विशाल सिक्का ने इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा देने के बाद अपने कर्मचारियों को ई-मेल लिखा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पद पर रहते हुए उन्हें कभी भी आजादी से काम नहीं करने दिया। सिक्का ने कहा अपने तीन साल के कार्यकाल में उन पर आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे, जिसकी वजह से कंपनी को उस मुकाम तक नहीं पहुंचा सका, जिसकी आशा सभी ने की थी।
अपने तीन पेज के इस्तीफे में सिक्का ने बहुत सारी बातें लिखी, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं–
1. सिक्का ने लिखा कि बहुत सोच-विचार के बाद आज मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के साथ ही मेंरे उत्तराधिकारी को चुनने का प्रोसेस भी शुरू हो गया है, तब तक प्रवीन राव को कंपनी के एमडी और सीईओ के पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
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2. सिक्का ने कहा कि वो आने वाले कुछ महीनों तक कंपनी के एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन के पद पर बने रहेंगे। ऐसा इसलिए ताकि बोर्ड को नया मैनेजमेंट चुनने में आसानी रहे।
3. पिछले तीन साल (2014-17) के बीच कंपनी ने काफी अच्छी प्रगति की है। जून 2014 में जब मैं कंपनी का सीईओ बना था, उस वक्त बहुत ही कठिन समय चल रहा था। हमारी ग्रोथ काफी कम थी और काफी संख्या में लोग छोड़कर जा रहे थे। लेकिन इन तीन सालों में कंपनी ने ग्रोथ अच्छी की है और हमारे क्लाइंट्स भी साथ में है, जिससे मुझे काफी खुशी है।
4. इन सबके बावजूद कंपनी में अभी भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। कई लोगों को कंपनी की ग्रोथ से काफी जलन हो रही है, जिसकी वजह से हर दिन आरोप लगते रहे। ऐसे किसी भी कंपनी में काम नहीं हो सकता है।
5. सिक्का ने आगे लिखा कि, मेरे लिए यह यात्रा काफी मुश्किलों भरी रही है। कंपनी में किसी तरह का बदलाव करना काफी कठोर होता है, वो भी इंफोसिस जैसी कंपनी का, क्योंकि इसने दूसरी कंपनियों के लिए बेंचमार्क स्थापित किया था। लेकिन इन सबके बावजूद कंपनी में काफी कुछ बदला, जिसके परिणाम काफी सुखद रहे हैं। सिक्का ने आगे लिखा कि इन सबके बावजूद मैंने कंपनी को छोड़ने का फैसला लिया है, क्योंकि में बाहर से आ रहे शोर-शराबे के बीच काम नहीं कर सकता। क्योंकि इससे अंदर का वातावरण भी खराब हो गया था।