भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि वह खुले दिमाग से महिलाओं को सेना में लड़ाकू भूमिका दिए जाने के मामले में विचार करेंगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका दिए जाने के मामले पर विचार करेंगी? उन्होंने कहा, “यह निश्चित ही ऐसा मामला है, जिसे मैं खुले दिमाग देखूंगी। सीतारमण ने सीएनएन न्यूज 18 को दिए साक्षात्कार में कहा,”मुझे लगता है कि जेटली जी ने अपने वृहत कार्यकाल के दौरान कई मुद्दों पर निर्णय लिए होंगे। मैं सेना में महिलाओं की लड़ाकू भूमिका से संबंधित फाइल देखना चाहती हूं।
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जब मैं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य थी, तब ऐसे महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर चर्चा होती थी। यह पूछे जाने पर कि क्या रक्षामंत्री के तौर पर उनकी नियुक्ति मील का पत्थर है? उन्होंने कहा, हां, जरूर। सीतारमण ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री हमेशा महिलाओं का समर्थन करते हैं, लेकिन आज उन्होंने बहुत बड़ा संदेश दिया है, जिसकी सभी भारतीय महिलाएं प्रतीक्षा कर रहीं थीं। अब यह हम पर है कि हम अपना काम करें और खुद को साबित करें।”
उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं और मुझे इस निर्णय का असर पता है। यह एक बहुत बड़ी भूमिका है। मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं कैसे प्रधानमंत्री जी का शुक्रिया अदा करूं। सीतारमण ने कहा कि इस निर्णय से विश्व में संदेश जाएगा। उन्होंने कहा, “सोचिए, सुरक्षा पर मंत्रिमडल की समिति में दो महिलाएं, सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर पुरुषों के साथ निर्णय लेंगी। यह उन देशों के लिए संदेश है, जो यह सोचतें हैं कि भारत की महिलाओं को क्या हो गया है।”
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दो बार -एक दिसंबर से 21 दिसंबर 1975 तक तथा 14 जनवरी, 1980 से 15 जनवरी 1982 तक रक्षामंत्री का पदभार संभाला था।
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