ताज़ा मोदी मंत्रीमंडल में जद (यू) को जगह नहीं मिली, जबकि वह कुछ दिन पहले ही एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर चुकी थी, केसी त्यागी और सिन्हा जैसे लोग मंत्री पद की शपथ लेने के लिए कुर्ते सिलवा चुके थे।
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दरअसल यह नरेंद्र मोदी और भाजपा द्वारा नितीश कुमार को मारा गया वह जूता है जिसकी चोट से वह “आह” भी नहीं कर सकते। उनको संदेश दिया जा चुका है कि अपनी औकात में रहो नहीं, तो पैदल के लायक भी नहीं रहोंगे।
नितिश कुमार जब लालू-कांग्रेस गठबंधन के साथ मुख्यमंत्री थे, तो उनके दोनों हाथ में लड्डू थे,जब देखो गठबंधन को अर्दब देते और भाजपा से गलबहियां करते दिखा कर गठबंधन को दबाव में लाते।
अब उन्होंने दोनों लड्डू फेंक कर गोबर हाथ में ले लिया है और मोदी-भाजपा के बंधुआ नौकर बन चुके हैं, जिनके पास कोई विकल्प नहीं।
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बेशर्म नितीश को अभी क्या-क्या दिन दिखेगा उसका इंतजार कीजिए। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि भाजपा 2019 से पहले नितीश कुमार को हटा देगी और बिना विकल्प के नितीश कुमार के पास भाजपा का नेतृत्व स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं होगा।