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जानवर भी नहीं रहेंगे बेरोजगार उनके लिए भी है काम

आगरा पुलिस अधीक्षक ऑफिस में एक लंगूर की तैनाती हुई है। इसकी वजह थी कि आगरा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में बंदरों का आतंक काफी बढ गया था। इस वजह से डीएम, एसएसपी कार्यालय के साथ दूसरे व‍िभागों के काम भी प्रभवित हो रहे थे। सूचना तो ये भी है कि बंदर इतने दबंग हो गए थे कि वे फाइलें तक फाड़ देते थे। ऐसे में आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने एसएसपी आगरा के कार्यालय में लंगूर की तैनाती के आदेश द‍िए। इसके बाद से यहां पर लंगूर की नियुक्‍ति के साथ उसे बाकायदा बंदर भगाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद से पता चला है स्‍थितियां काबू में हैं और बंदरों ने वहां आना कम कर दिया है। बकरियों को रखा गया काम पर इससे पहले विश्‍व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के मुख्‍यालय में भी बकरियों को काम पर रखा जा चुका है। यहां पर एक दो नही बल्कि करीब 200 बकर‍ियां कर्मचारी हैं। इन बकरियों को भी बाकायदा वेतन दिया जाता है। इनका काम यहां के बड़े से लॉन में लगी हरी घास को चरना है। इससे बकरियों का पेट तो भरता ही है साथ ही घास की छंटाई भी हो जाती है। गूगल अपने दफ्तर के लॉन में घास की कटाई के लिये मशीनों का प्रयोग नही करता क्‍योंकि उनसे से निकलने वाले धुंए और आवाज से कर्मचारियों को परेशानी होती है। गूगल खुद अपने ब्लॉग पर बकरियों को काम पर रखने की जानकारी दी थी।

आगरा पुलिस अधीक्षक ऑफिस में एक लंगूर की तैनाती हुई है। इसकी वजह थी कि आगरा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में बंदरों का आतंक काफी बढ गया था। इस वजह से डीएम, एसएसपी कार्यालय के साथ दूसरे व‍िभागों के काम भी प्रभवित हो रहे थे। सूचना तो ये भी है कि …

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जब मौत के 10 दिन बाद महिला के गर्भ से बाहर आया शिशु

डेली मेल की एक खबर की माने तो कुछ अर्सा पहले दक्षिण अफ्रीका से आर्इ एक अजीबो गरीब खबर खासी चर्चा में रहा। दरसल यहां पर एक 10 दिन पहले मर चुकी महिला ने बच्‍चे को जन्‍म दिया था। ये जानकारी महिला के ताबूत को कफ्न दफ्न के लिए खोलने पर कब्रिस्‍तान के कर्मचारियों ने दी थी। बताया जा रहा है ये हैरान करने वाली घटना दक्षिण अफ्रीका के म्थ्यासी गांव की है। इस 33 वर्ष महिला की मौत अस्पताल में 10 दिन पहले हो चुकी थी आैर मृत्‍यु के समय वो पूरे 9 माह की गर्भवती थी। महिला का नाम नॉमवेलिसो नॉमासोन्तो म्दोयी बताया जा रहा है जिसकी पहले से ही पांच बच्चे थे। हालांकि इस छठवें बच्‍चे की मृत्‍यु हो गई थी। परिवार और गांव के लोग हुए हैरान दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्राविंस में एक गांव में लिंडोकुहले नाम के कब्रिस्‍तान के मालिक फुंडिले मकराना ने बताया कि इस हादसे गांव और परिवार के लोग इतने स्‍तब्‍ध और भयभीत हो गए थे कि, यह तक नहीं देखा कि पैदा हुआ बच्चा लड़का था या लड़की। वे खुद हैरान है क्‍योंकि 20 साल से मुर्दों का अंतिम संस्कार करने का काम करने बावजूद उन्‍होंने ऐसी घटना के बारे में कभी नहीं सुना था जब किसी मरी महिला ने बच्चे को जन्‍म दिया हो। घटना से घबराए कर्मचारियों ने महिला और उसके बच्चे को एक बड़े ताबूत में रखकर तुरंत ही दफना दिया। महिला के परिवार ने भी मौत के बाद बच्चे के जन्म की घटना पर हैरानी जताई और कहा कि ऐसा सुनना भी डरावना लगता है। यकीन नहीं होगा पर है सच एक महिला ने मौत के 10 दिन बात दिया संतान को जन्‍म यह भी पढ़ें असमान्य है घटना महिला की मौत के बारे में उसकी मां का मानना था कि उसको सांस लेने में कुछ तकलीफ हो रही थी और अचानक ही उसकी मौत हो गई। उन्होंने ये भी कहा कि वे पहले ही बेटी की मौत से दुखी थीं ऊपर से शिशु जन्‍म की बात ने तो उन्‍हें हिला ही दिया। दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञ चिकित्‍सकों का मानना है कि बेशक ये अजूबी और असामान्‍य घटना है पर ऐसा होना संभव है। उनके अनुसार हो सकता है कि मृत्‍यु के बाद महिला के पेट में गैस बनी हो और उसके दबाव से गर्भस्‍थ शिशु बाहर आ गया हो। साथ ही ये भी संभावना है कि, क्‍योंकि मरने के बाद इंसान की मांसपेशिया शिथिल पड़ जाती हैं इसके चलते बच्चे का जन्म हो गया हो।डेली मेल की एक खबर की माने तो कुछ अर्सा पहले दक्षिण अफ्रीका से आर्इ एक अजीबो गरीब खबर खासी चर्चा में रहा। दरसल यहां पर एक 10 दिन पहले मर चुकी महिला ने बच्‍चे को जन्‍म दिया था। ये जानकारी महिला के ताबूत को कफ्न दफ्न के लिए खोलने पर कब्रिस्‍तान के कर्मचारियों ने दी थी। बताया जा रहा है ये हैरान करने वाली घटना दक्षिण अफ्रीका के म्थ्यासी गांव की है। इस 33 वर्ष महिला की मौत अस्पताल में 10 दिन पहले हो चुकी थी आैर मृत्‍यु के समय वो पूरे 9 माह की गर्भवती थी। महिला का नाम नॉमवेलिसो नॉमासोन्तो म्दोयी बताया जा रहा है जिसकी पहले से ही पांच बच्चे थे। हालांकि इस छठवें बच्‍चे की मृत्‍यु हो गई थी। परिवार और गांव के लोग हुए हैरान दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्राविंस में एक गांव में लिंडोकुहले नाम के कब्रिस्‍तान के मालिक फुंडिले मकराना ने बताया कि इस हादसे गांव और परिवार के लोग इतने स्‍तब्‍ध और भयभीत हो गए थे कि, यह तक नहीं देखा कि पैदा हुआ बच्चा लड़का था या लड़की। वे खुद हैरान है क्‍योंकि 20 साल से मुर्दों का अंतिम संस्कार करने का काम करने बावजूद उन्‍होंने ऐसी घटना के बारे में कभी नहीं सुना था जब किसी मरी महिला ने बच्चे को जन्‍म दिया हो। घटना से घबराए कर्मचारियों ने महिला और उसके बच्चे को एक बड़े ताबूत में रखकर तुरंत ही दफना दिया। महिला के परिवार ने भी मौत के बाद बच्चे के जन्म की घटना पर हैरानी जताई और कहा कि ऐसा सुनना भी डरावना लगता है। यकीन नहीं होगा पर है सच एक महिला ने मौत के 10 दिन बात दिया संतान को जन्‍म यह भी पढ़ें असमान्य है घटना महिला की मौत के बारे में उसकी मां का मानना था कि उसको सांस लेने में कुछ तकलीफ हो रही थी और अचानक ही उसकी मौत हो गई। उन्होंने ये भी कहा कि वे पहले ही बेटी की मौत से दुखी थीं ऊपर से शिशु जन्‍म की बात ने तो उन्‍हें हिला ही दिया। दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञ चिकित्‍सकों का मानना है कि बेशक ये अजूबी और असामान्‍य घटना है पर ऐसा होना संभव है। उनके अनुसार हो सकता है कि मृत्‍यु के बाद महिला के पेट में गैस बनी हो और उसके दबाव से गर्भस्‍थ शिशु बाहर आ गया हो। साथ ही ये भी संभावना है कि, क्‍योंकि मरने के बाद इंसान की मांसपेशिया शिथिल पड़ जाती हैं इसके चलते बच्चे का जन्म हो गया हो।

डेली मेल की एक खबर की माने तो कुछ अर्सा पहले दक्षिण अफ्रीका से आर्इ एक अजीबो गरीब खबर खासी चर्चा में रहा। दरसल यहां पर एक 10 दिन पहले मर चुकी महिला ने बच्‍चे को जन्‍म दिया था। ये जानकारी महिला के ताबूत को कफ्न दफ्न के लिए खोलने …

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भागदौड़ भरी दिल्ली में सुकून के साथ घूमना-फिरना है तो लोटस टेंपल आएं

अगर मॉल्स, पार्क, किले और बाग-बगीचों में घूम कर आपका मन भर गया है तो क्यों न इस बार दिल्ली के लोटस टेंपल की ओर रूख किया जाए। भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर सुकून से कुछ पल बिताना चाह रहे हैं तो यह जगह आपके लिए ही है। लोटस टेंपल दिल्ली में बसा यह बहाई मंदिर अपने अदभुत आकार के लिए तो फेमस है ही, साथ ही इसे दिल्ली शहर का मुख्य केंद्र भी माना जाता है। दिन में सफेद मोती की तरह चमकने वाला यह टेंपल रात को पानी में रंगबिरंगे सितारों जैसा जगमगाता नजर आता है। आइए जानते हैं इस जगह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां। जानें यहां का इतिहास बहाई समुदाय के लोगों ने इस मंदिर को बनवाया था। विभिन्न पुस्तकों और पत्र-पत्रिकाओं में इस मंदिर की अनूठी स्थापत्य कला की प्रशंसा की गई है। चूंकि बहाई धर्म में मूर्तिपूजा की परंपरा नहीं है, इसलिए इस मंदिर के भीतर कोई मूर्ति नहीं है। यहां आने वाले लोग शांतिपूर्ण माहौल में बैठकर मेडिटेशन करते हैं। 2002 में इसे 5 करोड़ लोगों ने देखा था और 2001 में लोटस टेंपल ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज करा लिया था।अगर मॉल्स, पार्क, किले और बाग-बगीचों में घूम कर आपका मन भर गया है तो क्यों न इस बार दिल्ली के लोटस टेंपल की ओर रूख किया जाए। भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर सुकून से कुछ पल बिताना चाह रहे हैं तो यह जगह आपके लिए ही है। लोटस टेंपल दिल्ली में बसा यह बहाई मंदिर अपने अदभुत आकार के लिए तो फेमस है ही, साथ ही इसे दिल्ली शहर का मुख्य केंद्र भी माना जाता है। दिन में सफेद मोती की तरह चमकने वाला यह टेंपल रात को पानी में रंगबिरंगे सितारों जैसा जगमगाता नजर आता है। आइए जानते हैं इस जगह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां। जानें यहां का इतिहास बहाई समुदाय के लोगों ने इस मंदिर को बनवाया था। विभिन्न पुस्तकों और पत्र-पत्रिकाओं में इस मंदिर की अनूठी स्थापत्य कला की प्रशंसा की गई है। चूंकि बहाई धर्म में मूर्तिपूजा की परंपरा नहीं है, इसलिए इस मंदिर के भीतर कोई मूर्ति नहीं है। यहां आने वाले लोग शांतिपूर्ण माहौल में बैठकर मेडिटेशन करते हैं। 2002 में इसे 5 करोड़ लोगों ने देखा था और 2001 में लोटस टेंपल ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज करा लिया था।

अगर मॉल्स, पार्क, किले और बाग-बगीचों में घूम कर आपका मन भर गया है तो क्यों न इस बार दिल्ली के लोटस टेंपल की ओर रूख किया जाए। भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर सुकून से कुछ पल बिताना चाह रहे हैं तो यह जगह आपके लिए ही है। लोटस टेंपल …

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खाने-पीने के हैं शौकीन हैं तो बार्सिलोना शहर में चखने को मिलेगा बहुत कुछ

बार्सिलोना समुद्र और पहाड़ के बीच बसा हुआ स्पेन का बहुत ही खूबसूरत शहर है। कहते हैं ये शहर कभी सोता नहीं। दिन जैसी ही चहल-पहल यहां रात में भी देखने को मिलती है। शहर में घूमने-फिरने के अलावा खाने-पीने के भी इतने ऑप्शन्स मौजूद हैं जिनका स्वाद लेते-लेते शायद आप थक जाएं लेकिन ये नहीं खत्म होने वाले। तो अगर आप भी फूडी की कैटेगरी में शामिल हैं तो 'La Boqueria' जरूर आएं जहां आपको बार्सिलोना के बेहतरीन खाने-पीने के मार्केट मिलेंगे। यहां कैसे आपका वक्त निकल जाएगा आपको पता भी नहीं लगेगा। तरह-तरह की डिशेज़ को चख सकते हैं और अगर कुछ अच्छा लग रहा है तो उसे पैक भी करा सकते हैं। रेस्टोरेंट्स और बार में आप टेस्टी और स्मूद डिंक्स को अकेले, फ्रेंड्स या पार्टनर के साथ आराम से बैठकर एन्जॉय कर सकते हैं।एक और खास बात जो बार्सिलोना में देखने को मिलेगी वो है यहां आप खाने को चखने के अलावा उसे बनाना भी सीख सकते हैं। हैं ना कमाल की बात! जी हां, बिल्कुल यहां के 'bcnKITCHEN' में आप स्पेनिश लंच बना सकते हैं। इसके अलावा अगर आप चाहे तो बार्सिलोना शहर द्वारा कराए जाने वाले जायके के सफर में भी शामिल हो सकते हैं जहां लोकल स्ट्रीट फूड्स से लेकर ड्रिंक्स तक हर कुछ ट्राय कर सकते हैं। 2 से 3 घंटे के इस टूर में रेस्टोरेंट्स से लेकर मार्केट्स हर एक जगह को एक्सप्लोर करने का मौका मिलता है।

बार्सिलोना समुद्र और पहाड़ के बीच बसा हुआ स्पेन का बहुत ही खूबसूरत शहर है। कहते हैं ये शहर कभी सोता नहीं। दिन जैसी ही चहल-पहल यहां रात में भी देखने को मिलती है। शहर में घूमने-फिरने के अलावा खाने-पीने के भी इतने ऑप्शन्स मौजूद हैं जिनका स्वाद लेते-लेते शायद …

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शिवपुरी हादसा : रेस्क्यू टीम को 6 लोगों के शव मिले, अन्य की तलाश जारी

शिवपुरी और ग्‍वालियर के सीमा क्षेत्र स्थित सुल्‍तानगढ़ फॉल से गिरे 11 लोगों में से 6 की लाशें शुक्रवार सुबह रेस्क्यू टीम ने ढूंढ निकाली। आपको बता दें कि पिकनिक मनाने गए ये लोग अचानक पानी बढ़ने से नदी के बीच बने टापू पर फंस गए थे। बाद में करीब 100 फीट ऊंचाई से नीचे गिरे और झरने के तेज बहाव के साथ बह गए थे। गौरतलब है कि चट्टान पर करीब 30 लोग फंस गए थे, अधिकांश को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर निकाल लिया गया था। लेकिन 11 लोग बह गए थे जिनका कोई पता नहीं चला था। शुक्रवार सुबह से रेस्क्यू टीम ने इन लोगों की तलाश शुरू की और इनमें से 6 लोगों की लाशें टीम को मिल गई। रेस्क्यू टीम के मुताबिक नाजीद अली (19), ऋषिकांत कुशवाह (21), सोनू ठाकुर (13), अभिषेक रामसेवक और लोकेंद्र पिता भगवान और एक अन्य के शव मिले हैं। नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो पर भी लगेगा मनोरंजन कर यह भी पढ़ें हादसा तब हुआ जब 15 अगस्त का अवकाश होने के कारण यहां पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने एवं प्राकृतिक झरने में नहाने पहुंचे थे। इस दौरान अचानक झरने में पानी का प्रवाह तेज हो गया। इस दौरान यहां करीब कई लोग नहा रहे थे। उनमें से कुछ लोग खतरा भांपते हुए तेजी दिखाकर झरने के किनारे पर चले गए, लेकिन 12 लोग पानी में बह गए थे। फिलहाल अन्य लोगों की तलाश जारी है।

शिवपुरी और ग्‍वालियर के सीमा क्षेत्र स्थित सुल्‍तानगढ़ फॉल से गिरे 11 लोगों में से 6 की लाशें शुक्रवार सुबह रेस्क्यू टीम ने ढूंढ निकाली। आपको बता दें कि पिकनिक मनाने गए ये लोग अचानक पानी बढ़ने से नदी के बीच बने टापू पर फंस गए थे। बाद में करीब …

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अाखिरकार सिद्धू पहुंचे पाक, इमरान के शपथ समारोह में होंगे शामिल, 15 दिन का है वीजा

पाकिस्तान में नए इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू आज पाकिस्तान रवाना हो गए हैं। वह वाघा बार्डर के रास्ते दोपहर बाद लाहौर के लिए रवाना हुए। वहां से सिद्धू इस्लामाबाद फ्लाइट से जाएंगे। वह इमरान को तोहफे के रूप में पश्मीने का शॉल भेंट करेंगे। सिद्धू के पास 15 दिनों का वीजा है। बता दें, इमरान खान ने अपने पुराने दोस्त सुनील गावस्कर, कपिलदेव व नवजोत सिंह सिद्धू को शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने का न्योता दिया था। गावस्कर व कपिलदेव ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था, जबकि सिद्धू ने इसके लिए वीजा प्रक्रिया शुरू कर दी थी। सिद्धू पहले दिन से ही कह रहे थे कि वह पाकिस्तान जाएंगे। पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश से पूर्व हाथ हिलाते सिद्धू। वहीं, सिद्धू के पाकिस्तान जाने को लेकर राजनीतिक माहौल भी गरमा गया था। भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी ने इसे सिद्धू के दिमागी अस्थिरता करार दिया। स्वामी ने कहा सिद्धू में थोड़ी भी समझदारी होगी तो वह पाकिस्तान जाने की नहीं सोचेंगे। वहीं, सुखबीर बादल ने भी इसको लेकर सिद्धू पर तंज कसा है। सुखबीर ने कहा है कि बेहतर होगा सिद्धू पाकिस्तान में ही रह जाएं।

पाकिस्तान में नए इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू आज पाकिस्तान रवाना हो गए हैं। वह वाघा बार्डर के रास्ते दोपहर बाद लाहौर के लिए रवाना हुए। वहां से सिद्धू इस्लामाबाद …

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अटल जी ने कहा था- ऐसे बात नहीं बनेगी, मुझे बक्सर की लिट्टी भी चाहिए

बात 25 अप्रैल 1982 की है जब स्वामी सहजानंद की प्रतिमा के अनावरण व दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने बाजपेयी जी आए थे। स्वामीनाथ तिवारी के अनुसार कार्यक्रम से पूर्व बाजपेयी जी को गांव में बनी लिट्टी परोसी गई थी। अगले दिन जब वाजपेयी जी वापस दिल्ली लौटने लगे तो उन्होंने आयोजकों से कहा ऐसे बात नहीं बनेगी, मुझे बक्सर की लिट्टी भी चाहिए। तब उनको सिमरी से लिट्टी बनवाकर दी गई। वे ब्रह्मपुर में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के दर्शन करने भी गए थे। नैनीजोर गांव के लिए अटल जी ने बदलवाया था बांध का नक्शा गंगा तट पर बसे बक्सर को बाढ़ से सुरक्षित रखने के लिए बने बक्सर-कोइलवर तटबंध से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजापेयी की यादें जुड़ी हैं। तटबंध के पहले बने एलाइनमेंट में नैनीजोर समेत कई गांव बाहर थे। पार्टी विधायक डॉ. स्वामीनाथ तिवारी के अनशन पर बैठने पर अध्यक्ष की हैसियत से अटल जी का पत्र उनके पास आया। उन्होंने लिखा कि आपकी मांग सही है और तटबंध का नक्शा बदलेगा। इसके बाद उन्होंने सरकार से बात की और कहा कि बांध गांव बचाने के लिए बनाया जा रहा है या डुबाने के लिए। उनके दबाव में बांध के नक्शे में परिवर्तन हुआ और नैनीजोर सुरक्षित हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माला, विवाद बढ़ने पर BJP जिलाध्यक्ष ने माफी मांगी यह भी पढ़ें ..और अटल जी ने दिया वापसी का किराया अटल जी सहृदय तो थे ही लेकिन बक्सर का उनके दिल में खास स्थान था। पूर्व विधायक स्वामीनाथ तिवारी ने बताया कि अस्सी के दशक में अर्जुनपुर का एक युवक राकेश दिल्ली शिक्षा विभाग का साक्षात्कार देने गया। दुर्भाग्य से ट्रेन में ही उसकी अटैची चोरी हो गई। एडमिट कार्ड व पैसे भी उसी में थे।

बात 25 अप्रैल 1982 की है जब स्वामी सहजानंद की प्रतिमा के अनावरण व दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने बाजपेयी जी आए थे। स्वामीनाथ तिवारी के अनुसार कार्यक्रम से पूर्व बाजपेयी जी को गांव में बनी लिट्टी परोसी गई थी। अगले दिन जब वाजपेयी जी वापस दिल्ली लौटने लगे तो …

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बॉलीवुड अभिनेत्री ने किया बच्चा तस्कर गैंग का भंडाफोड़, एक बच्चे की कीमत थी 45 लाख

ओमप्रकाश तिवारी। हम अपने आंख-नाक-कान खुले रखें तो समाज में बहुत से गलत काम रोके जा सकते हैं। इस ज्वलंत उदाहरण पेश किया है बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति सूद ने। उनकी मदद से एक ऐसे बच्चा तस्कर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है, जो अब तक करीब 300 बच्चों को अमेरिका में 45-45 लाख रुपए में बेच चुका है। इस गिरोह का सरगना राजूभाई गमले वाला गुरुवार को मुंबई में पकड़ा गया। फिल्म रिवॉल्वर रानी में काम कर चुकी अभिनेत्री प्रीति सूद ने दैनिक जागरण को बताया कि इसी वर्ष चार मार्च को उनके किसी परिचित ने फोन पर बताया कि वर्सोवा के एक ब्यूटी पार्लर में 10-12 वर्ष की दो बच्चियों का मेकअप किया जा रहा है। उसने बच्चियों की स्थिति संदेहास्पद बताई। रविवार होने के बावजूद प्रीति घर पर नहीं रुकी। वह पार्लर पहुंचीं तो तीन लोगों को लेडीज पार्लर के बाहर खड़ा पाया। ग्राहक बनकर पार्लर पहुंचीं प्रीति ने बच्चियों से बात शुरू की, तो पता चला कि वह एक अंकल के साथ गुजरात से आई हैं। माता-पिता के बारे में पूछने पर बच्चियों ने चुप्पी साध ली। बच्चियों से प्रीति को बात करते देख तीनों लोग अंदर आ गए और झगड़ा शुरू कर दिया। लेकिन प्रीति तब तक 100 नंबर डायल कर चुकी थीं। अंगादिया का मालिक गिरफ्तार, दाउद गैंग के लिए करता था काम यह भी पढ़ें 10 मिनट में ही पुलिस आ गई और बच्चियों के साथ दो लोगों को हिरासत में ले लिया गया। प्रीति को बाद में पता चला कि बच्चियों को उसी रात अमेरिका भेजा जाने वाला था। पुलिस ने इस मामले में उसी दिन दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। उनमें से 26 वर्षीय आमीर खान एक सेवानिवृत्त पुलिस सब इंस्पेक्टर का बेटा है। 11 साल से चल रहा था रैकेट महाराष्ट्र: दुग्ध उत्पादक किसानों का आंदोलन समाप्त, दूध की कीमत 25 रुपये प्रति लीटर घोषित यह भी पढ़ें मूलत: गुजरात का रहने वाला 50 वर्षीय राजूभाई गमलेवाला पिछले 11 साल से बच्चों की तस्करी का रैकेट चला रहा था। वह गुजरात के गरीब परिवारों से 10 से 16 वर्ष की उम्र के बच्चों को खरीद कर उन्हें अमेरिका भिजवाता था। वहां एक-एक बच्चे की कीमत वह 45-45 लाख रुपए वसूलता था। अभी इस बात का पता नहीं चल सका है कि इन बच्चों का अमेरिका में क्या किया जाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार राजू गुजरात के गरीब परिवारों से अपने एजेंट के जरिए संपर्क करता था। उन्हें पैसे का लालच देकर उनका बच्चा खरीद लिया जाता था। फिर किसी और परिवार से उसी उम्र के बच्चे का पासपोर्ट किराए पर लिया जाता था। खरीदे गए बच्चे का मेकअप पासपोर्ट में लगी तस्वीर जैसा ही कराने के बाद अपने एक आदमी के साथ अमेरिका भेज दिया जाता था। बच्चे के साथ गए व्यक्ति के वापस लौटने पर पासपोर्ट लौटा दिया जाता था। महाराष्ट्र के 17 लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर यह भी पढ़ें मार्च में इस गिरोह के चार लोगों के पकड़े जाने के बावजूद राजू फरार था। मुंबई पुलिस ने वाट्सएप्प नंबर के सुराग से उसे पकड़ लिया। राजूभाई गमलेवाला इससे पहले 2007 में पासपोर्ट में घपला करने के आरोप में भी पकड़ा जा चुका है। बच्चों की तस्करी मामले में राजू सहित उसके गिरोह के लोगों पर आईपीसी की धारा 34 और 373 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने राजू को 18 अगस्त तक पुलिस रिमांड में सौंप दिया है। उससे पूछताछ की जा रही है

ओमप्रकाश तिवारी। हम अपने आंख-नाक-कान खुले रखें तो समाज में बहुत से गलत काम रोके जा सकते हैं। इस ज्वलंत उदाहरण पेश किया है बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति सूद ने। उनकी मदद से एक ऐसे बच्चा तस्कर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है, जो अब तक करीब 300 बच्चों को अमेरिका में …

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आतंकियों की परवाह किए बिना वादी में अटल को सुनने जुटे थे 40 हजार लोग

श्रीनगर के शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में खड़े चिनार आज भी गवाह हैं, उस पल के जिसने आतंकवाद से लहुलुहान वादी से उठती बारूद की दुर्गंध को हटाते हुए जन्नत में फिर से खुशहाली और भाईचारे की खुशबू को बिखेरने की शुरुआत की थी। इस पल ने न सिर्फ कश्मीर की सियासत को बदला, बल्कि भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों की जमीन तैयार की और इंसानियत, जम्हूरियत व कश्मीरियत की बात होने लगी। यह दिन था 18 अप्रैल 2003 का। इसकी शुरुआत की थी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने। यह दिन एतिहासिक था, है और रहेगा, क्योंकि 1987 के बाद किसी प्रधानमंत्री ने श्रीनगर शहर में किसी जनसभा को संबोधित किया था। इतना ही नहीं आतंकियों व अलगाववादियों के बहिष्कार के फरमान को नकारते हुए 40 हजार से ज्यादा लोग क्रिकेट स्टेडियम में अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने को आए थे। यह एक रिकार्ड है, जो आज भी कायम है। आज भी कश्मीर मुद्दे पर किसी फामरूले की जब बात होती है तो मुख्यधारा से लेकर अलगाववादी खेमा तक अटल के सिद्धांत इंसानियत, जम्हूरियत व कश्मीरियत पर अमल की बात करते हैं। हमने संघर्ष विराम का सम्मान किया, पाकिस्तान ने दिया धोखा, मिलेगा जवाब यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी ने भी 15 अगस्त को लालकिले से कश्मीर मुद्दे पर इसी नुस्खे का जिक्र किया। इस सभा में वाजपेयी ने कहा था, दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।

श्रीनगर के शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में खड़े चिनार आज भी गवाह हैं, उस पल के जिसने आतंकवाद से लहुलुहान वादी से उठती बारूद की दुर्गंध को हटाते हुए जन्नत में फिर से खुशहाली और भाईचारे की खुशबू को बिखेरने की शुरुआत की थी। इस पल ने न सिर्फ कश्मीर …

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अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अग्निवेश से धक्कामुक्की

दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। यहां पर भारी संख्या में समर्थक और चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे विवादित सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ भीड़ ने धक्का मुक्की की। विरोध के चलते अग्निवेश अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि नहीं दे पाए और उन्हें वापस लौटना पड़ा। यहां पर बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में दिल्ली स्थित एम्स में बृहस्पतिवार को शाम पांच बजकर पांच मिनट पर निधन हो गया। देर रात नौ बजे से उनका पार्थिव शरीर उनके आवास कृष्णा मेनन मार्ग पर रखा गया, जहां उनके अंतिम दर्शन किए गए। शुक्रवार सुबह उनका पार्थिव शरीर अब भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय लाया गया है, यहां एक बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद यहां से राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक वाजपेयी की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी और शाम चार बजे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। जनसैलाब के बीच 4 बजे होगा अंतिम संस्कार, अटल की समाधि के किए मिली 1.5 एकड़ जमीन यह भी पढ़ें इससे पहले 17 जुलाई को झारखंड में बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व पूर्व राज्यसभा के सदस्य स्वामी अग्निवेश की झारखंड के पाकुड़ के मुस्कान पैलेस होटल के सामने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई की थी। कार्यकर्ता पाकिस्तान व ईसाई मिशनरी के दलाल स्वामी गो बैक के नारे लगा रहे थे। स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया हिल एसेंबली के दामिन दिवस समारोह में भाग लेने आए थे।

दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। यहां पर भारी संख्या में समर्थक और चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम दर्शन करने के लिए …

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