टोक्यो ओलंपिक अब समापन की तरफ बढ़ रहा है अगर मेडल के लिहाज से बात की जाए तो लंदन के बाद ये भारत का दूसरा सबसे सफल ओलंपिक बन गया है। इस साल के ओलंपिक में भारत ने कई खेलों में देश का परचम लहराया है। उन्हीं खेलों में से एक खेल कुश्ती भी है। भारत के रवि कुमार दहिया ने भारत को दूसरा सिल्वर मेडल जिताने में सफल रहे हैं। वहीं दीपक पुनिया ने आखिरी के 8 सेकंड में हार कर ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गए थे लेकिन टोक्यो में एक ऐसा वाक्या भी सामने आया है जिस वजह से देश की छवि खेलों के महाकुंभ में धूमिल हो गई है। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा माजरा
दीपक के कोच ने की ये गलत हरकत
ये हम सब जानते हैं कि दीपक कितने अच्छे रेसलर हैं। उन्होंने ओलंपिक में जबरदस्त प्रदर्शन किया था पर आखिरी कुछ सेकंड में उनके हाथ से ब्रॉन्ज मेडल फिसल गया था। हालांकि इस हार के बाद भी उन्होंने अपना संतुलन नहीं खोया लेकिन उनकी इस हार को उनके मुख्य कोच मोराड गेड्रोव पचा नहीं पाए। ओलंपिक से निकल कर आ रही खबरों की मानें तो मोराड ने मैच के बाद रेफरी पर हमला कर दिया। जिस वजह से ओलंपिक समिति ने उन पर कड़ा एक्शन ले लिया।
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आईओसी ने लिया कड़ा फैसला
ओलंपिक खेलों के दौरान ऐसी आपत्तिजनक हरकत करने की वजह से आईओसी ने फ़ौरन ही उनकी मान्यता रद्द कर दी है। इस कारण वो आगे कभी किसी भी ओलंपिक टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। इसके अलावा उनका कोचिंग लाइसेंस भी उनसे छीन लिया गया है। इस गलत हरकत के बाद उन्हें खेल गांव से भी बाहर निकाल दिया गया है।
खुद जीत चुके हैं मेडल
रूस के रहने वाले मोराड गेड्रोव खुद एक बेहतरीन रेसलर रह चुके हैं। उन्होंने साल 2008 में हुए बीजिंग ओलंपिक में 74 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। बता दें कि गुरुवार को मैच के बाद मोराड ने रेफरी के कमरे में जाकर हाथापाई शुरू कर दी थी। हालांकि भारतीय कुश्ती महासंघ ने उन्हें उनकी इस हरकत के लिए टर्मिनेट भी कर दिया है।
ऋषभ वर्मा