अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाल में पाकिस्तान के प्रति भड़का गुस्सा बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच आर्थिक और रक्षा संबंध मजबूत बनाने में मदद करेगा। पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह बना रहा चीन वहां एक और सैन्य बेस हासिल करने के लिए इस्लामाबाद से समझौता सकता है।
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चीन की आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की योजना पाकिस्तान के जिवानी में अपना नौसेना बेस बनाने की है। ओमान की खाड़ी में स्थित जिवानी ईरान के चाबहार बंदरगाह के पास में है। इससे अरब सागर में चीन का प्रभाव बढ़ जाएगा। ज्ञात हो कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के निवेश से बन रहा है।
ऐसे में इस बंदरगाह के नजदीक चीन का बेस बनने से भारत के हित भी प्रभावित होंगे। जिवानी विदेशी जमीन पर चीन का दूसरा सैन्य बेस होगा। इससे पहले चीन ने विदेशी जमीन पर अपना पहला सैन्य अड्डा अफ्रीका के जिबोती में बनाया है। वहीं चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह पहले से बना रहा है, जो जिवानी के पास में ही स्थित है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में एक जनवरी को ट्वीट कर आरोप लगाया कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए सेफ हैवेन (स्वर्ग) बन गया है। इन आरोपों से पाकिस्तान और चीन के मौजूदा करीबी रिश्ते ज्यादा मजबूत होंगे। इस्लामाबाद ने द्विपक्षीय व्यापार और वित्तीय लेन-देन में चीन की मुद्रा का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान की कई कंपनियों ने भी येन में लेन-देन शुरू कर दिया है। वहीं चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में चीन 50 अरब डॉलर भारी भरकम निवेश कर रहा है।