सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ग्राहकों को कुछ ऐसे खातों का भी विकल्प देता है जहां एवरेज मिनिमम बैलेंस (एएमबी) का नियम लागू नहीं होता। इन खातों को जीरो बैलेंस सेविंग्स एकाउंट्स कहा जाता है। एसबीआई के अनुसार इन खातों में ग्राहकों को कोई निश्चित मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने की जरूरी नहीं होती है। हालांकि, एसबीआई की ओर से अन्य बचत खातों में एएमबी अनिवार्य है। जानिए एसबीआई का एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) किन श्रेणियों पर लागू नहीं होता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई): प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन की एक पहल है। इसका उद्देश्य अब तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाना है। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस सुविधा वाले खाते खोले जाते हैं। जन-धन योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने अगस्त, 2014 में की थी। इसके पहले चरण का अंत अगस्त, 2015 में हो गया था। इस दौरान सरकार का मुख्य मकसद लोगों के सामान्य बैंक खाते खुलवाना और उन्हें रुपये कार्ड से लैस करना था। पिछले चार सालों में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाते में 80,674.82 करोड़ रुपये का आउटस्टैंडिंग बैलेंस है। SBI के इस खाते में नहीं है मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की झंझट, जान लें इससे जुड़ी 10 बातें यह भी पढ़ें नो फ्रिल्स एकाउंट: नवंबर 2005 में बैंकों को सलाह दी गई थी कि वो यूजर्स को नो फ्रिल अकाउंट या फिर निल या लो मिनिमम बैलेंस वाले खातों को उपलब्ध करवाएंगे। ये ऐसे खाते होते हैं जिनमें न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती है आप इसमें जीरो बैलेंस रखते हुए भी इसे चालू रख सकते हैं। नो फ्रिल अकाउंट को बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट भी कहा जाता है और इसमें सामान्य बैंकिंग सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध करवाई जाती है। सैलरी पैकेज एकाउंट: एसबीआई ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप कई तरह के सैलरी एकाउंट की पेशकश करता है। एसबीआई का स्पेशल सैलरी एकाउंट विभिन्न सेक्टर्स जैसे कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल, उद्योगपति/ संस्थान आदि के लिए उपलब्ध है। ये पैकेज जीरो बैलेंस के साथ खोले जा सकते हैं। जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट हैं खास, जानें SBI और स्मॉल फाइनेंस बैंक में कौन बेहतर यह भी पढ़ें बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट: बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट (बीएसबीडीए) केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आम जनता के लिए शुरू की गई खास स्कीम है। इसका उदेश्य गरीबों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए देश में जितने नो फ्रिल खाते खोले गए हैं, उन्हें इस स्कीम के दायरे में लाना है। इसे जीरो बैलेंस एकाउंट भी कहा जाता है। इसमें बैंक ग्राहकों की सामान्य जरूरतों का मुफ्त एटीएम, मासिक स्टेटमेंट और चेक बुक के जरिए ध्यान रखता है। इस खाते की खासियत सेविंग्स, क्रेडिट एंड मनी ट्रांस्फर सुविधाएं और सरल केवाइसी नियमों के तहत एटीएम कम डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं हैं। इसके तहत जीरो बैलेंस के साथ खाता खोला और मेंटेन किया जा सकता है। बैंक के सेविंग अकाउंट पर कैसे होती है मंथली एवरेज बैलेंस की गणना, जानते हैं आप? यह भी पढ़ें पहला कदम और पहली उड़ान खाता: ये सेविंग एकाउंट खासतौर पर बच्चों के लिए बनाये गये हैं। यह उन्हें न सिर्फ बचत की अहमियत सिखाता है बल्कि उन्हें पैसों की ‘खरीदारी क्षमता’ का प्रयोग करने का अवसर भी देता है। इन खातों में ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन करना अनिवार्य नहीं होता। सभी श्रेणियों के वेतनभोगी: एसबीआई की ओर से पेंशन खाते में मिनिमम बैंलेंस की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। मसलन, इस खाते में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं है।

SBI के इन 6 खातों में नहीं होती मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत, जानिए इनके बारे में

सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ग्राहकों को कुछ ऐसे खातों का भी विकल्प देता है जहां एवरेज मिनिमम बैलेंस (एएमबी) का नियम लागू नहीं होता। इन खातों को जीरो बैलेंस सेविंग्स एकाउंट्स कहा जाता है। एसबीआई के अनुसार इन खातों में ग्राहकों को कोई निश्चित मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने की जरूरी नहीं होती है। हालांकि, एसबीआई की ओर से अन्य बचत खातों में एएमबी अनिवार्य है।सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ग्राहकों को कुछ ऐसे खातों का भी विकल्प देता है जहां एवरेज मिनिमम बैलेंस (एएमबी) का नियम लागू नहीं होता। इन खातों को जीरो बैलेंस सेविंग्स एकाउंट्स कहा जाता है। एसबीआई के अनुसार इन खातों में ग्राहकों को कोई निश्चित मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने की जरूरी नहीं होती है। हालांकि, एसबीआई की ओर से अन्य बचत खातों में एएमबी अनिवार्य है।   जानिए एसबीआई का एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) किन श्रेणियों पर लागू नहीं होता है।  प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई):  प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन की एक पहल है। इसका उद्देश्य अब तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाना है। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस सुविधा वाले खाते खोले जाते हैं। जन-धन योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने अगस्त, 2014 में की थी। इसके पहले चरण का अंत अगस्त, 2015 में हो गया था। इस दौरान सरकार का मुख्य मकसद लोगों के सामान्य बैंक खाते खुलवाना और उन्हें रुपये कार्ड से लैस करना था। पिछले चार सालों में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाते में 80,674.82 करोड़ रुपये का आउटस्टैंडिंग बैलेंस है।   SBI के इस खाते में नहीं है मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की झंझट, जान लें इससे जुड़ी 10 बातें यह भी पढ़ें नो फ्रिल्स एकाउंट: नवंबर 2005 में बैंकों को सलाह दी गई थी कि वो यूजर्स को नो फ्रिल अकाउंट या फिर निल या लो मिनिमम बैलेंस वाले खातों को उपलब्ध करवाएंगे। ये ऐसे खाते होते हैं जिनमें न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती है आप इसमें जीरो बैलेंस रखते हुए भी इसे चालू रख सकते हैं। नो फ्रिल अकाउंट को बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट भी कहा जाता है और इसमें सामान्य बैंकिंग सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध करवाई जाती है।  सैलरी पैकेज एकाउंट: एसबीआई ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप कई तरह के सैलरी एकाउंट की पेशकश करता है। एसबीआई का स्पेशल सैलरी एकाउंट विभिन्न सेक्टर्स जैसे कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल, उद्योगपति/ संस्थान आदि के लिए उपलब्ध है। ये पैकेज जीरो बैलेंस के साथ खोले जा सकते हैं।   जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट हैं खास, जानें SBI और स्मॉल फाइनेंस बैंक में कौन बेहतर यह भी पढ़ें बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट: बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट (बीएसबीडीए) केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आम जनता के लिए शुरू की गई खास स्कीम है। इसका उदेश्य गरीबों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए देश में जितने नो फ्रिल खाते खोले गए हैं, उन्हें इस स्कीम के दायरे में लाना है। इसे जीरो बैलेंस एकाउंट भी कहा जाता है। इसमें बैंक ग्राहकों की सामान्य जरूरतों का मुफ्त एटीएम, मासिक स्टेटमेंट और चेक बुक के जरिए ध्यान रखता है।  इस खाते की खासियत सेविंग्स, क्रेडिट एंड मनी ट्रांस्फर सुविधाएं और सरल केवाइसी नियमों के तहत एटीएम कम डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं हैं। इसके तहत जीरो बैलेंस के साथ खाता खोला और मेंटेन किया जा सकता है।   बैंक के सेविंग अकाउंट पर कैसे होती है मंथली एवरेज बैलेंस की गणना, जानते हैं आप? यह भी पढ़ें पहला कदम और पहली उड़ान खाता: ये सेविंग एकाउंट खासतौर पर बच्चों के लिए बनाये गये हैं। यह उन्हें न सिर्फ बचत की अहमियत सिखाता है बल्कि उन्हें पैसों की ‘खरीदारी क्षमता’ का प्रयोग करने का अवसर भी देता है। इन खातों में ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन करना अनिवार्य नहीं होता।  सभी श्रेणियों के वेतनभोगी: एसबीआई की ओर से पेंशन खाते में मिनिमम बैंलेंस की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। मसलन, इस खाते में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं है।

जानिए एसबीआई का एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) किन श्रेणियों पर लागू नहीं होता है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई):  प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन की एक पहल है। इसका उद्देश्य अब तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाना है। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस सुविधा वाले खाते खोले जाते हैं। जन-धन योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने अगस्त, 2014 में की थी। इसके पहले चरण का अंत अगस्त, 2015 में हो गया था। इस दौरान सरकार का मुख्य मकसद लोगों के सामान्य बैंक खाते खुलवाना और उन्हें रुपये कार्ड से लैस करना था। पिछले चार सालों में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाते में 80,674.82 करोड़ रुपये का आउटस्टैंडिंग बैलेंस है।

नो फ्रिल्स एकाउंट: नवंबर 2005 में बैंकों को सलाह दी गई थी कि वो यूजर्स को नो फ्रिल अकाउंट या फिर निल या लो मिनिमम बैलेंस वाले खातों को उपलब्ध करवाएंगे। ये ऐसे खाते होते हैं जिनमें न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती है आप इसमें जीरो बैलेंस रखते हुए भी इसे चालू रख सकते हैं। नो फ्रिल अकाउंट को बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट भी कहा जाता है और इसमें सामान्य बैंकिंग सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध करवाई जाती है।

सैलरी पैकेज एकाउंट: एसबीआई ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप कई तरह के सैलरी एकाउंट की पेशकश करता है। एसबीआई का स्पेशल सैलरी एकाउंट विभिन्न सेक्टर्स जैसे कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल, उद्योगपति/ संस्थान आदि के लिए उपलब्ध है। ये पैकेज जीरो बैलेंस के साथ खोले जा सकते हैं।

बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट: बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट (बीएसबीडीए) केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आम जनता के लिए शुरू की गई खास स्कीम है। इसका उदेश्य गरीबों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए देश में जितने नो फ्रिल खाते खोले गए हैं, उन्हें इस स्कीम के दायरे में लाना है। इसे जीरो बैलेंस एकाउंट भी कहा जाता है। इसमें बैंक ग्राहकों की सामान्य जरूरतों का मुफ्त एटीएम, मासिक स्टेटमेंट और चेक बुक के जरिए ध्यान रखता है।

इस खाते की खासियत सेविंग्स, क्रेडिट एंड मनी ट्रांस्फर सुविधाएं और सरल केवाइसी नियमों के तहत एटीएम कम डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं हैं। इसके तहत जीरो बैलेंस के साथ खाता खोला और मेंटेन किया जा सकता है।

पहला कदम और पहली उड़ान खाता: ये सेविंग एकाउंट खासतौर पर बच्चों के लिए बनाये गये हैं। यह उन्हें न सिर्फ बचत की अहमियत सिखाता है बल्कि उन्हें पैसों की ‘खरीदारी क्षमता’ का प्रयोग करने का अवसर भी देता है। इन खातों में ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन करना अनिवार्य नहीं होता।

सभी श्रेणियों के वेतनभोगी: एसबीआई की ओर से पेंशन खाते में मिनिमम बैंलेंस की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। मसलन, इस खाते में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं है।

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