भारत और चीन में अकसर कोल्ड वाॅर चलती ही रहती है कभी राजनीति को लेकर तो कभी जमीनी विवाद को लेकर। हालांकि इस बार भारत व चीन के बीच ओलंपिक खेलों को लेकर विवाद चल रहा है। दरअसल चीन ने भारत व भारतीय खिलाड़ियों को लेकर आग उगली है और कहा है कि भारत में मेडल की भूख ही नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि चीन ने आखिर ऐसा क्यों कहा है और क्या है पूरा मामला।
चीनी मीडिया में भारत की जमकर हो रही किरकिरी
इन दिनों टोक्यो ओलंंपिक का खुमार लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। भारत ने अब तक तीन ब्राॅन्ज मेडल व एक सिल्वर अपने नाम कर लिया है। बता दें कि चीन ने अब तक 32 गोल्ड मेडल जीत कर अपना नाम ओलंपिक के शीर्ष पर बनाए रखा है। वहीं भारत अंक तालिका में चीन से बहुत दूर है क्योंकि भारत ने अभी सिर्फ तीन कांस्य पदक व एक रजत पदक जीता है। बता दें इस बात को लेकर चीन के मीडियाकर्मी भारत की खिल्ली उड़ा रहे हैं और ओलंंपिक में भारतीयों की परफार्मेंस की वजह से वे कह रहे हैं कि भारत में पदक की भूख ही नहीं है। चीनी मीडिया में भारत पर इस तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
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चीन में बच्चों को ऐसे बनाते हैं भावी गोल्ड मेडिलिस्ट
चीन के एक इंटरनेशनल रेडियो के लेख में कहा गया है, ‘चीन का टोक्यो में जबरदस्त प्रदर्शन रहा है.. जैसे कि वो ओलंपिक का सुपरपाॅवर हो। चीन ने अपने पदक की भूख दिखाई और जीत हासिल की। हालांकि अब सवाल ये उठता है कि भारतीयों में पदक को लेकर भूख कम क्यों है। ये बात सच है कि खेल व पढ़ाई साथ में चलती है तो मेहनत ज्यादा लगती है। खास बात ये है कि चीन के स्कूलों में बच्चे 6 साल की उम्र से ही एथलीट बनने के लिए तैयार किए जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ–साथ स्पोर्ट्स पर भी खासा ध्यान दिया जाता है और उन्हें देश के लिए प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए तैयार भी किया जाता है।’
ऋषभ वर्मा