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MP हाईकोर्ट भर्ती : 44000 रु वेतन चाहते हैं तो जल्द करें आवेदन

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिविल जज के 140 खाली पड़े पदों को भरने के लिए अनुभवी उम्मीदवारों से आवेदन की मांग के हैं. यदि आपके पास संबधित विषय में स्नातक डिग्री और अनुभव है तो आप इन पदो के लिए आज ही आवेदन कर सकते है. नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी इस प्रकार हैं... इतनी मिलेगी तनख्वाह.... सिविल न्यायाधीश - 27700 - 44770/- महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं... पद का नाम... सिविल न्यायाधीश कुल पद... 140 अंतिम तिथि... 4-9-2018 स्थान... भोपाल आयु सीमा... उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 35 वर्ष मान्य होगी. बता दें कि आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट प्रदान की जाएगी. जरूरी योग्यता... उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से लॉ में स्नातक डिग्री प्राप्त हो और अनुभव हो. वेतनमान... जिनु उम्मीदवारो का चयन इन पदों के लिए किया जाएगा उन्हें 27700 - 44770/- वेतन दिया जाएगा. आवेदन शुल्क: 1000/- रुपए सामान्य, ओबीसी जाति और 600/- अनुसूचित जनजाति के लिए. चयन प्रक्रिया... उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगा.

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिविल जज के 140 खाली पड़े पदों को भरने के लिए अनुभवी उम्मीदवारों से आवेदन की मांग के हैं.  यदि आपके पास संबधित विषय में स्नातक डिग्री और अनुभव है तो आप इन पदो के लिए आज ही आवेदन कर सकते है. नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी …

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SBI के इन 6 खातों में नहीं होती मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत, जानिए इनके बारे में

सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ग्राहकों को कुछ ऐसे खातों का भी विकल्प देता है जहां एवरेज मिनिमम बैलेंस (एएमबी) का नियम लागू नहीं होता। इन खातों को जीरो बैलेंस सेविंग्स एकाउंट्स कहा जाता है। एसबीआई के अनुसार इन खातों में ग्राहकों को कोई निश्चित मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने की जरूरी नहीं होती है। हालांकि, एसबीआई की ओर से अन्य बचत खातों में एएमबी अनिवार्य है। जानिए एसबीआई का एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) किन श्रेणियों पर लागू नहीं होता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई): प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन की एक पहल है। इसका उद्देश्य अब तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाना है। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस सुविधा वाले खाते खोले जाते हैं। जन-धन योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने अगस्त, 2014 में की थी। इसके पहले चरण का अंत अगस्त, 2015 में हो गया था। इस दौरान सरकार का मुख्य मकसद लोगों के सामान्य बैंक खाते खुलवाना और उन्हें रुपये कार्ड से लैस करना था। पिछले चार सालों में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाते में 80,674.82 करोड़ रुपये का आउटस्टैंडिंग बैलेंस है। SBI के इस खाते में नहीं है मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की झंझट, जान लें इससे जुड़ी 10 बातें यह भी पढ़ें नो फ्रिल्स एकाउंट: नवंबर 2005 में बैंकों को सलाह दी गई थी कि वो यूजर्स को नो फ्रिल अकाउंट या फिर निल या लो मिनिमम बैलेंस वाले खातों को उपलब्ध करवाएंगे। ये ऐसे खाते होते हैं जिनमें न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती है आप इसमें जीरो बैलेंस रखते हुए भी इसे चालू रख सकते हैं। नो फ्रिल अकाउंट को बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट भी कहा जाता है और इसमें सामान्य बैंकिंग सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध करवाई जाती है। सैलरी पैकेज एकाउंट: एसबीआई ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप कई तरह के सैलरी एकाउंट की पेशकश करता है। एसबीआई का स्पेशल सैलरी एकाउंट विभिन्न सेक्टर्स जैसे कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल, उद्योगपति/ संस्थान आदि के लिए उपलब्ध है। ये पैकेज जीरो बैलेंस के साथ खोले जा सकते हैं। जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट हैं खास, जानें SBI और स्मॉल फाइनेंस बैंक में कौन बेहतर यह भी पढ़ें बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट: बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट (बीएसबीडीए) केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आम जनता के लिए शुरू की गई खास स्कीम है। इसका उदेश्य गरीबों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए देश में जितने नो फ्रिल खाते खोले गए हैं, उन्हें इस स्कीम के दायरे में लाना है। इसे जीरो बैलेंस एकाउंट भी कहा जाता है। इसमें बैंक ग्राहकों की सामान्य जरूरतों का मुफ्त एटीएम, मासिक स्टेटमेंट और चेक बुक के जरिए ध्यान रखता है। इस खाते की खासियत सेविंग्स, क्रेडिट एंड मनी ट्रांस्फर सुविधाएं और सरल केवाइसी नियमों के तहत एटीएम कम डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं हैं। इसके तहत जीरो बैलेंस के साथ खाता खोला और मेंटेन किया जा सकता है। बैंक के सेविंग अकाउंट पर कैसे होती है मंथली एवरेज बैलेंस की गणना, जानते हैं आप? यह भी पढ़ें पहला कदम और पहली उड़ान खाता: ये सेविंग एकाउंट खासतौर पर बच्चों के लिए बनाये गये हैं। यह उन्हें न सिर्फ बचत की अहमियत सिखाता है बल्कि उन्हें पैसों की ‘खरीदारी क्षमता’ का प्रयोग करने का अवसर भी देता है। इन खातों में ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन करना अनिवार्य नहीं होता। सभी श्रेणियों के वेतनभोगी: एसबीआई की ओर से पेंशन खाते में मिनिमम बैंलेंस की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। मसलन, इस खाते में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं है।

सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ग्राहकों को कुछ ऐसे खातों का भी विकल्प देता है जहां एवरेज मिनिमम बैलेंस (एएमबी) का नियम लागू नहीं होता। इन खातों को जीरो बैलेंस सेविंग्स एकाउंट्स कहा जाता है। एसबीआई के अनुसार इन खातों में ग्राहकों को कोई …

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क्या है RuPay कार्ड? वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं

मास्टर कार्ड और वीजा कार्ड के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए वर्ष 2012 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने रुपे कार्ड (RuPay) लॉन्च किया था। यह कार्ड भी वीजा और मास्टर कार्ड की तरह ही काम करता है। रुपे कार्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड का भारतीय संस्करण है। रुपे कार्ड के फायदे? इस कार्ड के जरि‍ये लेनदेन जल्दी हो जाता है और लागत कम आती है। आपके लेने-देन की सभी जानकारी बस भारत तक ही सीमित रहती है। इसका इस्तेमाल एटीएम से कैश नि‍कालने के अलावा, पीओएस और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लेन-देन में भी कि‍या जा सकता है। इसका इस्तेमाल 1.45 लाख एटीएम, 8.75 लाख पीओएस टर्मिनलों और 10,000+ ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर किया जा सकता है। इसके अलावा, रुपे कार्डधारक को बिना किसी लागत के 1 लाख का एक्सीडेंटल बीमा कवरेज भी मिलता है। 15 तरह के रुपे कार्ड: जानिए क्यों डेबिट कार्ड से बेहतर है क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल यह भी पढ़ें रुपे कार्ड 15 तरह के कार्ड जारी करता है, जिसमें तीन क्रेडिट कार्ड, छह डेबिट कार्ड, एक ग्लोबल कार्ड, चार प्रीपेड कार्ड और एक कांटेक्टलेस कार्ड शामिल है। क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा रुपे कार्ड चार तरह के प्रीपेड कार्ड भी देता है। जिनमें गिफ्ट कार्ड, पेरोल कार्ड, स्टूडेंट कार्ड, वर्चुअल कार्ड हैं। रुपे ग्लोबल कार्ड भी देता है। इस कार्ड को आप पूरी दुनिया में कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं। रुपे कांटेक्टलेस कार्ड से आप ऑनलाइन और ऑफलाइन लेनदेन कर सकते हैं। रुपे पीएमजेडीवाई कार्ड: इस कार्ड के जरिए भारतीय नागरिक प्रधान मंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत सस्ती बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। पेरोल कार्ड: इस कार्ड से कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जाता है। इन 5 तरीकों से करेंगे अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तो बचा सकते हैं काफी पैसा यह भी पढ़ें रुपे मुद्रा डेबिट कार्ड: इस कार्ड से मुद्रा लोन के लाभार्थी सरकार की प्रधान मंत्री मुद्रा योजना का फायदा लेते हैं। रुपे किसान कार्ड: यह किसानों की खेती और गैर-कृषि गतिविधियों दोनों के लिए क्रेडिट जरूरतों को पूरा करता है। ज्यादा क्रेडिट कार्ड रखना और उसका इस्तेमाल है आपके लिए खतरनाक, जानिए क्यों? यह भी पढ़ें छात्र कार्ड: इस कार्ड को विशेष रूप से छात्रों के लिए बनाया गया है। वर्चुअल कार्ड: इस कार्ड से अन्य वर्चुअल कार्ड की तरह अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है। SBI के एटीएम कार्ड पर मिलती हैं ये 5 सेवाएं, जानते हैं आप? यह भी पढ़ें रुपे कार्ड के लिए कैसे करें आवेदन? आवेदन करने के लिए रुपे वेबसाइट पर जाएं और आवेदन फॉर्म में अपना पर्सनल डिटेल डालें। आप किस तरह का रुपे कार्ड चाहते हैं और किस बैंक से चाहते हैं इसका चुनाव करें। हालांकि, इसके लिए आपके पास उस बैंक में एक बचत खाता होना चाहिए। फिर 'सबमिट करें' पर क्लिक करें, इसके बाद आपने रुपे कार्ड के लिए आवेदन कर दिया है। रुपे कार्ड मास्टरकार्ड और वीजा कार्ड से कैसे है अलग? प्रोसेसिंग शुल्क कम होने से लेन-देन में रुपे कार्ड का उपयोग मास्टरकार्ड / वीजा कार्ड से 23% सस्ता है। लेकिन, इसे मास्टरकार्ड / वीजा कार्ड की तरह हर जगह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

मास्टर कार्ड और वीजा कार्ड के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए वर्ष 2012 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने रुपे कार्ड (RuPay) लॉन्च किया था। यह कार्ड भी वीजा और मास्टर कार्ड की तरह ही काम करता है। रुपे कार्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड का भारतीय संस्करण है।  रुपे कार्ड …

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कम खर्चे के साथ घूमने-फिरने के हैं शौकीन तो अपनाएं ये 5 ट्रिक्स

अलग-अलग जगह पर सैर करना हर किसी का सपना होता है। लेकिन, घूमने के लिए काफी पैसों की जरूरत होती है। कई बार ज्यादा बजट होने की वजह से लोग घूमने का प्लान टाल देते हैं। अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें। इससे आपके फिजूल खर्चे में कमी आएगी। हम अपनी इस खबर में आपको पांच ऐसे तरीके बता रहे हैं जिससे आप घूमने पर लगने वाले खर्च को कम कर सकते हैं। अपना बजट बनाना न भूलें: टूरिंग पर जाने से पहले एक बजट तैयार करें। इसमें आप यात्रा पर लगने वाले खर्च, ठहरने का स्थान, कितने टाइम के लिए जा रहे हैं ये सब शामिल करें। इससे आपको एक अंदाजा मिल जाएगा कि आपको कितने पैसों की जरुरत है। अक्सर लोग यात्रा करते समय अधिक पैसे लगा देते हैं। अगर पहले से बजट बना रहेगा तो खर्च भी उसी के अनुसार होगा। सस्ते होटल की तलाश करें: सबसे जरूरी बात कि जब आप छुट्टियों में कहीं घूमने जाते हैं तो, आपका अधिकांश समय होटल में गुजरता है। तो ठहरने से पहले आपको इस बारे में सोचना चाहिए कि आप इसपर कितना खर्च करना चाहते हैं। वैसे, हर दिन के लिए 2,500-3,000 रुपये का कमरा आपकी सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काफी है। आप चाहें तो इस खर्च में और कटौती कर सकते हैं। कम खर्च में करना चाहते हैं विदेश यात्रा तो जरूर अपनाएं ये 5 टिप्स यह भी पढ़ें ट्रेन से ट्रेवल करें: यात्रा पर आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि आप ट्रेन से सफर करें। क्योंकि यह फ्लाइट से सस्ता होता है, खासकर अगर आप यूरोप जा रहे हैं तो वहां स्थित देशों में शहरों को हाई-स्पीड ट्रेन सेवाओं से जोड़ा गया है। ऐसे में आपके लिए ट्रेन से सफर करना सस्ता रहेगा। हालांकि फ्लाइट से आपका समय तो लम लगता है लेकिन, ट्रेन से सफर में आप अधिक पैसा बचा सकते हैं। सस्ते ट्रांसपोर्ट को चुनें: किसी भी नई जगह घूमने जाने से पहले आप प्राइवेट टैक्सी या कैब के बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चुन सकते हैं, क्योंकि यह सस्ता होता है। कई डेस्टिनेशन ऐसे होते हैं जहां पास लेकर आप सफर को ज्यादा सस्ता बना सकते हैं। दुनिया के इन 6 देशों में काफी मजबूत है भारतीय रुपया और घूमना है काफी सस्ता, जानिए यह भी पढ़ें टिकट बुक करते समय दिखाएं होशियारी: कई बार अलग-अलग सीजन में फ्लाइट, ट्रेन और रोड ट्रांसपोर्ट में ऑफर मिलते हैं। जब भी टिकट बुक करें तो कोशिश रहे कि कौन सी कंपनी किस तरह के यात्रा पर क्या डिस्काउंट ऑफर दे रही है इसका ध्यान रखें। कई बार सिंगल वे का टिकट बुक करना आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा बजाए कि आप राउंड ट्रिप टिकट बुक कर रहे हैं। इसलिए खर्च में कटौती के लिए डिस्काउंट ऑफर चेक करें फिर बुकिंग करें।

अलग-अलग जगह पर सैर करना हर किसी का सपना होता है। लेकिन, घूमने के लिए काफी पैसों की जरूरत होती है। कई बार ज्यादा बजट होने की वजह से लोग घूमने का प्लान टाल देते हैं। अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान …

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बेटियों के पापा के लिए अच्छी खबर, सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ लेना हुआ और आसान

दिल्ली: भारत सरकार ने बच्चियों की शिक्षा के लिए बचत करने वाली एक योजना सुकन्या समृद्धि योजना जनवरी 2015 में शुरू की थी. यह योजना काफी चर्चित रही है. सरकार ने हाल में इस योजना से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. यह बदलाव अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम राशि से और सालाना न्यूनतम जमा राशि को लेकर किए गए हैं. लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना में नवंबर 2017 तक 1.26 करोड़ से भी अधिक खाते थे, जिसमें करीब 19,183 करोड़ रुपये जमा हैं. इस खास योजना से जुड़ी कौन-कौन सी खास बातें हैं, इसपर एक नजर डालते हैं. महज 250 रुपये में खुलेगा अकाउंट सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े नियमों में यह सबसे अहम बदलाव है. पहले इस योजना के तहत अकाउंट खोलने के लिए 1000 रुपये जमा करने पड़ते थे. लेकिन, अब आप अपनी बच्ची के लिए यह अकाउंट महज 250 रुपये में ही खोल सकते हैं. नियम में यह बदलाव सुकन्या समृद्धि योजना (संशोधन) कानून, 2018 के अन्तर्गत किया गया है. सालाना जमा राशि की सीमा भी घटी सरकार की तरफ से आम लोगों को ध्यान में रखते हुए सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना आधार पर न्यूनतम राशि रखने की सीमा में भी बदलाव किया गया है. पहले सालाना 1000 रुपये न्यूनतम जमा होना अनिवार्य बनाया गया था. लेकिन, अब इसे भी घटाकर महज 250 रुपये कर दिया गया है. नए नियम 6 जुलाई 2018 से प्रभाव में हैं. हर तिमाही ब्याज तय होगा शुरुआत में सुकन्या समृद्धि योजना में अकाउंट पर ब्याज सालाना आधार पर मिलता था. लेकिन नए नियम के मुताबिक, सरकार इस योजना के तहत जमा राशि पर हर तिमाही नए सिरे से ब्याज का निर्धारण करेगी. ऐसा प्रावधान अन्य छोटी बचत योजनाओं जैसे- पीपीएफ, और सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम आदि में पहले से है. फिलहाल सुकन्या समृद्धि योजना में 8.1 प्रतिशत का ब्याज (चक्रवृद्धि) सालाना मिलता रहा है. टैक्स में भी मिलेगी राहत जहां एक तरफ सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज के निर्धारण के नियम बदले गए तो दूसरी तरफ बच्ची के माता-पिता के लिए टैक्स छूट का भी प्रावधान किया गया है. इस प्रावधान ने सुकन्या समृद्धि योजना को आम लोगों में और ज्यादा आकर्षित किया है. यह योजना आयकर नियम की धारा 80C के तहत एक वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट के दायरे में है. पूरा ब्याज और परिपक्वता राशि भी कर दायरे से बाहर है. इस योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. इसे भी पढ़ें: एफडी अच्‍छी या सुकन्‍या समृद्धि योजना : जानिए कौन दे रहा ज्‍यादा अच्‍छा रिटर्न 15 साल के लिए होता है अकाउंट सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अकाउंट में 15 साल तक के लिए राशि जमा की जा सकती है. इसके बाद तय किए गए मानक के रूप में अकाउंट पर सिर्फ ब्याज ही मिलता रहेगा. इस योजना के तहत अकाउंट की परिपक्वता 21 साल पूरा होने पर होगी. 10 साल तक उम्र तक खोल सकते हैं अकाउंट सुकन्या समृद्धि योजना के अन्तर्गत बच्ची की जन्म तिथि से लेकर अधिकतम 10 साल तक की बच्ची का अकाउंट खुल सकता है. माता-पिता या अभिभावक बच्ची के नाम पर अकाउंट खोल सकते हैं. साथ ही पोस्ट ऑफिस या बैंक में दो बच्ची के नाम पर दो से अधिक अकाउंट नहीं खुल सकता. सीमित राशि निकालने का है प्रावधान इस योजना के तहत अकाउंट से राशि की निकासी बच्ची के 18 साल की उम्र पूरी होने के समय निकाल सकते हैं. यह भी शिक्षा या विवाह के खर्च के तौर पर ही निकाल सकते हैं. यह निकासी 50 प्रतिशत होगी.

दिल्ली: भारत सरकार ने बच्चियों की शिक्षा के लिए बचत करने वाली एक योजना सुकन्या समृद्धि योजना जनवरी 2015 में शुरू की थी. यह योजना काफी चर्चित रही है. सरकार ने हाल में इस योजना से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. यह बदलाव अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम राशि से …

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इस रक्षाबंधन महिलाओं को Railway ने दी खास सुविधा, आपका जानना भी जरूरी

यात्रियों के लिए तमाम नई सुविधाएं शुरू करने वाली भारतीय रेलवे ने इस बार रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं के लिए विशेष सुविधा शुरू की है. रक्षा बंधन के मौके पर भारतीय रेलवे की दिल्ली डिवीजन ने लेडीज स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है. इस सुविधा को शुरू करने के पीछे डिवीजन का मकसद महिलाओं को सुरक्षित सफर का माहौल देना है. परेशानी से बचने के लिए दी सुविधा रेलवे ने रक्षाबंधन के दिन बहनों की सुविधा और उन्हें अपने भाईयों के पास जाने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए रेलवे की दिल्ली डिवीजन ने स्पेशनल ट्रेन शुरू की हैं. रेलवे के इस कदम का महिलाओं ने स्वागत किया है. आपको बता दें कि इस बार 26 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व है. इन ट्रेनों के जरिए महिलाएं अपने भाईयों के घर आराम से जा सकती है और वहां से वापस आ सकती हैं. रक्षाबंधन के दिन स्पेशल ट्रेन और उनका समय - पलवल से नई दिल्ली डिपार्चर : सुबह 8.20 एराइवल : सुबह 10 बजे - नई दिल्ली से पलवल डिपार्चर : शाम 17.50 एराइवल : शाम 19.20 बजे - गाजियाबाद से नई दिल्ली डिपार्चर : सुबह 8.30 एराइवल : सुबह 9.02 बजे - नई दिल्ली से गाजियाबाद डिपार्चर : शाम 17.50 एराइवल : शाम 18.40 बजे - पानीपत से नई दिल्ली डिपार्चर : सुबह 6.40 बजे एराइवल : सुबह 8.55 बजे - नई दिल्ली से पलवल डिपार्चर : सुबह 17.50 बजे एराइवल : शाम 20.05 बजे महिलाओं और बच्चों को मुफ्त ई-रिक्शा सवारी इसके अलावा रक्षाबंधन के मौके पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज ने 'लोहिया राखी प्यार का सफर' शुरू किया है. इसमें रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं और बच्चों को मुफ्त सवारी की पेशकश की जाएगी. यह सेवा 26 अगस्त सुबह 8 बजे से नई दिल्ली के सबसे भीड़ वाले मेट्रो स्टेशनों में उपलब्ध होगी जिसमें नवादा, तिलक नगर, जनपकपुरी ईस्ट, जनकपुरी वेस्ट, उत्तम नगर ईस्ट, उत्तम नगर वेस्ट, द्वारका मोड़ और राजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज के सीईओ आयुष लोहिया ने कहा, 'हम अपनी पहल 'लोहिया राखी प्यार का सफर' को लेकर बहुत उत्साहित हैं. रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों को अपने भाई और परिवार के साथ ये उत्सव मनाने के लिए अपने मायके जाना होता है. इस दिन यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, लोहिया ऑटो महिलाओं और बच्चों को मुफ्त ई-रिक्शा की सवारी प्रदान कर रही है. इससे वे बिना किसी परेशानी के मेट्रो स्टेशनों से आस-पास के इलाकों में अपने घर तक निशुल्क सफर कर सकेंगी

यात्रियों के लिए तमाम नई सुविधाएं शुरू करने वाली भारतीय रेलवे ने इस बार रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं के लिए विशेष सुविधा शुरू की है. रक्षा बंधन के मौके पर भारतीय रेलवे की दिल्ली डिवीजन ने लेडीज स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है. इस सुविधा को शुरू करने के पीछे डिवीजन का …

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राहुल गांधी बोले, महिला आरक्षण विधेयक पर सरकार का साथ देगी कांग्रेस

कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक को समर्थन देने के लिए तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यदि भाजपा संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए लाएगी, तो उनकी पार्टी खुशी से भाजपा का सहयोग करेगी। यह बात राहुल ने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में कही। राहुल ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भी भेजा है। राहुल ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री को एक संदेश भेजा है, जिस दिन वह महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना चाहते हैं, पूरी कांग्रेस पार्टी भाजपा के साथ खुशी से सहयोग के लिए खड़ी होगी।' बता दें कि राज्यसभा ने मार्च 2010 में ही महिला आरक्षण विधेयक को पारित कर दिया था, लेकिन लोकसभा में यह अब तक अटका हुआ है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दशकों से संसद में बहस का स्तर गिरा है। उन्होंने कहा, 'इसी संसद में 50 और 60 के दशक में चर्चा का स्तर काफी ऊंचा था, लेकिन आज आप बहस का स्तर देखेंगे तो, इसकी गुणवत्ता कम हो गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सांसदों को कानून बनाने का अधिकार नहीं है।' राहुल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में अल्पसंख्यकों ने प्रगति की है। उन्होंने कहा, 'अगर आप भारत के पिछले 70 सालों का इतिहास देखेंगे, तो आपको समझ आएगा कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक आगे बढ़ने में सफल रहे हैं।' –– ADVERTISEMENT –– राहुल बोले, पीएम होता तो डस्टबिन में फेंक देता नोटबंदी का प्रस्ताव यह भी पढ़ें महिला आरक्षण विधेयक क्या है? ये संविधान में 85वें संशोधन का विधेयक है। इसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद सीटों पर आरक्षण का प्रावधान है। इसी 33 फीसद में से फिर एक-तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी हैं। 1996 में पहली बार इस विधेयक को लोकसभा में पेश करने की कोशिश की गई थी, तब भी सत्तारूढ़ पक्ष में एक राय नहीं थी। विरोध क्यों? - ये कहा जाता आया है कि ज्यादातर पुरुष सांसदों को लगता है कि अगर उनकी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई, तो वे शायद फिर कभी लोकसभा के सदस्य बन ही नहीं पाएंगे। - छोटी पार्टियों को लगता है कि बारी-बारी से सीटें आरक्षित करने पर उनका जनाधार हाथ से निकल जाएगा। - कुछ सामाजिक संगठनों का यह भी तर्क है कि इतनी बड़ी तादाद में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने से राजनीतिक दलों के लिए इतनी बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवार ढूंढ पाना मुश्किल हो जाएगा। - उम्मीदवार न मिलने की वजह से कई राजनेता अपनी पत्नियों या दूसरी महिला रिश्तेदारों को टिकट दिलवाकर और उन्हें जीताकर खुद उनके नाम पर शासन चलाएंगे।

कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक को समर्थन देने के लिए तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यदि भाजपा संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए लाएगी, तो उनकी पार्टी खुशी से भाजपा का सहयोग करेगी। यह बात राहुल ने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में कही। …

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चारा घोटाला: लालू की जमानत याचिका खारिज, 30 अगस्त तक करना होगा सरेंडर

चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव को रांची हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने लालू की सशर्त जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। लालू की प्रोविजनल बेल की अवधि 27 अगस्त को समाप्त हो रही है और अब उन्हें 30 अगस्त तक कोर्ट में सरेंडर करना होगा। रांची हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य के आधार पर लालू की पेरोल की अवधि बढ़ाने के लिए लालू की ओर से अपील की गई याचिका को खारिज कर दिया है। लालू ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की अवधि तीन महीने तक बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी जिसपर कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने लालू की पैरवी की। इस पर चली बहस के बाद लालू की पेरोल को कोर्ट ने खारिज कर दिया। लालू की औपबंधिक जमानत रद होने के बाद उनके वकील प्रभात कुमार ने कहा कि लालू का इलाज मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में चल रहा है और अब उन्हें इलाज के लिए रांची के राजेंद्र इस्टीट्यूट अॉफ मेडिकल साइंसेज, रिम्स लाया जाएगा। अब वहीं उनका इलाज होगा। कोर्ट ने औपबंधिक जमानत अवधि 27 अगस्त तक बढ़ा दी थी इससे पहले रांची हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की प्रोविजनल बेल (औपबंधिक जमानत) की अवधि 27 अगस्त तक बढ़ा दी थी। लालू यादव की प्रोविजनल बेल 20 अगस्त को समाप्त हो रही थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तिथि 24 अगस्त को निर्धारित की थी। सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से 20 अगस्त को बेल की अवधि समाप्त होने की बात कहते हुए इसे बढ़ाने की मांग की गई। कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता को कोर्ट में बुलाया और लालू प्रसाद की प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी। कोर्ट ने जताई थी आपत्ति, इलाज के लिए मिली जमानत, घर में क्यों हैं लालू गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अस्पताल से घर जाने पर झारखंड हाई कोर्ट ने तल्खी दिखाते हुए इस पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें इलाज के लिए औपबंधिक जमानत मिली है, ऐसे में वे घर कैसे जा सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट व डिस्चार्ज समरी की जांच कर अपना जवाब दाखिल करें। लालू के वकील ने मांगा था तीन महीने का समय लालू के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुंबई स्थित एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू प्रसाद 6 अगस्त को भर्ती हुए हैं। उनका फिश्चूला (मलद्वार में घाव) का ऑपरेशन हुआ है। जिसकी रिकवरी में समय लगेगा। उन्हें यूरिनल, ब्लड प्रेशर व शुगर सहित अन्य बीमारियां हैं। उनका शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा है, इसलिए उन्हें प्रतिदिन 70 यूनिट इंसुलिन लेनी पड़ रही है। इसके बाद भी शुगर का लेवल 350 हो जा रहा है। लालू प्रसाद को क्रोनिक किडनी की बीमारी है, जिसका ऑपरेशन किया जाना है। इसलिए उनकी औपबंधिक जमानत की अवधि तीन माह तक बढ़ा दी जाए। जिसके बाद कोर्ट ने 20 अगस्त तक औपबंधिक जमानत की अवधि बढ़ा दी थी। चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं लालू राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार समेत सभी तीन मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं। चारा घोटाला से जुड़े तीन मामलों में रांची स्थित सीबीआइ कोर्ट ने दिसंबर, 2017 को लालू को सजा सुनायी थी और तभी लालू को हिरासत में लेकर रांची के होटवार जेल भेज दिया गया था।

चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव को रांची हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने लालू की सशर्त जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। लालू की प्रोविजनल बेल की अवधि 27 अगस्त को समाप्त हो रही है और अब उन्हें 30 अगस्त तक …

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ से हादसों में आई कमी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने जब से ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ अभियान शुरू किया है, तब से सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी आई है। अभियान को सफल बनाने में पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ को भी कन्याश्री की तरह वैश्विक स्वीकृति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में कोलकाता पुलिस के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘जय हे’ में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि 2016 में ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ अभियान शुरू किया गया। अगर इस अभियान द्वारा 1000 जीवन बचाया जा सका है,तो यह बड़ी बात है। अन्य राज्य भी इस योजना का अनुसरण करेंगे। सिक्किम में इस योजना पर अमल किया जा रहा है। वर्ष 2016 में जहां राज्यभर में 6544 सड़क हादसे हुए थे, वहीं 2017 में घटकर 5,625 हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी 365 दिन काम करते हैं। पर्व त्योहार में लोगों की सुरक्षा की व्यवस्था से लेकर कानून व्यस्था बनाए रखने में पुलिस की अहम भूमिका है। काम का इतना दबाव रहता है कि पुलिसकर्मियों को पर्याप्त छुट्टी नहीं मिलती है। कोलकाता पुलिस के जवान नागरिकों की सुरक्षा के साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाते हैं। उनकी भूमिका सराहनीय है। क्या सरकार जबरदस्‍ती लोगों को देश से निकालना चाह रही है: ममता यह भी पढ़ें उन्होंने इस दौरान दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक अखिलेश चतुर्वेदी समेत कई पुलिस अधिकारियों को पदक देकर सम्मानित किया। इस दौरान कोलकाता पुलिस के आयुक्त राजीव कुमार, डीजीपी वीरेंद्र और राज्य के सुरक्षा सलाहकार सुरजीत कर पुरकायस्थ समेत पुलिस व गृह विभाग के सीनियर अफसर भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के दौरान बांग्ला फिल्म के अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी समेत कई कलाकारों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने जब से ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ अभियान शुरू किया है, तब से सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी आई है। अभियान को सफल बनाने में पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘सेफ ड्राइव सेव लाइफ’ को भी कन्याश्री की तरह वैश्विक स्वीकृति …

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मैं दोबारा सीएम बनकर आऊंगा : सिद्धारमैया

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा कि वो सभी नागरिकों के आशीर्वाद से एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर वापिस करेंगे. इस बात का दावा सिद्धारमैया ने कर्नाटक के हसन एक सभा में सम्बोधित करते हुए किया था. भरी सभा में सिद्धारमैया ने ये भी कहा कि उन्हें दोबारा फिर सीएम बनने से रोकने के लिए विपक्ष ने हाथ मिलाया है. उनका मानना है कि आज के समय में जाति और पैसा राजनीति सब कुछ मिल गया है. उन्होंने ऐसा सोचा था कि जनता एक बार फिर उन्हें आशीर्वाद देगी और मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वो दुर्भाग्यवश हार गए. लेकिन अभी अंत नहीं हुआ है. राजनीति के क्षेत्र में जीत और हार लगी ही रहती हैं. गौरतलब है कि राज्य सभा में बहुमत हासिल करने के लिए बीजेपी को फ्लोर टेस्ट और बड़ी राजनीतिक ड्रामे से गुजरना पड़ा था और इसके बाद ही कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनाने के प्रयास विफल रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक तो ऐसा सुनने में आया था कि जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन वाली कुमारस्वामी की सरकार में मतभेद पैदा हुए थे. उस समय वर्तमान सीएम एच डी कुमारस्वामी ने ये भी कहा था कि उन्हें गठबंधन वाली सरकार चलाने में समस्या आ रही है. वहीं पिछले कुछ समय से तो ये भी देखा जा रहा है कि सिद्धारमैया लगातार ही सीएम कुमारस्वामी को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए नजर आ रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा कि वो सभी नागरिकों के आशीर्वाद से एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर वापिस करेंगे. इस बात का दावा सिद्धारमैया ने कर्नाटक के हसन एक सभा में सम्बोधित करते हुए किया था. भरी सभा में सिद्धारमैया ने ये भी कहा कि …

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