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बिहार में सरकारें बदलीं तो अपराधियों पर की गई सख्ती से ‘अपहरण उद्योग’ वहां से सिमटना शुरू हो गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार से निकलकर अपहरण का यह उद्योग अब देश की राजधानी दिल्ली में अपने पांव जमा चुका है।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके अनुसार देश की राजधानी दिल्ली ने अपहरण के मामलों में देश के बाकी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। जारी किए गए आंकडों के अनुसार देश में होने वाले अपहरण के सात मामलों में से एक दिल्ली का होता है। आलम ये है कि औसतन दिल्ली में रोजाना 19 लोगों का अपहरण कर लिया जाता है, जबकि पूरे देश में रोजाना 146 लोग अपहरण का शिकार होते हैं।
हालांकि अच्छी बात ये रही कि इनमें से 5876 लोगों को सकुशल बरामद कर लिया गया, जबकि 17 लोग ऐसे बदकिस्मत रहे जो अपने घर नहीं लौट सके और उनकी हत्या कर दी गई। जबकि इसी दौरान देशभर में अपहरण के कुल 88008 केस दर्ज किए किए गए और 89875 लोगों के अपहरण की बात सामने आई।
इनमें से पुलिस ने 69274 लोगों को सकुशल बचाया वो खुद लौट आए जबकि 325 लोगों की हत्या कर दी गई। शहरी क्षेत्र की बात करें तो भी दिल्ली अपहरण के मामले में बाकी मेट्रो सिटी पर भारी रही।
दिल्ली के शहरी इलाके में साल 2016 में अपहरण के कुल 5925 मामले सामने आए जबकि इस अवधि में मायानगी मुंबई में अपहरण के मात्र 1949 मामले दर्ज किए गए जबकि बंगलूरू में 974 और कोलकाता में 290 और चेन्नई में सबसे कम मात्र 34 मामले अपहरण के दर्ज हुए। हालांकि राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में साल 2016 में सबसे अधिक 15898 केस अपहरण के दर्ज किए गए।
खासकर 12 से 16 साल की लड़कियों के अपहरण का आंकडा सबसे ज्यादा रहा। बीते साल दिल्ली में इस उम्र की कुल 1752 लड़कियों का अपहरण हुआ। जबकि इस दौरान अपहरण होने वाले लड़कों की संख्या 1250 रही।
वहीं 16 से 18 साल की उम्र में दिल्ली में 1317 लड़कियों का अपहरण किया गया, जबकि इस दौरान लड़कों के अपहरण का आंकड़ा मात्र 613 रहा। अपहरण किए गए इन मामलों में से ज्यादातर फिरौती वसूलने और आपसी रंजिश में किए गए।