ब्रिक्स समिट से पहले चीन ने भारत को नसीहत देते हुए कहा कि वो इस समिट में पाकिस्तान में चल रहे आतंकी संगठनों का मुद्दा न उठाएं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने कहा कि उनके देश को चिंता है कि कहीं मोदी पिछले साल गोवा में आयोजित हुए ब्रिक्स समिट की तरह इस बार भी पाक आतंकियों का मुद्दा न उठा लें।
जम्मू में अवैध रूप से बसे रोहिंग्याओं पर सरकार का शख्त रवैया, फंडिग करने वालों पर गिर सकती है गाज
चूनयिंग ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी कदमों को लेकर के भारत की कुछ चिंताएं हैं। लेकिन इनको ब्रिक्स समिट में उठाना कहीं से भी लाजमी नहीं है। चूनयिंग ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान को लेकर के कोई सवाल उठाता है, तो फिर इससे ब्रिक्स समिट की सफलता पर असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन अपने खास सहयोगी पाकिस्तान के पक्ष में बोल सकता है।
प्रवक्ता ने कहा कि पूरे विश्व की निगाहें इस बार के ब्रिक्स समिट पर लगी हुई है। यह समिट 3 सितंबर से चीन के शियामेन में होने वाला है। चीन को आशा है कि सभी देश समिट को सफल बनाने में अपना योगदान देंगे।
ट्रंप ने लगाई थी आतंक के मुद्दे पर पाक को फटकार
इस बार के ब्रिक्स समिट में भारत के पास पाक के खिलाफ बोलने का आधार है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाक को आतंकियों के समर्थन पर लताड़ा था। ट्रंप ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिका अब पाकिस्तान के आतंकियों को ठिकाने लगा के रहेगा। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका किसी भी स्थिति में यह नहीं बर्दाश्त करेगा कि पाकिस्तान उग्रवादियों के लिए एक सुरक्षित स्वर्ग बना रहे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features