यूरो कप 2020 में इटली ने इंग्लैंड के खिलाफ मैच जीत कर खिताब अपने नाम कर लिया है। बता दें कि मैच में दोनों टीमों का स्कोर 1-1 था। इसलिए दोनों टीमों को पेनल्टी शूटआउट दिया गया जिसमें इटली ने 3-2 के स्कोर से यूरो कप अपने नाम कर लिया। इंग्लैंड 55 सालों से खिताब का इंतजार कर रहा था और मौका मिलने पर भी वह चूक गया। इस बात से गुस्साए देश वासियों ने खिलाड़ियों पर अभद्र टिप्पणी करना शुरू कर दिया है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।
इंग्लैंड के हारने पर जनता ने खोया आपा, चढ़े खिलाड़ियों पर
इंग्लैंड की हार वहां के लोग सह नहीं पाए और खिलाड़ियों पर बरस पड़े। इस बात को लेकर दुनिया भर में इंग्लैंड की किरकिरी हो रही है। बता दें कि इस बात को लेकर इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन ने भी अपने देश के लोगों की निंदा की है। दरअसल फुटबाॅल यूरो कप हारने के बाद टीम के तीन अश्वेत खिलाड़ियों के साथ नस्ल भेद किया गया व उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। इस वजह से अब इंग्लैंड को आगामी फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी मिलने पर भी सवाल उठाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि 2030 में इस देश को मेजबानी का मौका मिलना भी चाहिए या नहीं, ये चिंता का विषय है।
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तीनों अश्वेत खिलाड़ियों से मिस हो गई थी पेनल्टी शूट
बता दें इंग्लैंड के लोग हार की वजह फुटबाॅल टीम के तीन अश्वेत खिलाड़ियों को मान रहे हैं। दरअसल वे तीनों ही खेल के दौरान गोल करने से चूक गए थे। इस पर केविन पीटरसन ने कड़ी निंदा करते हुए ब्रिटेन के पीएम बोरिस जाॅनसन व इंग्लैंड के खेल संचालन संगठन फुटबाॅल संघ को इस बारे में सचेत किया है। बता दें कि यूरो कप का फाइनल रविवार की रात को हुआ था। इसमें दोनों टीमों का स्कोर 1-1 पर रहा और इसलिए विजेता घोषित करने के लिए पेनल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा। पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड के अश्वेत खिलाड़ियों ने गोल मिस कर दिया था। इसी बात से वहां की जनता खफा है। हालांकि इसी वजह से इटली ने पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से मैच जीत कर खिताब अपने नाम कर लिया।
ऋषभ वर्मा