बिहार में हुए 700 करोड़ के सृजन घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एफआईआर दर्ज कर ली है। सीबीआई ने भागलपुर के सृजन महिला विकास समिति एनजीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही बैंक ऑफ बरोदा के निदेश, पूर्व कैशियर और हेड असिस्टेंट के खिलाफ की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दुराचारी बाबा राम रहीम की पहली रात जेल में कैसी कटी, जानिए आपभी!
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-120 बी, 406, 409, 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सूत्रों के मुताबिक, बिहार के मौजूदा उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी जांच एजेंसी के घेरे में हैं। बता दें कि यह स्कैम 2007 से 2013 के बीच हुआ था। इस दौरान सुशील मोदी वित्त मंत्री थे।
भागलपुर में 700 करोड़ के सृजन घोटाले को लेकर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की निर्देश पहले ही दे दिए हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बीते हफ्ते ही इस घोटाले की सीबीआई जांच का फैसला लिया था। जब से सृजन घोटाला सामने आया है तब से तमाम पार्टियों द्वारा इसकी सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी।
बिहार सरकार को लगाया 700 करोड़ का चूना
आरोप है कि भागलपुर के एक एनजीओ ने पिछले दस सालों में बिहार सरकार की नाक के नीचे से करोड़ों रुपए का घोटाला कर दिया। इन दस सालों में एनजीओ ने बिहार की बीजेपी-जेडीयू और आरजेडी-जेडीयू सरकार को तकरीबन 700 करोड़ का चूना लगाया लेकिन दोनों ही सरकारों को इसकी कानों-कान खबर तक नहीं लगी।
सृजन एनजीओ पर आरोप है कि उसने तकरीबन आधा दर्जन वेलफेयर स्कीम के नाम पर भागलपुर जिला प्रसाशन के अलग-अलग अकाउंट्स से करोड़ों रुपए का गबन किया। एनजीओ के इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों, बैंक के कर्मचारियों और सृजन के स्टाफ के लोग शामिल हैं।