राम रहीम की गुफा का एक और सच हम आपको बताने जा रहे हैं। इस सच की तह तक जाया जाए तो पंचकूला में हिंसा कराने की साजिश किस-किस ने रची, ये पता चल जाएगा।
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दरअसल, हनीप्रीत को शुक्रवार को अंबाला जेल ले जाया गया तो थंब इंप्रेशन से उसकी जेल में एंट्री हुई। ठीक इसी तरह हनीप्रीत राम रहीम की गुफा के कपाट खोला करती थी। हनीप्रीत सहित कुछ बेहद नजदीकियों के थंब इंप्रेशन से ही गुफा का दरवाजा खुलता था।
डेरे की गुफा में किसी भी व्यक्ति को जब ले जाया जाता था तो हनीप्रीत या डेरा प्रमुख के दूसरे नजदीकियों के इशारे पर ही दरवाजे खुलते थे। शुक्रवार को जब हनीप्रीत को न्यायिक हिरासत में भेजा गया तो उसे यह बात याद आई होगी, जब उसी अंगूठे को दिखाकर अब उसे जेल के अंदर जाना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, पंचकूला में हुई हिंसा से पहले साजिश में कौन-कौन थे, जो गुफा तक पहुंचे, उनका राज भी पुलिस के कब्जे में आई थंब इंप्रेशन की मशीन में छुपा है। आईआईटी के विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट आधार पर सभी के डाटा बेस निकाले जाएंगे, जिससे डेरा के तमाम नजदीकियों की सच्चाई सामने आएगी।
जेल में दाखिल होने वाले सभी कैदियों का सबसे पहले थंब इंप्रेशन लिया जाता है, इसके बाद ही उन्हें अंदर जाने की इजाजत मिलती है। ऐसा ही हनीप्रीत के साथ भी हुआ।