भगवंत मान ने विधानसभा में चंडीगढ़ फ़ौरन पंजाब को सौंपने की करी मांग

अमृतसर: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ को फ़ौरन पंजाब को ट्रांसफर करने की माँग करते हुए शुक्रवार (1 अप्रैल 2022) को राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है। इसमें केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन में संतुलन को बिगाड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही चंडीगढ़ को फ़ौरन पंजाब को ट्रांसफर करने की माँग की गई है। 

गौरतलब है कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ ही पंजाब और पड़ोसी हरियाणा दोनों की राजधानी भी है। केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए सेवा नियमों में संशोधन कर रही है। इससे केंद्र सरकार के अधिकारियों की तरह चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को भी फायदा मिल रहा है। विधानसभा से पारित किए गए अपने प्रस्ताव में भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अनुसार, पंजाब को हरियाणा राज्य में पुनर्गठित किया गया था। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और पंजाब के कुछ हिस्सों को तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश को सौंप दिया गया था।

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मान ने आगे कहा कि, ‘तब से पंजाब और हरियाणा राज्य के नामांकित व्यक्तियों को कुछ अनुपात में प्रबंधन पदों को देकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMS) जैसी सामान्य संपत्ति के प्रशासन में एक संतुलन का जिक्र किया गया था। अपनी कई हालिया कार्रवाइयों के जरिए केंद्र सरकार इस संतुलन को बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।’ भगवंत मान ने कहा कि, ‘इसी प्रकार चंडीगढ़ प्रशासन हमेशा पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों द्वारा 60:40 के अनुपात में प्रबंधित किया गया है। हालाँकि, हाल ही में केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में बाहरी अधिकारियों की तैनाती कर दी है और चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम पेश किए हैं, जो कि पूरी तरह से अतीत में हुए समझौतों का उल्लंघन है।’

बता दें कि, AAP सरकार का यह कदम चंडीगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सेवा नियमों का विस्तार करने के केंद्र सरकार के फैसले के कुछ दिनों बाद आया है। इसमें केंद्र ने कहा था कि चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को केंद्र सरकार में कार्य करने वाले उनके समकक्षों के समान फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले की पंजाब की AAP सरकार ने आलोचना की थी। पहले चंडीगढ़ के कर्मचारी पंजाब सेवा नियमों के अधीन थे। अब केंद्र के नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 होगी। महिलाएँ भी केंद्र सेवा नियमों के मुताबिक, अब 2 साल की मातृत्व अवकाश का फायदा ले सकती हैं। इसके बाद राज्य में विपक्षी दलों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इससे चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कमजोर हो जाएगा।

बता दें कि चंडीगढ़ को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच बीते 50 वर्षों से अधिक समय से विवाद चला आ रहा है। दोनों राज्य चंडीगढ़ पर अपना-अपना दावा करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हिमाचल प्रदेश भी चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों पर अपना दावा करता है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com