्ता और हल्का फुल्का भोजन किया। फिर बारात ट्रैक्टर से बाढ़ के उस पार पहुंची। याकूब ने कहा कि वह बेटी का निकाह काफी धूमधाम से करना चाह रहे थे। लेकिन शायद नियति से इसी तरह से निकाह मंजूर था। फिर भी सबकुछ सकुशल निपट गया। कार्यक्रम सादगीपूर्ण रहा। न बैंडबाजा था न ही लाइट आदि की व्यवस्था।