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अमेरिकी शख्स ने कबूला अपना गुनाह, मिली 50 साल की सजा

लोगों के शरीर में HIV वायरस फैलाने के मकसद से खुद को संक्रमित करने के मामले में अमेरिकी शख्स स्टीफन कोच ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. अमेरिका की एक अदालत ने बीते सोमवार को इस मामले में कोच को 50 साल की जेल सजा सुनाई. इसके अलावा यौन अपराधी के रुप में रजिस्टर्ड करने का भी आदेश दिया है. यह था आरोप अमेरिका के नॉर्थवेस्ट अरकंसास का रहने वाले 25 वर्षीय स्टीफन कोच पर जानबूझकर अपने शरीर में HIV वायरस ( जिससे एड्स होता है) फैलाने का आरोप था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोच ने अदालत में खुद यह मान लिया है कि लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए उसने ऐसा किया.वहीं सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि कोच के कंम्प्यूटर को देखने के बाद यह भी संकेत मिले हैं कि उसने जानबूझकर अपने शरीर में HIV वायरस को फैलाकर वायरस स्टेटस के बारे में लोगों को गलत जानकारी दी. कोर्ट में क्या कहा कोच ने कोच ने सर्किट जज रॉबिन ग्रीन से कहा कि उन्होंने अन्य लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए खुद को वायरस से संक्रमित किया. इस बयान के बाद जज ग्रीन ने कोच को 50 साल की जेल की सजा सुनाई है और उसे यौन अपराधी के रुप में रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया है. तीन हफ्ते पहले ऐसा ही एक और मामला सामने आया था. यह मामला अमेरिका के मिसिसिपी इलाके के रहने वाले टायरोन रॉस का था. बीते 29 मई को रॉस को अस्पताल में उनके खिलाफ प्राप्त शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था.रॉस पर अपने पार्टनर समेत अन्य कई लोगों को एचआईवी वायरस से संक्रमित करने का आरोप है.

लोगों के शरीर में HIV वायरस फैलाने के मकसद से खुद को संक्रमित करने के मामले में अमेरिकी शख्स स्टीफन कोच ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. अमेरिका की एक अदालत ने बीते सोमवार को इस मामले में कोच को 50 साल की जेल सजा सुनाई. इसके अलावा यौन …

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भारत के बढ़े हुए दबदबे के साथ SCO समिट में शामिल होंगे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वार्षिक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने शनिवार को दो दिवसीय चीन यात्रा पर पहुंचेंगे. उम्मीद की जा रही है कि भारत आतंकवादी नेटवर्कों के खिलाफ समन्वित क्षेत्रीय और वैश्विक कार्रवाई की वकालत करने के साथ ही व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी संपर्क की हिमायत करेगा. भारत पिछले साल चीन के प्रभुत्व वाले एससीओ का पूर्ण सदस्य बना है. उम्मीद की जा रही है कि इसमें भारत के प्रवेश से क्षेत्रीय भूराजनीति में और व्यापार से जुड़ी वार्ताओं में आठ सदस्यों वाले इस समूह का कद और दबदबा बढ़ेगा. इसके साथ ही , इसे अखिल एशियाई चरित्र भी मिलेगा. इस तटीय शहर में पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद मोदी चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग से मिलेंगे. उम्मीद की जा रही है कि इस द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान दोनों नेता व्यापार और निवेश के क्षेत्र में रिश्ते प्रगाढ़ करेंगे. वे समग्र द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा भी करेंगे. इस बैठक में मोदी और शी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में किए गए फैसलों के क्रियान्वयन में प्रगति की भी संभवत: समीक्षा करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत आतंकवाद की बढ़ती चुनौती से निबटने और सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के प्रभावी तरीके विकसित करने की पैरवी करेगा. भारत एससीओ और उसकी क्षेत्रीय आतंकवादी निरोधी संरचना (रैट्स) के साथ सुरक्षा संबंधित सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है, रैट्स सुरक्षा और रक्षा से जुड़े मुद्दों पर विशेष रूप से काम करती है. अधिकारियों ने बताया कि भारत एससीओ के सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाओं के महत्व पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहेगा. भारत संसाधनों से मालामाल मध्य एशियाई देशों तक पहुंच पाने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना और अंतरराष्ट्रीय उत्तर - दक्षिण परिवहन गलियारा जैसी संपर्क परियोजनाओं पर जोर दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक, भारत का जोर अंतिम दस्तावेज में सरहद पार आतंकवाद पर अपनी चिंताओं को शामिल करने पर होगा. भारत विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा बुलंद करता रहा है ताकि पाकिस्तानी सरजमीन से संचालित होने वाली बुनियादी संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए उस पर दबाव डाला जाए. भारत 2005 से एससीओ का पर्यवेक्षक था और वह आम तौर पर मंत्रि-स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेता था. इन बैठकों में मुख्य रूप से यूरेशिया क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर चर्चा होती है. गौरतलब है कि एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में हुई थी जिसमें रूस, चीन, किरगिज गणराज्य, कजाखिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने हिस्सा लिया था. भारत और पाकिस्तान पिछले साल इसके सदस्य बने. उम्मीद की जा रही है कि मोदी दूसरे एससीओ देशों के नेताओं के साथ आधा दर्जन वार्ताएं करेंगे. बहरहाल, अभी आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन के साथ मोदी की कोई मुलाकात होगी या नहीं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वार्षिक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने शनिवार को दो दिवसीय चीन यात्रा पर पहुंचेंगे. उम्मीद की जा रही है कि भारत आतंकवादी नेटवर्कों के खिलाफ समन्वित क्षेत्रीय और वैश्विक कार्रवाई की वकालत करने के साथ ही व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी …

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ओसामा के मरने पर यह था पाकिस्तान का रवैया

अमेरिकी बलों ने दो मई 2011 को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर अल कायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा को मार गिराया था लेकिन इस पर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस बात पर पाकिस्तान का जवाब बड़ा ही हैरानी करने वाला था. बताया जाता है इस अटैक के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जब अपने पाकिस्तानी समकक्ष आसिफ अली जरदारी को सूचित किया कि अमेरिकी बलों ने ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के अड्डे पर घुसकर उसे मार गिराया है तो उन्होंने ओबामा से कहा कि यह ‘अच्छी खबर’ है. बता दें कि जरदारी की पत्नी और प्रतिष्ठित नेता बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान के चरमपंथियों ने 27 दिसंबर 2007 को हत्या कर दी थी जिसके बाद से जरदारी पाकिस्तान की राजनीति में मुख्य भूमिका में आ गए थे. बता दें की व्हाइट हाउस में ओबामा के करीबी सहयोगी रहे बेन रोड्स ने अपनी नई किताब में इस किस्से को खुलकर सामने रखा है. बेन रोड्स की इस नई किताब के मुताबिक जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बारे में जानकारी देने के लिए जरदारी को फोन किया तो ‘‘जरदारी ने बराक ओबामा से कहा कि जो भी नतीजा हो, यह बहुत अच्छी खबर है. अल्लाह आपके और अमेरिकी लोगों के साथ है.’’

अमेरिकी बलों ने दो मई 2011 को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर अल कायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा को मार गिराया था लेकिन इस पर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस बात पर पाकिस्तान का जवाब बड़ा ही हैरानी करने वाला था.  बताया जाता है इस अटैक के बाद राष्ट्रपति …

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ट्रम्प ने दी इफ्तार पार्टी

अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार व्हाइट हाउस में अपनी ओर से इफ्तार की पार्टी का आयोजन किया. इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल करने के लिए वहां के मुस्लिम समुदाय से भी सहयोग की मांग की. इस मोके पर राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पार्टी के दौरान राजनयिकों और अधिकारियों से कहा, ‘‘एक साथ काम करके ही हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल कर सकते हैं. इसी कारण मुझे राष्ट्रपति के तौर पर पहली विदेश यात्रा के रूप में मुस्लिम देश जाकर गर्व महसूस हुआ, जहां मैंने मुस्लिम बहुल देशों के 50 से अधिक नेताओं की सभा को संबोधित किया.’’ गौरतलब है की अमेरिका में इफ्तार पार्टी की शुरुआत वर्ष 1990 में बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान हुई थी. यहाँ पर मुस्लिम विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले ट्रंप ने दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान की मुबारकबाद दी तथा सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल करने के लिए सहयोग की उम्मीद की राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से कई लोग हैरान हो गए हैं. बता दें की पिछले साल उन्होंने इफ्तार की दावत देने से मना कर दिया था. इफ्तार पार्टी के लिए संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, ट्यूनीशिया, कतर, बहरीन, मोरक्को, अल्जीरिया, लीबिया, कुवैत, जाम्बिया, इथियोपिया, इराक और बोस्निया समेत कई मुस्लिम देशों के दूतों को बुलाया था.

अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार व्हाइट हाउस में अपनी ओर से इफ्तार की पार्टी का आयोजन किया. इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल करने के लिए वहां के मुस्लिम समुदाय से भी सहयोग की मांग की. इस मोके …

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पंजाब में शाह और बादल के बीच हुई बैठक

संपर्क फॉर समर्थन के तहत पंजाब पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चंडीगढ़ में गुरुवार को पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आवास पर हुई बैठक में मिशन 2019 पर चर्चा हुई और पंजाब में एनडीएन की चुनावी रणनीति बनाई गई. यहां शिअद-भाजपा ने एक समन्वय समिति बनाने का भी निर्णय लिया और एनडीए की मजबूती पर जोर दिया गया. बता दें कि इस बैठक में अमित शाह ने अकाली नेताओं के साथ कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जिनमें प्रमुख मुद्दा 2019 में होनेवाला लोकसभा चुनाव ही था.बैठक में पंजाब में किसानों की हालत , गन्ना किसानों के लिए 830 सौ करोड़ रुपये जारी करने, दलितों के मुद्दे और गुरुद्वारे में लंगर पर जीएसटी खत्म करने पर भी विचार किया गया.शाह ने करीब आधे घंटे तक प्रकाश सिंह बादल के साथ अकेले में कमरा बंद बैठक की. वैसे यह बैठक कुल डेढ़ घंटा चली. उल्लेखनीय है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच हर स्तर पर मिलकर कार्य करने के लिए दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं को शामिल करने के लिए एक समन्वय समिति बनाने पर भी सहमति बनी. बैठक में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल सहित कई नेता मौजूद थे.प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल ने अमित शाह का स्‍वागत किया. बैठक के बाद अमित शाह को सिरोपा भेंट किया गया.बाद में अमित शाह ने शाम को पूर्व ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर और प्रसिद्ध एथलीट मिल्‍खा सिंह से भी मुलाकात की.

संपर्क फॉर समर्थन के तहत पंजाब पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चंडीगढ़ में गुरुवार को पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आवास पर हुई बैठक में मिशन 2019 पर चर्चा हुई और पंजाब में एनडीएन की चुनावी रणनीति बनाई गई. यहां शिअद-भाजपा ने एक समन्वय समिति बनाने का भी …

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आरएसएस और बीजेपी को राजधर्म की याद

हाल ही में दो दिनों से देश में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आरएसएस के मुख्यालय जाने की चर्चा जोरो पर थी, इस दौरे के बाद जहाँ कांग्रेस के कुछ नेता नाराज थे वहीं प्रणव मुखर्जी का वहां जाना देश में बड़ा बहस का मुद्दा बन गया था जिसके बाद कल प्रणब मुखर्जी के भाषण के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि "प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस और मोदी को राजधर्म की याद दिलाई." इस बारे में सुरजेवाला ने कहा कि "मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में आरएसएस को सच का आईना दिखाया है. उनको बहुलवाद, सहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता और समग्रता के बारे में पाठ पढ़ाया है. प्रणब मुखर्जी के इस भाषण के बाद बीजेपी और आरएसएस को आत्मसात कर सोचना चाहिए और खुद में सुधार करना चाहिए." सुरजेवाला ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में आरएसएस का कहीं भी कोई जिक्र नहीं है. बता दें, प्रणब मुखर्जी के नागपुर दौरे से पहले कई कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की वहीं प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी प्रणब दा से नाराज दिखाई दी, जिसका जिक्र उन्होंने ट्वीट कर किया. हालाँकि प्रणब दा के भाषण के बाद कोंग्रेसियों ने अपने सुर बदल दिए और आरएसएस पर निशाना साधने लगे.

हाल ही में दो दिनों से देश में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आरएसएस के मुख्यालय जाने की चर्चा जोरो पर थी, इस दौरे के बाद जहाँ कांग्रेस के कुछ नेता नाराज थे वहीं प्रणव मुखर्जी का वहां जाना देश में बड़ा बहस का मुद्दा बन गया था जिसके बाद …

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भाजपा का बिहार में मुश्किलों से पार पाना आसान नहीं

आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर भाजपा इन दिनों अपने सहयोगी दलों को साधने के चक्कर में उलझी हुई है . शिव सेना को मनाने की कोशिशों के बीच बिहार में सीटों को लेकर सहयोगी दलों की खींचतान को लेकर चिंतित है . अब जेडीयू राजग में शामिल हो गई है , जिससे राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा गए हैं . पूर्व में राजग का सदस्य नहीं रहने वाली जेडीयू के लिए सीटों की गुंजाईश कम है. बता दें कि कल गुरुवार को हुए सहयोगी दलों के भोज से पहले लोजपा का सात सीटों पर दावा, रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की भोज से बनाई दूरी ने खटपट के संकेत दे दिए हैं.जदयू को 25:15 के पुराने फार्मूले का राग जोर पकड़ रहा है .जबकि भाजपा भी जानती है कि जेडीयू को ज्यादा देने के लिए कुछ नहीं है.इसीलिए लोजपा और रालोसपा को अपनी सीटें कम होने का खतरा हो रहा है . उल्लेखनीय है कि गत लोक सभा चुनाव के समय जेडीयू राजग में नहीं थी .तब भाजपा 30, लोजपा 7 और रालोसपा 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. राजग को कुल 31 सीटें (भाजपा 22, लोजपा 6 और रालोसपा 3) मिली थी. यदि तीनों दल पुरानी सीटों पर मान भी गए तो जदयू को लड़ने के लिए सिर्फ वे 9 सीटें ही मिल सकती है ,जहाँ राजद का प्रभाव है.हालाँकि डिप्टी सीएम सुशील मोदी का खेमा लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के लिए जदयू के लिए त्याग करने की अपील कर रहा है .दलित मुद्दे पर घिरी पार्टी न तो पासवान और न ही नाराज कुशवाह को छोड़ना चाहेगी. ऐसे में भाजपा अंत समय में सीटों के पत्ते खोलेगी, ताकि विकल्प कम रहें .

आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर भाजपा इन दिनों अपने सहयोगी दलों को साधने के चक्कर में उलझी हुई है . शिव सेना को मनाने की कोशिशों के बीच बिहार में सीटों को लेकर सहयोगी दलों की खींचतान को लेकर चिंतित है . अब जेडीयू राजग में शामिल हो गई …

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एससी/ एसटी कानून में अध्यादेश लाने को पीएम सहमत : पासवान

लोजपा प्रमुख व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनुसूचित जाति/जनजाति कानून को लेकर अध्यादेश लाने पर सहमत है. यह बात लोजपा प्रमुख व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने पटना के पार्टी कार्यालय में उनसे मिलने आए अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल से कही. बता दें कि खुद रामविलास पासवान ने पीएम से मिलकर कानून को सख्ती से लागू करने की पहल और अध्यादेश लाने का आग्रह किया था.इस मौके पर अजा वर्ग के संघ के नेताओं ने पदोन्नति में आरक्षण देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पासवान को बधाई देते हुए आभार प्रकट किया. पासवान ने नेताओं से कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही अनुसूचित जाति, जनजाति की लड़ाई लड़ती रही है. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार भी इस वर्ग की समस्याओं को लेकर चिन्तित होने के साथ ही इसके समाधान के लिए कोशिश कर रही है.स्मरण रहे कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अजा /अजजा वर्ग के लिए पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को अनुमति दे दी .लेकिन यह अनुमति इस मामले के अंतिम समाधान होने तक जारी रहेगी.

लोजपा प्रमुख व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनुसूचित जाति/जनजाति कानून को लेकर अध्यादेश लाने पर सहमत है. यह बात लोजपा प्रमुख व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने पटना के पार्टी कार्यालय में उनसे मिलने आए अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल …

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यशवंत-शत्रुघ्न और प्रवीण तोगड़िया आज मंदसौर में

देश भर में चल रहे किसान आंदोलन का आज आठवां दिन है वही मध्य प्रदेश में चल रहे गांव बंद आंदोलन को भी विपक्ष का समर्थन मिल रहा है.इसी बीच मंदसौर में भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के आज पहुंचने की खबर है. साथ ही विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया भी मन्दसौर आ रहे है. किसान नेताओं ने बताया कि मंदसौर के दलोदा क्षेत्र में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है. इसमें कक्का जी के साथ यशवंत सिन्हा, प्रवीण तोगड़िया और शत्रुघ्न सिन्हा शामिल होंगे. कक्का जी ने कहा कि किसानों की खामोशी पर सरकार अपनी पीठ न थपथपाए. उन्होंने कहा कि किसानों का सम्मान किसी भी कीमत पर गिरने नहीं दिया जाएगा. कक्का जी ने बताया कि 8 जून यानि शुक्रवार को दालौदा में अभिनेता शत्रुघ्न सिंहा, पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिंहा, जम्मू कश्मीर के राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हमीद मलिक, संदीप गिरडे, प्रकाश पांडे, विकास बांगे, सुरेश विष्ठ, वीरसिंह, अभिमन्यु गुहार दालौदा में मृत किसानों को श्रद्धांजलि देंगे. साथ ही कक्का जी ने कहा कि 8 अगस्त से अन्नदाता बचाओ आंदोलन का शंखनाद भारत छोड़ो आंदोलन की ऐतिहासिक तिथि से मंदसौर से होगा. आंदोलन एक जून से शुरू हुआ है और गांव बंद आंदोलन का आज आठवां दिन है. मध्य प्रदेश के कई जिलों में आंदोलन का मिल-जुला असर देखने को मिला. हालांकि आंदोलन का कहीं भी व्यापक असर देखने को नहीं मिला. इससे पहले 6 जून राहुल गाँधी भी मंदसौर आये थे. पिछले साल इसी तारीख को किसान आंदोलन में पुलिस की गोली से मारे गए 6 किसानों की याद में श्रद्धांजलि देने के लिए आये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने यहाँ एक जनसभा को भी सम्बोधित किया था और किसानों के परिवारों से भी मिले थे

देश भर में चल रहे किसान आंदोलन का आज आठवां दिन है वही मध्य प्रदेश में चल रहे गांव बंद आंदोलन को भी विपक्ष का समर्थन मिल रहा है.इसी बीच मंदसौर में भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के आज पहुंचने की खबर है. साथ ही …

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कर्नाटक में नाराज कांग्रेस विधायक सरकार के विरोध में उतरे

कर्नाटक में 15 दिन पुरानी एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार अभी से डगमगाने लगी है.मंत्री पद नहीं मिलने के कारण गठबंधन सरकार से नाराज कांग्रेस विधायकों ने मोर्चा खोलते हुए अपने विरोध को जाहिर भी कर दिया है. खबर है कि इनमें से कई विधायक भाजपा के भी सम्पर्क में हैं .हालाँकि कांग्रेस आलाकमान मामले पर नजर बनाए हुए हैं . बता दें कि कांग्रेस विधायकों की इस बगावत से कुमारस्‍वामी सरकार के अस्थिर होने की आशंका है.कांग्रेसी विधायक एचएम रेवन्ना नेकहा कि कुछ विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं, वहीं कुछ विधायक कांग्रेस छोड़ने का मन लगभग बना चुके हैं. भाजपा ने भी इसकी पुष्टि की है. नाराज विधायकों का आरोप है कि केसी वेणुगोपाल और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने सरकार बनाने में कोई भूमिका नहीं निभाई है .कई वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में नहीं रखने की भी नाराजी है .इनमें एमबी पाटिल, दिनेश गुंडूराव, रामलिंगा रेड्डी, आर रोशन बेग, एचके पाटिल, तनवीर सैत, सतीश जारकिहोली भी शामिल हैं. खास बात यह है कि बगावत करने वाले सतीश जारकिहोली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव भी हैं.उन्होंने स्वीकार किया कि मंत्री नहीं बनाए जाने से हम नाराज हैं. सभी विधायक अपना संदेश पार्टी को सही तरीके से देने के लिए जमा हुए थे.विधायक पार्टी नेता की बैठक को गलत नहीं मान रहे हैं . नाराज विधायकों में से कई लिंगायत समुदाय के हैं जो प्रदेश का सबसे बड़ा समुदाय है.कांग्रेस विधायकों की गतिविधियों पर आलाकमान की पैनी नजर है

कर्नाटक में 15 दिन पुरानी एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार अभी से डगमगाने लगी है.मंत्री पद नहीं मिलने के कारण गठबंधन सरकार से नाराज कांग्रेस विधायकों ने मोर्चा खोलते हुए अपने विरोध को जाहिर भी कर दिया है. खबर है कि इनमें से कई विधायक भाजपा के भी सम्पर्क में हैं …

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