कर्नाटक के मादीकेरी में पुलिस उपाधीक्षक एमके गणपति की रहस्यमय मौत के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर प्रदेश के मंत्री केजे जॉर्ज, पूर्व आईजीपी (लोकायुक्त) प्रणव मोहंती और पुलिस के पूर्व एडीजी (प्रदेश का खुफिया विभाग) एएम प्रसाद को आरोपी बनाया है। एक आदेश पर हाईकोर्ट में मचा हडकंप, वजह- गुरुपर्व पर पटाखे जलेंगे या नहीं
गणपति का शव पिछले साल 7 जुलाई को मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
नियमों के मुताबिक, सीबीआई ने कर्नाटक पुलिस की एफआईआर फिर से दर्ज की है। जांच एजेंसी का आरोप है कि गणपति ने अपनी मौत से पहले अपनी मौत के लिए जॉर्ज, मोहंती और प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया था।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने मरहूम पुलिस अधिकारी के पिता एमएम कुशलप्प की अपील स्वीकार करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया था।
याचिका में गणपति की मौत के मामले की सीबीआई जांच की गुहार की गई थी। पीठ ने कहा कि इस मामले में कुछ चौंकाने वाले तथ्य हैं। चाहे यह हत्या या आत्महत्या का मामला हो, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पीठ ने सीबीआई को तीन महीने के अंदर स्थिति रिपोर्ट भी दर्ज करने को कहा था।