कैग को यह जांच मीडिया में आई अलग-अलग खबरों के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर दी गई है। एलडीए के सचिव एमपी सिंह का कहना है कि कैग जांच से एलडीए की छवि सुधरेगी। हम हर जांच में प्रदेश सरकार को पूरी मदद कर रहे हैं। कैग जो भी दस्तावेज हमसे चाहेगा उसके अधिकारियों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीट में लखनऊ मेट्रो में भी वित्तीय अनियमितता की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि कैग से मेट्रो के कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया की जांच पर फोकस करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा केंद्र और राज्य से मिले बजट को अलग-अलग मद में खर्च करने पर भी जांच हो सकती है।
लखनऊ मेट्रो के प्रवक्ता अमित कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि कैग हमारे वित्तीय लेनदेन का ऑडिट हर साल करता है। कैग रिपोर्ट में मेट्रो के वित्तीय खर्च पर सवाल उठाने की जगह तारीफ ही की गई है। इस साल भी कैग रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें भी कोई अनियमितता कैग को नहीं मिली थी। अगर प्रदेश सरकार को लगता है कि कोई वित्तीय अनियमितता है तो इसकी जांच के लिए लखनऊ मेट्रो तैयार है।