इन दिनों देश भर में काॅमन वेल्थ गेम्स के चर्चे जोरों से हो रहे हैं। कितने भारतीय खिलाड़ी इन दिनों गोल्ड मेडल जीतने का सपना देख रहे हैं। देश की ऐसी ही एक खिलाड़ी सुशीला देवी भी हैं। सुशीला देवी ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से इतिहास रच दिया है। हालांकि इन्होंने सिल्वर मेडल जीता है फिर भी देश के नाम एक इतिहास लिखा है। तो चलिए जानते हैं इस खिलाड़ी ने आखिर क्या रिकाॅर्ड कायम किया है और किस तरह से देश का नाम रोशन किया है।
सुशीला ने किया है ये कारनामा
सुशीला देवी ने 48 किलोग्राम की कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता है। इन्हें दक्षिण अफ्रीकी जुडो के खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा। सुशीला व्हाइटबोई से हार कर बाहर हुई हैं। बता दें कि अब तक इस बार के काॅमन वेल्थ गेम्स में भारत को कुल 8 मेडल हासिल हो चुके हैं। इनमें तीन को गोल्ड मेडल ही शामिल हैं। बता दें कि जीते हुए मेडल में तीन सिल्वर व दो ब्राॅन्ज भी हैं। इन मेडलों में 6 वेट लिफ्टिंग और दो जुडो से आए हैं। मालूम हो कि सुशीला ने साल 2014 में ग्लास्गो काॅमन वेल्थ में भी सुशीला ने अपने नाम सिल्वर किया था। सुशीला का इस बार ये दूसरा मेडल है।
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ये है सुशीला का स्ट्रगल की कहानी
कुछ समय से सुशीला ने खेल को छोड़ रखा था क्योंकि वे चुटहिल थीं। उन्होंने साल 2018में खेल छोड़ने का भी मन बना लिया था। एक वेबसाइट की रिपोर्ट की मानें तो साल 2018 में चुटहील होने की वजह से उन्हें सात महीनों तक खेल से दूर रहना पड़ा था। बाद में एशियन गेम्स में भी वे ट्रायल पास नहीं कर पाई थीं। इसके बाद उनका मन बैठ सा गया था। उन्हें लगने लगा था कि उनका जुडो का करियर अब खत्म हो गया है। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी घर वापसी की तैयारी में दिन–रात एक कर दिए। उसी का नतीजा है कि उनका दिल टूट गया और तीन महीने का ब्रेक लेने के बाद भी वे मैदान पर खेल को उतरीं और नई उपलब्धियां हासिल की।
ऋषभ वर्मा