यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में भारी भीड़ होने की वजह से लोगों में धक्कामुक्की शुरू हो गई. यहां घटना करीब 11 बजे की है, जिसमें कई महिलाएं भी जख्मी हुई हैं. इस जख्मी महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.गुरु पूर्णिमा पर CM योगी ने दिया ‘गुरुमंत्र’, कहा- गोरखपुर में कौशल विकास पर दिया जोर
दरअसल गुरु पूर्णिमा के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे. वहां उनके जनता दरबार में फरियादियों भारी भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ संभालने के लिए प्रशासन की तरफ से वहां पर्याप्त इंतजामों का अभाव दिखा. मौके पर मौजूद पुलिसवाले भीड़ के आगे बेबस नजर आए. वे लगातार हालात संभालने की कोशिश करते रहे, लेकिन सीएम योगी से मिलने वाले धक्कामुक्की कर आगे बढ़ते रहे.
इस दौरान उन्होंने भीड़ को संभालने के लिए रस्सी खोली, तो फरियादियों की भीड़ बेकाबू हो गई और देखते ही देखते धक्कामुक्की शुरू हो गई. इस धक्कामुक्की में कई महिलाएं गिरकर जख्मी हो गईं.
दरअसल गुरु पूर्णिमा के मौके पर योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में अपने शिष्यों के बीच गुरु के रूप में बैठे. योगी आदित्यनाथ इस मौके पर सीएम नहीं, बल्कि महंत आदित्यनाथ योगी के रूप में गुरु की भूमिका में दिखें. इस दिन के लिए खास तौर पर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे थे, जिनसे मिलने और अपनी फरियाद सुनाने के लिए लोगों की भारी भीड़ थी. इस दौरान कई महिलाएं भी वहां पहुंची थीं.
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बता दें कि गुरु पूर्णिमा के इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में नहीं रखा गया था और सुबह से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक का वक्त आरक्षित वक्त के तौर पर उनके प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है, इसलिए यह पूरा वक्त गुरु पूर्णिमा पर उनके अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और महंत की भूमिका निभाने के लिए रखा गया था.
इससे पहले रविवार की सुबह योगी आदित्यनाथ अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ को चंदन लगाकर पूजा की शुरुआत की. गोरखपुर का गोरखनाथ पीठ इस पंथ में आस्था रखने वालों का सबसे बड़ा केंद्र है, जहां कई सौ सालों से गुरु शिष्य परंपरा चली आ रही है. गोरखनाथ को मानने वालों में हर साल गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु से आशीर्वाद लेने और गुरु दक्षिणा देने की सदियों पुरानी परंपरा है और बता और महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते इस परंपरा को निभा रहे हैं. इस मौके पर गुरु दक्षिणा में शिष्य उनका पूजन करते हैं, उन्हें फल चढ़ाते हैं और गोरखनाथ पीठ में गुरुदक्षिणा देते हैं, जबकि गुरु के तौर पर महंत उन्हें फल और फूल आशीर्वाद स्वरूप देते हैं.